लखनऊ : पॉलिटेक्निक परीक्षाओं के दौरान अपनी उत्तरपुस्तिकाओं पर मोबाइल नंबर लिखने वाले छात्रों पर प्राविधिक शिक्षा परिषद ने कार्रवाई कर दिया है. मंगलवार को जारी हुए पॉलिटेक्निक के वार्षिक और सम सेमेस्टर परीक्षा परिणाम में तकरीबन 2504 छात्रों के इस मामले में उनके विषय में शून्य दिया गया. इतना ही नहीं, ऐसे छात्रों के रिजल्ट में शून्य देने की वजह भी लिखी गई है. वजह में उत्तरपुस्तिका में नंबर लिखना बताया गया.
प्राविधिक शिक्षा परिषद ने उत्तरपुस्तिकाओं पर अपना मोबाइल नंबर लिखने वाले छात्रों पर कड़ी कार्रवाई की है. प्राविधिक शिक्षा निदेशक के राम ने बताया कि 'ऐसे छात्रों की काॅपियों को अलग निकाल कर मामला परीक्षा समिति के सामने रखा गया. परीक्षा समिति ने ऐसे छात्रों पर कार्रवाई करते हुए उनके उपरोक्त विषय के अंक शून्य करने पर सहमति जताई. साथ ही उनके रिजल्ट में शून्य की वजह लिखने की बात कही.'
66.8 प्रतिशत रहा परीक्षा परिणाम : प्राविधिक शिक्षा परिषद के प्रमुख सचिव एम देवराज की अध्यक्षता में बैठक कर परीक्षा परिणाम जारी हुआ. इसमें इंजीनियरिंग विषय में सेमेस्टर परीक्षाओं में एम्बिशन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वाराणसी के छात्र देवेश चतुर्वेदी ने 87.71 प्रतिशत और नॉन इंजीनियरिंग में राजकीय महिला पॉलिटेक्निक लखनऊ की छात्रा श्रुति सिंह ने 87.83 प्रतिशत अंकों के साथ टॉप किया. वहीं, फॉर्मेसी की वार्षिक परीक्षाओं में आरपीएस कॉलेज फॉर्मेसी, बाराबंकी के रितेश सिंह ने 87.91 प्रतिशत अंक अर्जित कर प्रथम स्थान हासिल किया. परीक्षा में 2,83,121 पंजीकृत छात्रों में से 2,72,793 छात्रों परीक्षा दिया था. जबकि 10,328 छात्रों ने परीक्षा छोड़ दिया था. परीक्षा परिणाम परिषद वेबसाइट www.bteup.ac.in पर अपलोड हो गया है. वहीं, परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों पर उपयोग करने वाले 195 छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम रोके गए हैं. ऐसे छात्रों को बुलाकर उनकी सफाई मांगी जाएंगी, जिसके बाद परिणाम जारी होंगे.
यह बने अपने विषय के टॉपर
डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग
पहला स्थान - देवेश चतुर्वेदी (87.71 प्रतिशत)
दूसरा स्थान - शुभम सिंह (86.27 प्रतिशत)
तीसरा स्थान - अभय यादव (86.01 प्रतिशत)
डिप्लोमा इन नॉन इंजीनियरिंग
पहला स्थान - श्रुति सिंह (87.83 प्रतिशत)
दूसरा स्थान - नीलाक्षी पांडेय (87.43 प्रतिशत)
तीसरा स्थान - दीक्षा यादव (85.70 प्रतिशत)
डिप्लोमा इन फॉर्मेसी
पहला स्थान - रितेश सिंह (87.91 प्रतिशत)
दूसरा स्थान - एनुल परवीन (86.35 प्रतिशत)
तीसरा स्थान - कु दीपांजली (85.37 प्रतिशत)