लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना मरीजों की जांच में लगे डॉक्टर्स की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाने के लिए जिन पीपीई किट्स की सप्लाई की गयी थी वो मानक के अनुरूप नहीं हैं.
उत्तर प्रदेश में कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के द्वारा तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. लेकिन अब तक के इन तमाम प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. दरअसल चिकित्सा संस्थानों में कोरोना वायरस के संक्रमित या संदिग्ध मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए पीपीई किट दी जाती है, जिससे वह कोरोना के संक्रमण से बच सकें. लेकिन प्रदेश के चिकित्सा संस्थानोंं और मेडि़कल कॉलेज में सप्लाई की गयी पीपीई किट केंद्र सरकार के गाइडलाइंस के अनुसार नहीं हैं. यानी यह पीपीई किट मानक के अनुुरूप नहीं हैं.
इस बात का खुलासा होने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक के.के. गुप्ता ने प्रदेश के 8 चिकित्सा संस्थानों एवं मेडिकल कॉलेजों को आदेश दिया कि, वह यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन द्वारा आपूर्ति की गई पीपीई किट का इस्तेमाल नहीं करें. अपने आदेश पत्र में चिकित्सा शिक्षा विभाग के महानिदेशक के.के. गुप्ता ने लिखा है कि, यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन द्वारा मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा संस्थानों को जो पीपीई किट या अन्य सामन सप्लाई किए गये हैं वह मानक के अनुरूप नहीं हैं. इसलिए इनका इस्तेमाल नहीं किया जाए.
यह आदेश उत्तर प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थान एवं मेडिकल कॉलेज को दिए गए हैं. जिनमें उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान केजीएमयू, एसजीपीजीआई, राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान, सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जीआईएमसी गौतमबुद्ध नगर सहित कुल 8 मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सा संस्थान है जहां पर यूपी मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन ने सब स्टैंडर्ड पीपीई किट सप्लाई की है.