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सुन्नी वक्फ बोर्ड ASI सर्वे के आदेश को हाईकोर्ट में देगा चुनौती

ज्ञानवापी मामले को लेकर सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. लंबे वक्त से चले आ रहे प्रकरण में पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सिविल कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पूरे मामले की जिम्मेदारी सौंपी है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड.
सुन्नी वक्फ बोर्ड.
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Published : Apr 8, 2021, 9:53 PM IST

Updated : Apr 9, 2021, 1:51 AM IST

लखनऊ: ज्ञानवापी मामले को लेकर सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ASI सर्वे के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देगा. लंबे वक्त से चले आ रहे प्रकरण में पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सिविल कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पूरे मामले की जिम्मेदारी सौंपी है और अपने खर्च पर 5 लोगों की टीम बनाकर प्रकरण में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के आदेश जारी किए हैं. इसको लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा है कि एएसआई द्वारा मस्जिदों की जांच की प्रथा को रोकना होगा. हम इस अनुचित आदेश के खिलाफ तुरंत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

पढ़ें: काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, पुरातत्व विभाग करेगा सर्वे

हाईकोर्ट जाने की सुन्नी वक्फ बोर्ड ने की तैयारी

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि हमारी समझ स्पष्ट है कि इस मामले को पूजा के स्थान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा रोक दिया गया है. उपासना अधिनियम को अयोध्या के फैसले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जज संविधान पीठ ने बरकरार रखा है. ज्ञानवापी मस्जिद की स्थिति किसी तरह के प्रश्न से परे है. उन्होंने कहा कि कानूनी सलाह के अनुसार कह सकते हैं कि सर्वेक्षण का आदेश उचित नहीं है, क्योंकि तकनीकी प्रमाण केवल कुछ मूलभूत तथ्यों को ही पूरा कर सकते हैं. इस मामले में पहले से कोई सबूत पेश नहीं किया गया है कि मस्जिद के स्थान पर पहले से मंदिर मौजूद था. अयोध्या के फैसले में भी एएसआई की खुदाई का कोई फायदा नहीं हुआ था. एएसआई को इस बात का सबूत नहीं मिला कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़ने पर बनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से देखा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं था.

लखनऊ: ज्ञानवापी मामले को लेकर सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है. सुन्नी वक्फ बोर्ड ASI सर्वे के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देगा. लंबे वक्त से चले आ रहे प्रकरण में पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सिविल कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पूरे मामले की जिम्मेदारी सौंपी है और अपने खर्च पर 5 लोगों की टीम बनाकर प्रकरण में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के आदेश जारी किए हैं. इसको लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा है कि एएसआई द्वारा मस्जिदों की जांच की प्रथा को रोकना होगा. हम इस अनुचित आदेश के खिलाफ तुरंत हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

पढ़ें: काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी केस में कोर्ट का बड़ा फैसला, पुरातत्व विभाग करेगा सर्वे

हाईकोर्ट जाने की सुन्नी वक्फ बोर्ड ने की तैयारी

यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि हमारी समझ स्पष्ट है कि इस मामले को पूजा के स्थान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा रोक दिया गया है. उपासना अधिनियम को अयोध्या के फैसले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जज संविधान पीठ ने बरकरार रखा है. ज्ञानवापी मस्जिद की स्थिति किसी तरह के प्रश्न से परे है. उन्होंने कहा कि कानूनी सलाह के अनुसार कह सकते हैं कि सर्वेक्षण का आदेश उचित नहीं है, क्योंकि तकनीकी प्रमाण केवल कुछ मूलभूत तथ्यों को ही पूरा कर सकते हैं. इस मामले में पहले से कोई सबूत पेश नहीं किया गया है कि मस्जिद के स्थान पर पहले से मंदिर मौजूद था. अयोध्या के फैसले में भी एएसआई की खुदाई का कोई फायदा नहीं हुआ था. एएसआई को इस बात का सबूत नहीं मिला कि बाबरी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़ने पर बनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने विशेष रूप से देखा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं था.

Last Updated : Apr 9, 2021, 1:51 AM IST
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