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आदिपुरुष के डायलॉग पर राजभर ने कहा, सेंसर बोर्ड को लगानी चाहिए थी रोक

सुभासपा चीफ ओपी राजभर ने मायावती के शासन में स्मारकों को किराए पर देने के फैसले का विरोध किया है. शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने पार्टी के गठबंधन को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी.

सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर
सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर
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Published : Jun 18, 2023, 10:42 AM IST

लखनऊ: मायावती के शासन काल में बनाए गए स्मारकों को मौजूदा सरकार ने शादी समारोह में किराए पर देने का फैसला किया है. योगी सरकार के इस फैसले को सुभासपा चीफ ओपी राजभर ने गलत ठहराया है. शनिवार को राजभर ने कहा कि शादी में लोग शराब पीते है. ऐसे में अगर हंगामे में मूर्ति टूट गई, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध किया. वहीं, हाल ही में रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को लेकर सुभासपा चीफ ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास से खिलवाड़ करना गलत है, सेंसर बोर्ड को ऐसी फिल्म रिलीज नहीं होने देना चाहिए.

दरअसल, राजधानी और नोएडा में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल में अंबेडकर पार्क और कांशीराम स्मारक जैसे भव्य पार्कों का निर्माण कराया था. इसे प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य की आय बढ़ाने के लिए किराए पर देने का फैसला किया है. इस फैसले पर स्मारक समिति बोर्ड की मंजूरी भी मिल चुकी है. लेकिन, सरकार के इस फैसले का सुभासपा चीफ ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि सरकार इन स्मारकों को शादी और दावत करने के लिए किराए पर कैसे दे सकती है. जबकि शादी समारोह में लोग शराब पीकर हंगामा करते है. ऐसे में लोग पार्क को नुकसान पहुंचाएंगे. मूर्तियां तोड़ेंगे, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. हालांकि, सरकार की तरफ से राजभर के इस विरोध पर कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है.

गठबंधन पर दी प्रतिक्रियाः पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुभासपा अध्यक्ष पार्टी के गठबंधन को लेकर भी चर्चा की. गुरुवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में सीएम योगी से मुलाकात की खबर का भी राजभर ने खंडन किया. उन्होंने कहा कि सीएम योगी से उनकी कोई मुलाकात नहीं है. हालांकि शादी में सभी राजनीतिक दल के नेता आए थे. लेकिन, वहां कोई भी राजनीतिक बात नही हुई थी. राजभर ने कहा कि अभी उन्होंने अपने बेटे का गठबंधन कराया है. अब राजनीतिक गठबंधन के लिए रणनीति तैयार कर रहे है.

बेटे की शादी में नेताओं का जमावड़ाः दरअसल, ओपी राजभर ने हाल ही में अपने छोटे बेटे की शादी की. शादी समारोह में राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा देखने को मिला था. वर-वधू को शादी की शुभकामनाएं देने के लिए उनके सियासी दोस्त और राजनीति के मैदान में दुश्मन कहे जाने वाले नेताओं की भी मौजूदगी दिखी थी. बीजेपी, सपा और आरएलडी के नेताओं का हुजूम देख राजनीतिक विशेषज्ञों ने कई तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए. कहा जाने लगा कि राजभर शादी के बहाने राजनीतिक समीकरण मजबूत करने में जुटे है.

आदिपुरुष फिल्म कर रही लोगों की भावना आहतः वहीं, शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को लेकर भी राजभर ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कि सेंसर बोर्ड कर क्या रहा है. उसकी जिम्मेदारी हर फिल्म को देख कर यह तय करना कि इससे किसी की भी भावनाएं आहत न हो. बावजूद इसके फिल्म रिलीज हुई है. उन्होंने कहा, 'हमने राम, हनुमान की मर्यादा देखी है. लेकिन, इसके कुछ डायलॉग लोगों की भावनाएं आहत कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः आदिपुरुष को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती बोले, 'पैसे देकर पाप न खरीदें'

लखनऊ: मायावती के शासन काल में बनाए गए स्मारकों को मौजूदा सरकार ने शादी समारोह में किराए पर देने का फैसला किया है. योगी सरकार के इस फैसले को सुभासपा चीफ ओपी राजभर ने गलत ठहराया है. शनिवार को राजभर ने कहा कि शादी में लोग शराब पीते है. ऐसे में अगर हंगामे में मूर्ति टूट गई, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने सरकार के इस फैसले का विरोध किया. वहीं, हाल ही में रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को लेकर सुभासपा चीफ ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास से खिलवाड़ करना गलत है, सेंसर बोर्ड को ऐसी फिल्म रिलीज नहीं होने देना चाहिए.

दरअसल, राजधानी और नोएडा में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने कार्यकाल में अंबेडकर पार्क और कांशीराम स्मारक जैसे भव्य पार्कों का निर्माण कराया था. इसे प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य की आय बढ़ाने के लिए किराए पर देने का फैसला किया है. इस फैसले पर स्मारक समिति बोर्ड की मंजूरी भी मिल चुकी है. लेकिन, सरकार के इस फैसले का सुभासपा चीफ ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि सरकार इन स्मारकों को शादी और दावत करने के लिए किराए पर कैसे दे सकती है. जबकि शादी समारोह में लोग शराब पीकर हंगामा करते है. ऐसे में लोग पार्क को नुकसान पहुंचाएंगे. मूर्तियां तोड़ेंगे, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. हालांकि, सरकार की तरफ से राजभर के इस विरोध पर कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है.

गठबंधन पर दी प्रतिक्रियाः पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुभासपा अध्यक्ष पार्टी के गठबंधन को लेकर भी चर्चा की. गुरुवार को वाराणसी के सर्किट हाउस में सीएम योगी से मुलाकात की खबर का भी राजभर ने खंडन किया. उन्होंने कहा कि सीएम योगी से उनकी कोई मुलाकात नहीं है. हालांकि शादी में सभी राजनीतिक दल के नेता आए थे. लेकिन, वहां कोई भी राजनीतिक बात नही हुई थी. राजभर ने कहा कि अभी उन्होंने अपने बेटे का गठबंधन कराया है. अब राजनीतिक गठबंधन के लिए रणनीति तैयार कर रहे है.

बेटे की शादी में नेताओं का जमावड़ाः दरअसल, ओपी राजभर ने हाल ही में अपने छोटे बेटे की शादी की. शादी समारोह में राजनीतिक दलों के नेताओं का जमावड़ा देखने को मिला था. वर-वधू को शादी की शुभकामनाएं देने के लिए उनके सियासी दोस्त और राजनीति के मैदान में दुश्मन कहे जाने वाले नेताओं की भी मौजूदगी दिखी थी. बीजेपी, सपा और आरएलडी के नेताओं का हुजूम देख राजनीतिक विशेषज्ञों ने कई तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए. कहा जाने लगा कि राजभर शादी के बहाने राजनीतिक समीकरण मजबूत करने में जुटे है.

आदिपुरुष फिल्म कर रही लोगों की भावना आहतः वहीं, शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म आदिपुरुष को लेकर भी राजभर ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि कि सेंसर बोर्ड कर क्या रहा है. उसकी जिम्मेदारी हर फिल्म को देख कर यह तय करना कि इससे किसी की भी भावनाएं आहत न हो. बावजूद इसके फिल्म रिलीज हुई है. उन्होंने कहा, 'हमने राम, हनुमान की मर्यादा देखी है. लेकिन, इसके कुछ डायलॉग लोगों की भावनाएं आहत कर रहे हैं.

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