लखनऊ: यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर बहस के दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ये सरकार लखनऊ से दिल्ली और मुम्बई तक मेडिकल कॉलेजों का प्रचार करती है. जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार वाले राज्य की सूची से ही उत्तर प्रदेश बाहर हो गया. क्योंकि ये जानबूझकर कर रहे हैं. ये चाहते है कि लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाए. यही कारण है कि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आपका बजट मात्र ₹174 करोड़ है.
मेडिकल कॉलेजों के हाल पर अखिलेश ने जताई चिंताः अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार ने मेडिकल कॉलेजों का क्या हाल कर दिया है. आजमगढ़ जौनपुर लखीमपुर के मेडिकल कॉलेजों का क्या हाल है कोई भी देख सकता है. सीएम योगी जानते होंगे, जब उनके जनता दर्शन कार्यक्रम में लोग जाते हैं. सबसे ज्यादा कैंसर से पीड़ित लोग पैसों की मदद के लिए जाते हैं. समाजवादियों ने विश्व स्तर का कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट बनवाया था.
कैंसर अस्पताल में स्टाफ तक भर्ती नहीं कर पाई सरकारः आज उसकी हालत देखिये, सरकार बताए क्या वहां टेक्निकल स्टॉफ डायरेक्टर डॉक्टर्स की तैनाती हो गई? जब आप डायरेक्टर नहीं अपॉइंट कर पाए तो इलाज क्या करेंगे. लखनऊ में मेदांता अस्पताल अगर किसी ने दिया तो समाजवादी सरकार ने बनवाया. अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार सरकारी सुविधा को खत्म कर रही है, प्राइवेट की ओर ले जा रही है. सरकारी डॉक्टर्स सरकारी अस्पताल छोड़कर प्राइवेट अस्पतालों की ओर जा रहे है, क्योंकि आप उन्हें सुविधा नहीं दे पा रहे हैं.
भारी-भरकम बजट के बाद भी सड़कें गड्ढामुक्त नहीं हुईंः उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार सड़क के गड्ढे नहीं भर पा रही है. क्या उत्तर प्रदेश सरकार बताएगी कि सड़कें गड्ढामुक्त हो गईं. लखनऊ कानपुर मंडल की सड़कें सबसे ज्यादा गड्ढा युक्त हैं. सरकार बताये कि गड्ढामुक्ति पर कितना पैसा खर्च हुआ. 40 हजार करोड़ रु गड्ढामुक्त के नाम पर बजट में ले लिए. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री के जनपद की सड़क 90 किलोमीटर की है और 6 हजार करोड़ की लागत से बन रही है. लिंक एक्सप्रेस-वे बनवा रहे हैं लेकिन आज तक नहीं बनवा पाए.
सीएम योगी ने अखिलेश के सवालों पर दिया करारा जवाबः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुपूरक बजट पर कहा कि मुझे अफसोस हुआ. नेता विरोधी दल लीक से हटकर बोलने के आदी हो गए हैं, जो बीमारी बिहार में देखने को मिल रही है वो यहां भी देखने को मिली. सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे की बात शायरी पढ़कर कही. बोले- 'बड़ा हसीन है, उनकी जुबान का जादू, लगा के आग बहार की बात करते हैं..जिन्होंने रात मे बेखौफ बस्तियां लूटी, वही नसीब के मारों की बात करते हैं'...
नए भारत का नया उत्तर प्रदेश उभरकर सामने आयाः सीएम ने कहा कि पिछले सात वर्षों में सदन में चर्चा-परिचर्चा का माहौल बना है. विरोधी दलों के लोग भी तैयारी करके आना चाहते हैं, ये अच्छी बात है. नेता विरोधी दल मुख्यमंत्री रह चुके हैं, 2017 के पहले का उत्तरप्रदेश अराजकता गुंडागर्दी अव्यवस्था और युवाओं के पहचान के संकट वाला प्रदेश बन गया था. 2017 के बाद लोगों की धारणाएं बदलीं. यह नए भारत का नया उत्तरप्रदेश है. यही परसेप्शन प्रदेश की पहचान है.
सरकार अपनी आय का भी रखती है ध्यानः वन ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए हम कार्य कर रहे हैं. अगर प्रदेश की प्रगति होगी तो विपक्ष को भी लाभ मिलेगा. प्रदेश में बजट का आकार बढ़ा है. 2017 से 2022/23 तक हमारा बजट प्रतिवर्ष बढ़ा है. ये अनुपूरक बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है. प्रदेश में जब सरकार बजट लेकर आती है. अपनी आय का भी ध्यान रखना होता है.
अखिलश जी होमवर्क नहीं कर पाए, उनके पास समय कहां हैः सीएम ने कहा कि प्रदेश का राजकोषीय प्रबंधन बेहतरीन ढंग से हो रहा है. आज प्रदेश रेवेन्यू सरपलस स्टेट है. आज राज्यकर डेढ़ लाख करोड़ तक पहुंच रहा है, स्टाम्प से हम 34 हजार करोड़ तक पहुंचे हैं. एकसाइज में 58 हजार करोड़ तक प्राप्त हो रहा है. सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के आंकड़े वास्तविक नहीं थे, वे अच्छा होमवर्क नहीं कर पाए, उनके पास समय हीं नही होता.
इथेनोल प्रोडकशन में प्रदेश नंबर वनः मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बैंकों के माध्यम से ऋण वितरित किए गए. आज 5 किमी के क्षेत्र में बैंकिंग ब्रांच या बैंकिंग सखी के माध्यम से कार्य हो रहे हैं. सीएम ने कहा कि ये आंकड़े आरबीआई बुलेटिन से आपके सामने हैं, किसी मैगजीन से नहीं हैं. नेता सदन ने कहा कि आज प्रदेश जीएसटी रजिस्ट्रेशन मे शीरा उत्पादन में इथेनोल प्रोडकशन नंबर एक है.
सपाई हर काम को अपना बताते हैंः सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष हर कार्य को समाजवादियों की बताने से नहीं चूकते. लेकिन, इनके कारनामे सब जानते हैं. नेता विरोधी दल को चुनाव पूर्व कोई इंटरव्यू देना होता है तभी एक सेंटर में आते हैं. प्रदेश में सत्ता प्रयोजीत डकैती का सबसे अच्छा उदाहरण है. उन्हीं में से है JPNIC. इसका मूल डीपी आर सिर्फ 265 करोड़ का आंका गया था. इसके बाद 821 करोड़ खर्च हो गया, तब भी ये पूरा नहीं हो पाया.
ईडी कई मामलों की जांच कर रहीः कहा कि गोमती रीवर फ्रंट का पीपीआर 167 करोड़ का था, फिर इसका डीपीआर 346 करोड़ के लगभग हुआ, इसके बाद 2015 में इसको इन्होंने 656 करोड़ तक लेकर गए, जून 2016 में इनकी कैबिनेट में इसी योजना का रिवाइज एस्टीमेट 1513 करोड़ का हुआ. 1437 करोड़ खर्च होने के बाद भी कार्य अधूरा ही रह गया. सीबीआइ ईडी के माध्यम से इसकी जांच हो रही है.
यूपी में महिला संबंधी अपराध में सबसे ज्यादा सजाएं हुईंः नेता सदन ने कहा कि 2017 के बाद ये जीरो टॉलरेन्स की सरकार है, जो हम सुरक्षा दे रहे हैं. एनसीआरबी के आंकड़ों में महिला संबंधी अपराध में सजा दिलाने वाला पहला राज्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया की सम्पत्ति को धवस्त जब्त किया गया,प्रदेश के 66 सूचीबद्ध माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गयी. प्रत्येक जनपद में एक महिला थाना व महिला प्रभारी की नियुक्ति की गयी है. प्रदेश सरकार की पहल पर पॉक्सो अधिनियम में भी सजा दिलवाने का कार्य हो रहा है. प्रदेश में तीन पीएसी महिला बटालियन की स्थापना पहली बार हुई.
साइबर क्राइम रोकने को पॉलिसी बनीः सीएम ने कहा कि हमारे सामने साइबर क्राइम एक चैलेन्ज हैं. 2017 के पहले इस सबंध में सरकार की कोई जागरूकता नहीं थी, ना ही कोई पॉलिसी थी. प्रदेश में 2017 के पहले नौकरी भर्तियों की बात करें तो सिर्फ पुलिस में ही एक लाख 64 हजार भर्ती हुईं. 2017 के पहले भर्ती प्रक्रिया बाधित रही. जब हम सत्ता में आए तो पुलिस ट्रेनिंग के सेंटर नहीं थे. हमने इसको बढ़ाने का कार्य किया.
काका हाथरसी की लाइनों के जरिए सपा पर योगी ने किया हमलाः सीएम ने कहा कि औद्योगिक निवेश की बात करें तो नेता विरोधी दल बुरा मान जाएंगे. काका हाथरसी ने कहा था, प्रकृति बदलती क्षण-क्षण देखो, बदल रहे अणु पल-पल देखो. तुम निष्क्रिय से पड़े हुए थे. भाग्यवाद पर अड़े हुए थे. छोड़ो मित्र, पुरानी डपली, जीवन में परिवर्तन लाओ, परम्परा से ऊंचे उठकर, कुछ तो स्टैंडर्ड बनाओ. काका हाथरसी ने शायद इसको पहले ही सोचकर लिख दिया था.
यूपी को मिल चुके हैं 40 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्तावः योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश को अब तक 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके है. क्या समाजवादी सरकार में ये आते. जो होते वो भी भाग खड़े होते, हमारे उत्तरप्रदेश के नौजवान को अब कहीं जाना नहीं पड़ेगा. पहले कहा जाता था जहां से अंधेरा मिले वहीं से जानो उत्तर प्रदेश है. सड़क में जहां से गड्ढे मिले वहीं से जानो उत्तर प्रदेश है.
बबूल का पेड़ लगाएंगे तो आम कहां से खाएंगेः उन्होंने कहा कि शिवपाल जी इसको मानते हैं..जब आप बबूल का पेड़ लगाएंगे तो आम कहां से खाएंगे, नेता प्रतिपक्ष ने ठीक से पढ़ा नहीं. अगर पढ़ा होता तो ऐसी बात न कहते...हमने कार्य के अंतर्गत होने के कार्यों के लिए अलग से पैसा नहीं मांगा. ये गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए पैसा मांगा गया है. अन्य किसी एक्सप्रेस-वे के लिए नहीं है.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर योगी ने अखिलेश को दिया करारा जवाबः मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का बजट छह हजार करोड़ नहीं, 3400 करोड़ का है. नेता प्रतिपक्ष की पीड़ा वीआईपी कल्चर की समाप्ति को लेकर भी होगी. क्योंकि गरीब की पीड़ा उन्होंने देखी ही नहीं. जब हम इनको गिनवाने लगेंगे तो ये मुंह दिखाने लायक नहीं बचेंगे. प्रदेश में शिक्षा या खेल को देखें तो एशियन गेम्स में भारत ने 111 मेडल प्राप्त किए. इसमें 25% उत्तर प्रदेश ने प्राप्त किए.
विरोधी दल कब करते हैं जाति-जातिः उन्होंने कहा कि 2017 के पहले और बाद में शिक्षा, मेडिकल या अन्य किसी सेक्टर को देखें तो पता चलेगा कि पहले जैसी सरकार थी वैसी ही संस्थाएं भी हो गयी थीं. जैसे दिशाहीन सरकार थी वैसे ही संस्थाएं बन गयी थी. तब सर्दी में स्कूली बच्चे नंगे पांव ठिठूरते रहते थे. जब सपाइयों के सारे अस्त्र फेल हो जाते हैं तब ये अपना ब्रह्मास्त्र चलाते हैं. 'जाति', जाति जाति करते रहते है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अखिलेश यादव PDA की बात करते हैं. क्या राजू पाल पीडीए के पार्ट नहीं थे. उमेश पाल पीडीए के पार्ट नहीं थे क्या?कांशीराम के नाम पर बने स्मारक को तोड़ने वाले पीडीए की बात करते हैं. जब गरीब भूखों मरता था, किसान आत्महत्या करता था. तब सरकार में रहकर पीडीए की बात नहीं करते थे. जाति इनके लिए झुनझुना है.
हमने तो 2017 देखा, 2022 भी देखा है, 2024 भी देख रहे हैं, 2027 की तैयारी है, कहीं कोई कमी नहीं है. हम तो मानते हैं - चिराग जिसे आंधियों ने पाला है, उसे हवा नहीं बुझा सकती है. इसी लिए महाकवि दिनकर जी ने कहा था कि मूल जानना बहुत कठिन है, नदियों का, वीरों का.., धनुष छोड़ और गोत्र क्या होता है, रणधीरो का..., पाते हैं सम्मान भूतल पर शूर.., जाति जाति का शोर मचाते,केवल कायर क्रूर., जब आपके पास मुद्दा न हो और अवसर था तब डकैती डालते थे, भ्रष्टाचार करके हक पर डकैती डालते थे...भाई भतीजावाद करके हक मारते थे...तब पीडीए की याद नहीं आती थी. सीएम योगी आदित्यनाथ की बात के साथ ही विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.