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सरकार ने गन्ना किसान को किया आश्वस्त, पूरा गन्ना खरीदने के बाद ही बंद होंगी चीनी मिलें - कोरोना वायरस

उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने सभी चीनी मिलों को यह निर्देश जारी किया है कि पूरा गन्ना खरीदने के बाद ही चीनी मिलें बंद की जाएंगी.

योगी सरकार का गन्ना किसानों को आश्वासन
योगी सरकार का गन्ना किसानों को आश्वासन
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Published : Apr 12, 2020, 5:28 PM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के संकट के समय में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना किसानों को आश्वस्त किया है कि लॉकडाउन की अवधि में पूरा गन्ना चीनी मिलों को खरीदने के लिए कहा गया है. जारी आदेश में कहा गया है कि चीनी मिलों को संचालित रखने का निर्णय लिया गया है. उनके दिशा-निर्देश पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने चीनी मिलों का संचालन तब तक जारी रखने का निर्देश दिया है, जब तक चीनी मिल क्षेत्र के किसानों का संपूर्ण गन्ना समाप्त न हो जाए.

प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने सभी चीनी मिलों को निर्देश जारी किया है कि अपने क्षेत्र में गन्ना समाप्त होने का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद ही किसी चीनी मिल का संचालन बंद किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान पेराई सत्र में कुल 119 चीनी मिलों की ओर से पेराई कार्य किया जा रहा है, जिनमें से 18 चीनी मिलें अपने क्षेत्र का समस्त गन्ना पेराई कर बंद हो गई हैं. 101 चीनी मिलें अभी भी संचालित हैं और चीनी मिलों को आपूर्ति योग्य गन्ने का केवल 15 प्रतिशत ही शेष बचा है.

भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी मिलों की ओर से वर्तमान पेराई सत्र 2019-2020 में अब तक 9320.83 लाख टन गन्ने की पेराई कर 1054.09 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है. गत वर्ष इसी अवधि तक पेराई सत्र 2018-2019 में 8958.43 लाख टन गन्ने की पेराई कर 1026.84 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया गया था. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विभाग के अनुमान के अनुसार चीनी मिलों को आपूर्ति योग्य गन्ने का केवल 15 प्रतिशत ही शेष बचा है. कृषकों के पास उपलब्ध एवं पेराई योग्य गन्ने की समय से चीनी मिलों को आपूर्ति सुनिश्चित कराने एवं समस्त गन्ने की पेराई करने के उपरान्त ही चीनी मिलों को सत्र समाप्त करने की अनुमति दी जाएगी.

इसे भी पढ़ें- COVID-19: UP में कोरोना के 12 नए मामले आए सामने, आंकड़ा पहुंचा 464

लखनऊ: कोरोना वायरस के संकट के समय में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना किसानों को आश्वस्त किया है कि लॉकडाउन की अवधि में पूरा गन्ना चीनी मिलों को खरीदने के लिए कहा गया है. जारी आदेश में कहा गया है कि चीनी मिलों को संचालित रखने का निर्णय लिया गया है. उनके दिशा-निर्देश पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने चीनी मिलों का संचालन तब तक जारी रखने का निर्देश दिया है, जब तक चीनी मिल क्षेत्र के किसानों का संपूर्ण गन्ना समाप्त न हो जाए.

प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने सभी चीनी मिलों को निर्देश जारी किया है कि अपने क्षेत्र में गन्ना समाप्त होने का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद ही किसी चीनी मिल का संचालन बंद किया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान पेराई सत्र में कुल 119 चीनी मिलों की ओर से पेराई कार्य किया जा रहा है, जिनमें से 18 चीनी मिलें अपने क्षेत्र का समस्त गन्ना पेराई कर बंद हो गई हैं. 101 चीनी मिलें अभी भी संचालित हैं और चीनी मिलों को आपूर्ति योग्य गन्ने का केवल 15 प्रतिशत ही शेष बचा है.

भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी मिलों की ओर से वर्तमान पेराई सत्र 2019-2020 में अब तक 9320.83 लाख टन गन्ने की पेराई कर 1054.09 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है. गत वर्ष इसी अवधि तक पेराई सत्र 2018-2019 में 8958.43 लाख टन गन्ने की पेराई कर 1026.84 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया गया था. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना विभाग के अनुमान के अनुसार चीनी मिलों को आपूर्ति योग्य गन्ने का केवल 15 प्रतिशत ही शेष बचा है. कृषकों के पास उपलब्ध एवं पेराई योग्य गन्ने की समय से चीनी मिलों को आपूर्ति सुनिश्चित कराने एवं समस्त गन्ने की पेराई करने के उपरान्त ही चीनी मिलों को सत्र समाप्त करने की अनुमति दी जाएगी.

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