लखनऊ : पाइपलाइन शिल्ड डिवाइस की मदद से दिमाग की जटिल सर्जरी कर आरएमएलआईएमएस (डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्ट्रीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने 46 वर्षीय महिला की जान बचाई है. 46 वर्षीय बलिया निवासी विभा देवी को 10 दिन पहले बेहोशी की हालत में इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. वहां पर सीटी एंजियोग्राफी की जांच करने के बाद पता चला कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक की समस्या है. जांच में इस बात की पुष्टि हुई थी कि स्ट्रोक का कारण बेसीलर ट्रंक एनजोरियम का फटना है. यह एक गंभीर बीमारी होती है.
विभा देवी के दिमाग में ट्रंक एनजोरियम के फटने के चलते ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. एनजोरियम एक खून की गांठ होती है. इसकी लोकेशन दिमाग की गहराई में होती है. इस बीमारी का अगर समय से इलाज न हो, तो मृत्यु की संभावनाएं अधिक रहती हैं. सर्जरी में भी 70 प्रतिशत तक मृत्यु की आशंका होती हैं.
दिमाग में स्थित यह गांठ ऐसी जगह पर होती है, जहां पर सामान्यता सर्जरी करना आसान नहीं होता है. सर्जरी करने के लिए पाइपलाइन से डिवाइस की मदद ली जाती है, इस डिवाइस को प्रयोग में लाना काफी जटिल होता है. डॉक्टर ने इस शील्ड की मदद से विभा देवी का ऑपरेशन किया. 12 फरवरी को न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष दीपक कुमार सिंह की अगुवाई में इस खास तकनीक से की मदद से सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया. बृहस्पतिवार को मरीज की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई है.
ऑपरेशन में खर्ज आया कम
सामान्यता इस ऑपरेशन में 15 लाख रुपये खर्च होते हैं, लेकिन RMLIMS में मरीज का कुल खर्च लगभग 7 लाख हुआ है. यदि मरीज का इलाज दिल्ली, मुंबई में कराया जाता तो इसकी लागत लगभग दोगुनी हो जाती. डॉक्टर के अनुसार, RMLIMS में न्यूरोलॉजी विभाग में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है. भविष्य में यहां पर स्ट्रोक की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए बेहतर संसाधन उपलब्ध होंगे.