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कैंसर पीड़ितों को जीना सिखाता है KGMU का सपोर्ट ग्रुप

यूपी के केजीएमयू में एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में एक सपोर्ट ग्रुप चलाया जाता है. यह ग्रुप कैंसर पीड़ितों के हिचक को तोड़ने के लिए बनाया गया है.

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एंडोक्राइन सर्जरी विभाग.
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Published : Feb 6, 2020, 7:00 AM IST

लखनऊ: केजीएमयू में कैंसर मरीजों को ठीक करने के साथ-साथ एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में एक सपोर्ट ग्रुप भी चलाया जाता है. ये प्रदेश का एकलौता ऐसा सपोर्ट ग्रुप है, जहां ठीक हुए कैंसर रोगी और नए कैंसर रोगियों को आमने-सामने बिठाकर उनकी मुलाकात करवाई जाती है. इसके माध्यम से कैंसर मरीजों के हिचक को तोड़ा जाता है.

कैंसर पीड़ितों को जीना सिखाता है सपोर्ट ग्रुप.

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी अस्पताल फेस टू में एंडोक्राइन सर्जरी विभाग है. इस विभाग में ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों का इलाज किया जाता है. यहां पर लखनऊ कैंसर सपोर्ट ग्रुप भी बनाया गया है, जो महीने के पहले बुधवार को कैंसर सर्वाइवर्स और नए कैंसर रोगियों को आमने-सामने बिठाता है.

दिन-प्रतिदिन बढ़ रही रोगियों की संख्या
विभाग के हेड डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि इस ग्रुप को इसलिए बनाया गया, क्योंकि कैंसर का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं. ये बीमारी ऐसी है कि दिन-प्रतिदिन रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में हमें लगा कि जो रोगी ठीक हुए हैं उन्हें नए आने वाले रोगियों से मिलवाकर उनके हिचक और डर को तोड़ सकें. इस रोग के बारे में मरीजों और उनके घरवालों के मन में जो सवाल है या कोई समस्या है तो उसके बारे में ठीक हुए रोगियों से बातचीत कराई जाती है.

नए मरीजों से सर्वाइवर्स की मुलाकात
बलरामपुर से आए नए रोगी 74 वर्षीय कृष्ण गोपाल शरण मिश्र ने बताया कि बहुत दिनों तक छाती में एक गांठ थी, जिसे नजरअंदाज किया. जांच करवाई तो पता चला कि उन्हें कैंसर है. कृष्ण गोपाल ने कहा कि पिछले महीने के मीटिंग में हमें बीमारी के साथ-साथ योग करने और उसके फायदे के बारे में बताया गया था. साथ ही कौन से आसन हम कर सकते हैं, इसके बारे में पता चला.

ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर बीना ने कहा कि 4 साल पहले मुझे पता चला था कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी है. मैंने इलाज करवाया. अब मैं बिल्कुल ठीक हूं. सामान्य जीवन जी रही हूं. मुझे पता चला कि विभाग में नए रोगियों के लिए सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है. अब मैं सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा हूं. इस महीने का यह टास्क था कि हर सर्वाइवर्स के पास 2 से 3 नए रोगी थे. रोगियों की हिचक तोड़नी थी. मुझे खुशी है कि मैं कैंसर से मुक्त होकर, मरीजों की मदद कर पा रही हूं.

लखनऊ: केजीएमयू में कैंसर मरीजों को ठीक करने के साथ-साथ एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में एक सपोर्ट ग्रुप भी चलाया जाता है. ये प्रदेश का एकलौता ऐसा सपोर्ट ग्रुप है, जहां ठीक हुए कैंसर रोगी और नए कैंसर रोगियों को आमने-सामने बिठाकर उनकी मुलाकात करवाई जाती है. इसके माध्यम से कैंसर मरीजों के हिचक को तोड़ा जाता है.

कैंसर पीड़ितों को जीना सिखाता है सपोर्ट ग्रुप.

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी अस्पताल फेस टू में एंडोक्राइन सर्जरी विभाग है. इस विभाग में ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों का इलाज किया जाता है. यहां पर लखनऊ कैंसर सपोर्ट ग्रुप भी बनाया गया है, जो महीने के पहले बुधवार को कैंसर सर्वाइवर्स और नए कैंसर रोगियों को आमने-सामने बिठाता है.

दिन-प्रतिदिन बढ़ रही रोगियों की संख्या
विभाग के हेड डॉ. आनंद मिश्रा ने बताया कि इस ग्रुप को इसलिए बनाया गया, क्योंकि कैंसर का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं. ये बीमारी ऐसी है कि दिन-प्रतिदिन रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में हमें लगा कि जो रोगी ठीक हुए हैं उन्हें नए आने वाले रोगियों से मिलवाकर उनके हिचक और डर को तोड़ सकें. इस रोग के बारे में मरीजों और उनके घरवालों के मन में जो सवाल है या कोई समस्या है तो उसके बारे में ठीक हुए रोगियों से बातचीत कराई जाती है.

नए मरीजों से सर्वाइवर्स की मुलाकात
बलरामपुर से आए नए रोगी 74 वर्षीय कृष्ण गोपाल शरण मिश्र ने बताया कि बहुत दिनों तक छाती में एक गांठ थी, जिसे नजरअंदाज किया. जांच करवाई तो पता चला कि उन्हें कैंसर है. कृष्ण गोपाल ने कहा कि पिछले महीने के मीटिंग में हमें बीमारी के साथ-साथ योग करने और उसके फायदे के बारे में बताया गया था. साथ ही कौन से आसन हम कर सकते हैं, इसके बारे में पता चला.

ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर बीना ने कहा कि 4 साल पहले मुझे पता चला था कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी है. मैंने इलाज करवाया. अब मैं बिल्कुल ठीक हूं. सामान्य जीवन जी रही हूं. मुझे पता चला कि विभाग में नए रोगियों के लिए सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है. अब मैं सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा हूं. इस महीने का यह टास्क था कि हर सर्वाइवर्स के पास 2 से 3 नए रोगी थे. रोगियों की हिचक तोड़नी थी. मुझे खुशी है कि मैं कैंसर से मुक्त होकर, मरीजों की मदद कर पा रही हूं.

Intro:लखनऊ। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही पहले लोग घबरा जाते हैं और फिर इलाज करने भर में उनकी आर्थिक स्थिति भी डांवाडोल हो जाती है। ऐसे में आर्थिक स्थिति के साथ मानसिक स्थिति पर भी दबाव पड़ना लाजमी होता है। कैंसर मरीजों को ठीक करने के साथ-साथ केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में एक सपोर्ट ग्रुप भी चलाया जाता है जो प्रदेश का एकलौता ऐसा सपोर्ट ग्रुप है जहां ठीक हुए कैंसर रोगी और नए कैंसर रोगियों को आमने-सामने बिठाकर उनकी मुलाकात करवाई जाती है। ऐसा क्यों करवाया जाता है, पढ़िए इस रिपोर्ट में-


Body:वीओ1 किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के शताब्दी अस्पताल फेस टू मैं एंडोक्राइन सर्जरी विभाग है इस विभाग में ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों का इलाज किया जाता है। साथ ही साथ यहां पर लखनऊ कैंसर सपोर्ट ग्रुप भी बनाया गया है जो महीने के पहले बुधवार को कैंसर सरवाइवर्स और नए कैंसर रोगियों को आमने सामने बिठाता है। इस बारे में विभाग के हेड डॉ आनंद मिश्रा कहते हैं कि इस ग्रुप को बनाने की जरूरत है इसलिए हुई क्योंकि कैंसर का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं और साथ ही उनके अंदर एक हिचक भी होती है। बीमारी ऐसी है कि दिन प्रतिदिन रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में हमें लगा कि जो रोगी ठीक हुए हैं उन्हें नए आने वाले रोगियों से मिलवा कर हम उनकी हिचक को तोड़ सकते हैं और इस रोग के बारे में मरीजों और उनके घरवालों के मन में जो सवाल है या कोई समस्या है तो उसके बारे में ठीक हुए रोगियों से भी बातचीत कर अपनी हर परेशानी का हल पा सकते हैं। दत्त मिश्रा कहते हैं कि रोग का इलाज तो हम कर देते हैं पर मानसिक स्थिति और हिचक को तोड़ पाना काफी मुश्किल होता है ऐसे में यह जरिया काफी कारगर साबित हो रहा है। लखनऊ कैसे सपोर्ट ग्रुप में शामिल नए रोगियों में से हमने बलरामपुर से आए 74 वर्षीय कृष्ण गोपाल शरण मिश्र से बातचीत की। उन्होंने बताया कि बहुत दिनों तक छाती में एक गांठ थी जिस को नजरअंदाज करते रहे लेकिन जब लोगों ने दबाव बनाया तो आकर उन्होंने जांच करवाई जांच में पता चला कि उन्हें कैंसर है और अब उनकी कीमोथेरेपी के सेशन शुरू हुए हैं। वो कहते हैं कि सपोर्ट ग्रुप में आकर तमाम ऐसी चीजें मुझे पता चलती है जो इस रोग में इलाज के साथ-साथ कारगर साबित होती हैं। कृष्ण गोपाल कहते हैं कि पिछले महीने के मीटिंग में हमें बीमारी के साथ-साथ योग करने और उसके फायदे के बारे में बताया गया था। साथ ही कौन से आसन हम कर सकते हैं इस बारे में हमें पता चला था। इस बार मेरे मन में कुछ सवाल थे जो मैंने यहां पर ठीक हुए रोगियों से पूछे तो शंका दूर हो गई। वह इस बारे में लखनऊ कैंसर सपोर्ट ग्रुप से जुड़ी हुई ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर बीना कहती हैं कि 4 साल पहले मुझे पता चला था कि मुझे ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी है और मैंने इलाज करवाया और अभी मैं बिल्कुल ठीक हूं और सामान्य जीवन जी रही हूं जब पता चला कि यहां पर ऐसा कोई सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है जो नए रोगियों के लिए है तो मुझे लगा कि जिन परेशानियों से मैं 24 हुई हूं या मेरे परिवार को तकलीफ हुई है उन परेशानियों से निकलने और उसका हल बताने में मैं लोगों की सहायता कर सकती हूं इसलिए मैं इस सपोर्ट ग्रुप का हिस्सा बनी हूं। इस महीने का यह टास्क था कि हर सर्वाइवर के पास 2 से 3 नए रोगी थे जिनसे वह बात करके उनके हिचक तोड़ रहे थे। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि मैं कैंसर से मुक्त होकर अब मरीजों की अपने स्तर पर मदद कर पा रही हूं।


Conclusion:केजीएमयू में चलाया जा रहा लखनऊ कैंसर सपोर्ट ग्रुप कई मायनों में रोगियों के लिए काम कर रहा है। इससे कैंसर रोगियों की मानसिक स्थिति को तो बेहतर किया जा रहा है पर साथ ही सर्वाइवर उसकी भी सामान्य जिंदगी में भी आत्मविश्वास बढ़ा रहा है। बाइट- ब्रैस्ट कैंसर पेशेंट बाइट- ब्रैस्ट कैंसर सर्वाइवर बाइट- डॉ आनंद मिश्रा, विभागाध्यक्ष, एंडोक्राइन सर्जरी विभाग केजीएमयू पिटीसी- रामांशी मिश्रा रामांशी मिश्रा 9598003584
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