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पहली बार रेयर सिंड्रोम से पीड़ित गर्भवती का हुआ सफल ऑपरेशन - क्वीन मेरी अस्पताल

गोरखपुर निवासी 25 वर्षीय प्रियंका पांडेय आईसेनमेंगर सिंड्रोम (eisenmenger syndrome) से पीड़ित थी. डब्लूएचओ इसमें गर्भधारण न करने की सलाह देता है. लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल की टीम में ने सफल ऑपरेशन कर बच्चे का जन्म कराया. यूपी में यह इस तरह का पहला केस है.

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गर्भवती का सफल ऑपरेशन
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Published : Mar 4, 2022, 10:30 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू में एक रेयर सिंड्रोम से पीड़ित गर्भवती का ऑपरेशन कर बच्चे का जन्म कराया गया. इसमें चार विभागों के डॉक्टरों की टीम लगी. दावा है कि ऐसा यूपी का यह पहला केस है. वहीं डॉक्टरों ने सर्च किया तो फिलहाल देश में भी ऐसे किसी केस की रिपोर्ट नहीं मिली.


केजीएमयू के डॉ. करण कौशिक के मुताबिक महिला आईसेनमेंगर सिंड्रोम (eisenmenger syndrome) से पीड़ित थी. डब्लूएचओ इसमें गर्भधारण न करने की सलाह देता है. इसमें ऑक्सीजनेटेड ब्लड की जगह डी-ऑक्सीजनेटेड ब्लड की सप्लाई होने लगती है. ऐसे में इंसान जब चलता फिरता है तो उसका शरीर नीला पड़ने लगता है. यह बीमारी जन्मजात होती है.

अधिकतर की कम उम्र में ही मौत हो जाती है. इस तरह के केस में मरीज का बच पाना बेहद ही मुश्किल होता है. ऐसे में सफल ऑपरेशन से डिलीवरी करना बड़ी बात है. इसमें महिला को एडवांस लाइफ सपोर्ट पर रखकर डिलिवरी कराई गई. इसमें क्वीन मेरी अस्पताल की कार्डियोलॉजी, एनेस्थिसिया और क्रिटिकल केयर यूनिट की संयुक्त टीमों ने जटिल ऑपरेशन कर जच्चा-बच्चा की जान बचाई .

यह भी पढ़ें:यूपी में कोरोना से 2 लोगों की मौत, जानें कितने नए केस आये

गोरखपुर निवासी 25 वर्षीय प्रियंका पांडेय 18 फरवरी को क्वीन मेरी अस्पताल (Queen Mary Hospital) में दिखाने आईं. इस दौरान डॉ. सीमा मेहरोत्रा और डॉ. मोनिका ने टीम के साथ मिलकर ऑपरेशन किया. इसमें डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. करण कौशिक और जेआर डॉ. अंकुर चैकन से साथ मिलकर मरीज का सिजेरियन किया गया. 22 फरवरी को मरीज को आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया. 27 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

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लखनऊ: केजीएमयू में एक रेयर सिंड्रोम से पीड़ित गर्भवती का ऑपरेशन कर बच्चे का जन्म कराया गया. इसमें चार विभागों के डॉक्टरों की टीम लगी. दावा है कि ऐसा यूपी का यह पहला केस है. वहीं डॉक्टरों ने सर्च किया तो फिलहाल देश में भी ऐसे किसी केस की रिपोर्ट नहीं मिली.


केजीएमयू के डॉ. करण कौशिक के मुताबिक महिला आईसेनमेंगर सिंड्रोम (eisenmenger syndrome) से पीड़ित थी. डब्लूएचओ इसमें गर्भधारण न करने की सलाह देता है. इसमें ऑक्सीजनेटेड ब्लड की जगह डी-ऑक्सीजनेटेड ब्लड की सप्लाई होने लगती है. ऐसे में इंसान जब चलता फिरता है तो उसका शरीर नीला पड़ने लगता है. यह बीमारी जन्मजात होती है.

अधिकतर की कम उम्र में ही मौत हो जाती है. इस तरह के केस में मरीज का बच पाना बेहद ही मुश्किल होता है. ऐसे में सफल ऑपरेशन से डिलीवरी करना बड़ी बात है. इसमें महिला को एडवांस लाइफ सपोर्ट पर रखकर डिलिवरी कराई गई. इसमें क्वीन मेरी अस्पताल की कार्डियोलॉजी, एनेस्थिसिया और क्रिटिकल केयर यूनिट की संयुक्त टीमों ने जटिल ऑपरेशन कर जच्चा-बच्चा की जान बचाई .

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गोरखपुर निवासी 25 वर्षीय प्रियंका पांडेय 18 फरवरी को क्वीन मेरी अस्पताल (Queen Mary Hospital) में दिखाने आईं. इस दौरान डॉ. सीमा मेहरोत्रा और डॉ. मोनिका ने टीम के साथ मिलकर ऑपरेशन किया. इसमें डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. करण कौशिक और जेआर डॉ. अंकुर चैकन से साथ मिलकर मरीज का सिजेरियन किया गया. 22 फरवरी को मरीज को आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया. 27 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

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