ETV Bharat / state

नया सत्र शुरू होने के बावजूद अभी तक चीनी मिलें नहीं हुईं चालू, रालोद ने उठाए सवाल - Ramashish Rai

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने अब तक सभी चीनी मिलों के चालू न होने पर आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि अभी भी कुछ चीनी मिलों पर पिछले सत्र का गन्ना मूल्य बकाया है और नया सत्र प्रारम्भ हो चुका है. अब तक मिलों के चालू न होने से किसानों के खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं और गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है और इसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ेगा.

a
a
author img

By

Published : Nov 12, 2022, 8:34 AM IST

लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय (Rashtriya Lok Dal state president Ramashish Rai) ने अब तक सभी चीनी मिलों के चालू न होने पर आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार (state government) अपने किसान विरोधी रवैये के कारण सदैव उद्योगपतियों के दबाव में रहकर निर्णय करती है. अभी भी कुछ चीनी मिलों पर पिछले सत्र का गन्ना मूल्य बकाया है और नया सत्र प्रारम्भ हो चुका है. अब तक मिलों के चालू न होने से किसानों के खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं और गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है और इसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ेगा.

रामाशीष राय (Ramashish Rai) का कहना है कि डीजल की मूल्य बढ़ोतरी के कारण किसानों को सिंचाई की मंहगी (Expensive cost of irrigation to farmers) लागत झेलने के साथ खाद और बीज के लिए भी अधिक कीमत चुकानी पड़ी है. सरकार ने गन्ना किसानों के हित में समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है. यह निर्णय किसान विरोधी होने का पुख्ता प्रमाण है. सरकार छोटे और सीमांत किसानों को साल में 6 हजार रुपये सम्मान निधि देकर उनसे डीजल, रसोई गैस समेत विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों के साथ साथ बिजली मूल्य के रूप में 18 हजार प्रति वर्ष वसूली करती है.

रालोद अध्यक्ष (Rashtriya Lok Dal state president Ramashish Rai) ने कहा कि सरकार को अपनी किसान विरोधी हठधर्मिता छोड़ कर तत्काल बंद चीनी मिलों को चालू कराना चाहिए. इसके अलावा गन्ने का समर्थन मूल्य भी कम से कम 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के साथ घोषित करना चाहए. ताकि किसानों के आंसू पोंछे जा सकें और वे भी अपने बच्चों की फीस तथा अन्य देयों का भुगतान कर सकें.

यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम में 25 लाख से बनेंगे कम्युनिटी सेंटर, मंत्री असीम अरुण ने बताया प्लान

लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय (Rashtriya Lok Dal state president Ramashish Rai) ने अब तक सभी चीनी मिलों के चालू न होने पर आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार (state government) अपने किसान विरोधी रवैये के कारण सदैव उद्योगपतियों के दबाव में रहकर निर्णय करती है. अभी भी कुछ चीनी मिलों पर पिछले सत्र का गन्ना मूल्य बकाया है और नया सत्र प्रारम्भ हो चुका है. अब तक मिलों के चालू न होने से किसानों के खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं और गेहूं की बुवाई पिछड़ रही है और इसका खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ेगा.

रामाशीष राय (Ramashish Rai) का कहना है कि डीजल की मूल्य बढ़ोतरी के कारण किसानों को सिंचाई की मंहगी (Expensive cost of irrigation to farmers) लागत झेलने के साथ खाद और बीज के लिए भी अधिक कीमत चुकानी पड़ी है. सरकार ने गन्ना किसानों के हित में समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया है. यह निर्णय किसान विरोधी होने का पुख्ता प्रमाण है. सरकार छोटे और सीमांत किसानों को साल में 6 हजार रुपये सम्मान निधि देकर उनसे डीजल, रसोई गैस समेत विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों के साथ साथ बिजली मूल्य के रूप में 18 हजार प्रति वर्ष वसूली करती है.

रालोद अध्यक्ष (Rashtriya Lok Dal state president Ramashish Rai) ने कहा कि सरकार को अपनी किसान विरोधी हठधर्मिता छोड़ कर तत्काल बंद चीनी मिलों को चालू कराना चाहिए. इसके अलावा गन्ने का समर्थन मूल्य भी कम से कम 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी के साथ घोषित करना चाहए. ताकि किसानों के आंसू पोंछे जा सकें और वे भी अपने बच्चों की फीस तथा अन्य देयों का भुगतान कर सकें.

यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम में 25 लाख से बनेंगे कम्युनिटी सेंटर, मंत्री असीम अरुण ने बताया प्लान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.