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केजीएमयू पहुंचा हीमोफीलिया का मरीज, डाॅक्टरों की टीम ने की सर्जरी, मिला जीवनदान - केजीएमयू में सफल सर्जरी

दिल्ली के कई अस्पतालों से निराश हीमोफीलिया के मरीज की केजीएमयू में सफल सर्जरी (Successful surgery of hemophilia patient in KGMU) हुई. पीलीभीत के रहने वाला 53 वर्षीय पुरुष हीमोफीलिया बीमारी से ग्रस्त था. मरीज का इलाज वर्तमान में केजीएमयू से चल रहा है. 25 वर्ष की आयु में मरीज को बीमारी की जानकारी हुई थी.

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Published : Dec 19, 2022, 3:08 PM IST

लखनऊ : दिल्ली के कई अस्पतालों से निराश हीमोफीलिया के मरीज की केजीएमयू में सफल सर्जरी (Successful surgery of hemophilia patient in KGMU) हुई. केजीएमयू के कुलपति डॉ विपिन पुरी (Vice Chancellor Dr. Vipin Puri) ने कहा कि मरीज की विषम परिस्थितियों में सफल शल्य चिकित्सा केजीएमयू की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है.

मिला जानकारी के अनुसार, पीलीभीत के रहने वाला 53 वर्षीय पुरुष हीमोफीलिया बीमारी से ग्रस्त था. मरीज का इलाज वर्तमान में केजीएमयू से चल रहा है. 25 वर्ष की आयु में मरीज को बीमारी की जानकारी हुई थी. बता दें कि हीमोफीलिया में फैक्टर 8 की कमी होने के कारण खून का थक्का जम जाता है. मरीज को जब हिमेटोलॉजी विभाग उपचार के लिए भेजा गया तो उसकी छाती की चमड़ी और फेंफडे के चारों ओर गंदा खून जमा हो गया था. उसे जान का खतरा था. मरीज ने केजीएमयू में प्रो. एके त्रिपाठी और डॉ. एसपी वर्मा से संपर्क किया. प्रो. एके त्रिपाठी ने उसका इलाज शुरू किया.


प्रो. सुरेश कुमार ने मरीज की शल्य चिकित्सा करने का निर्णय लिया. फैक्टर 8 की व्यवस्था की गई. स्टाफ नर्स, ओटी टेक्नीशियन और रेजीडेंट्स के साथ मिलकर मरीज की सर्जरी की गई और उसके बाद उन्हें डॉ. अविनाश अग्रवाल की निगरानी में रखा गया. अब मरीज पूरी तरह से सही है. उन्होंने अपनी सफल सर्जरी के लिए प्रो सुरेश कुमार को धन्यवाद दिया. कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें प्रो. सुरेश और जनरल सर्जरी विभाग पर गर्व है.

यह भी पढ़ें : खरीददारों को बिल्डरों के झांसे से बचाएंगे रेरा के ये नियम, एग्रीमेंट का फॉर्मेट वेबसाइट पर अपलोड

लखनऊ : दिल्ली के कई अस्पतालों से निराश हीमोफीलिया के मरीज की केजीएमयू में सफल सर्जरी (Successful surgery of hemophilia patient in KGMU) हुई. केजीएमयू के कुलपति डॉ विपिन पुरी (Vice Chancellor Dr. Vipin Puri) ने कहा कि मरीज की विषम परिस्थितियों में सफल शल्य चिकित्सा केजीएमयू की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है.

मिला जानकारी के अनुसार, पीलीभीत के रहने वाला 53 वर्षीय पुरुष हीमोफीलिया बीमारी से ग्रस्त था. मरीज का इलाज वर्तमान में केजीएमयू से चल रहा है. 25 वर्ष की आयु में मरीज को बीमारी की जानकारी हुई थी. बता दें कि हीमोफीलिया में फैक्टर 8 की कमी होने के कारण खून का थक्का जम जाता है. मरीज को जब हिमेटोलॉजी विभाग उपचार के लिए भेजा गया तो उसकी छाती की चमड़ी और फेंफडे के चारों ओर गंदा खून जमा हो गया था. उसे जान का खतरा था. मरीज ने केजीएमयू में प्रो. एके त्रिपाठी और डॉ. एसपी वर्मा से संपर्क किया. प्रो. एके त्रिपाठी ने उसका इलाज शुरू किया.


प्रो. सुरेश कुमार ने मरीज की शल्य चिकित्सा करने का निर्णय लिया. फैक्टर 8 की व्यवस्था की गई. स्टाफ नर्स, ओटी टेक्नीशियन और रेजीडेंट्स के साथ मिलकर मरीज की सर्जरी की गई और उसके बाद उन्हें डॉ. अविनाश अग्रवाल की निगरानी में रखा गया. अब मरीज पूरी तरह से सही है. उन्होंने अपनी सफल सर्जरी के लिए प्रो सुरेश कुमार को धन्यवाद दिया. कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें प्रो. सुरेश और जनरल सर्जरी विभाग पर गर्व है.

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