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प्रदेश के गन्ना किसानों को चीनी मिलों से बकाया भुगतान पर मिलेगा ब्याज - lucknow news

प्रदेश के गन्ना किसानों को अब चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज की रकम मिला करेगी. इसके लिए प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है. अगर हाईकोर्ट इस मसौदे पर मोहर लगा देती है तो सात फीसदी और फायदे में चल रही चीनी मिले 12 फीसदी की दर से बकाया रकम पर ब्याज का भुगतान करेंगी.

प्रदेश के गन्ना किसानों को चीनी मिलों से बकाया भुगतान पर ब्याज मिलेगा
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Published : Apr 5, 2019, 5:16 PM IST

लखनऊ: प्रदेश के गन्ना किसानों को अब चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज की रकम मिला करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि घाटे वाली चीनी मिलें सात फीसदी और फायदे में चल रही चीनी मिले 12 फीसदी की दर से बकाया रकम पर ब्याज का भुगतान करेंगी.


प्रदेश में गन्ना किसानों की लंबे अरसे से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है सरकार गन्ना किसानों को चीनी मिलों पर बकाया रकम का ब्याज दिलाने के लिए तैयार है.

मामले की जानकारी देते संवाददाता


उन्होंने अपने हलफनामा में हाईकोर्ट के सामने ब्याज भुगतान का एक मसौदा भी पेश किया है. जिसके तहत उत्तर प्रदेश की जो चीनी मिलें घाटे में चल रही हैं. जिनके पास आर्थिक संसाधन बेहद कम है वह भी किसानों के गन्ना मूल्य की बकाया रकम पर सात फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करेंगे और जो चीनी मिलें फायदे में चल रही हैं वह अगर गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान नहीं करती हैं तो उन्हें 12 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा.


वहीं प्रदेश सरकार के हलफनामे पर हाईकोर्ट मोहर लगा देता है तो ईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार लगभग 2000 करोड़ रुपये का फायदा किसानों को होने जा रहा है.

लखनऊ: प्रदेश के गन्ना किसानों को अब चीनी मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य पर ब्याज की रकम मिला करेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि घाटे वाली चीनी मिलें सात फीसदी और फायदे में चल रही चीनी मिले 12 फीसदी की दर से बकाया रकम पर ब्याज का भुगतान करेंगी.


प्रदेश में गन्ना किसानों की लंबे अरसे से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है सरकार गन्ना किसानों को चीनी मिलों पर बकाया रकम का ब्याज दिलाने के लिए तैयार है.

मामले की जानकारी देते संवाददाता


उन्होंने अपने हलफनामा में हाईकोर्ट के सामने ब्याज भुगतान का एक मसौदा भी पेश किया है. जिसके तहत उत्तर प्रदेश की जो चीनी मिलें घाटे में चल रही हैं. जिनके पास आर्थिक संसाधन बेहद कम है वह भी किसानों के गन्ना मूल्य की बकाया रकम पर सात फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करेंगे और जो चीनी मिलें फायदे में चल रही हैं वह अगर गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान नहीं करती हैं तो उन्हें 12 फीसदी की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा.


वहीं प्रदेश सरकार के हलफनामे पर हाईकोर्ट मोहर लगा देता है तो ईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार लगभग 2000 करोड़ रुपये का फायदा किसानों को होने जा रहा है.

Intro:लखनऊ .उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को अब चीनी मिलों पर बकाया अपने गन्ना मूल्य पर ब्याज की रकम भी मिला करेगी उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि घाटे वाली चीनी मिल साथ फीस दी और फायदे में चल रही चीनी मिले 12% की दर से बकाया रकम पर ब्याज का भुगतान करेंगे.


Body:उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की लंबे अरसे से चली आ रही मांग को पूरा करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने बड़ी पहल की है प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने हाई कोर्ट इलाहाबाद में हलफनामा देकर कहा है सरकार गन्ना किसानों को चीनी मिलों पर बकाया रकम का ब्याज दिलाने के लिए तैयार है उन्होंने अपने हम हलफनामा में हाई कोर्ट के सामने ब्याज भुगतान का एक मसौदा भी पेश किया है जिसके तहत उत्तर प्रदेश की जो चीनी मिलें घाटे में चल रही हैं जिनके पास आर्थिक संसाधन बेहद कम है वह भी किसानों के गन्ना मूल्य की बकाया रकम पर 7% की दर से ब्याज का भुगतान करेंगे और जो चीनी मिले फायदे में चल रही हैं वह अगर गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान नहीं करती हैं तो उन्हें 12% की दर से ब्याज का भुगतान कर रहा होगा. गन्ना आयुक्त के इस प्रस्ताव पर अब हाई कोर्ट इलाहाबाद का निर्णय करना है इससे पहले उत्तर प्रदेश की पूर्व सपा सरकार ने गन्ना किसानों के बकाया मूल्य पर ब्याज का भुगतान करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं किया था सरकार ने 2012 से लेकर 2015 के बीच में गन्ना किसानों के बकाया मूल्य का ब्याज माफ कर दिया था इसके बाद किसान संगठनों ने हाई कोर्ट इलाहाबाद में याचिका दायर कर सरकार के फैसले का विरोध किया इसी क्रम में हाई कोर्ट की डिवीज़न बेंच ने 9 मार्च 2017 को प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि वह गन्ना किसानों को ब्याज इरम दिलाएं ऐसा ना करने पर कोर्ट ने कड़े कदम उठाने का संकेत दिया था इसी के बाद अब गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर नया मसौदा पेश किया है ईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार लगभग ₹2000 करोड़ का फायदा किसानों को होने जा रहा है.


Conclusion:पीटीसी अखिलेश तिवारी
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