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लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले के बाद प्रॉक्टर की कार्रवाई को लेकर भड़के छात्र, दी यह चेतावनी

लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में बीते दिनों हुई कई घटनाओं के बाद चीफ प्रॉक्टर ने हॉस्टलों में पाबंदी समेत कई कड़े कदम उठाए. इससे कई छात्र संगठन नाराज हैं. इसी क्रम में छात्रों ने बुधवार को विवि परिसर में जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के कार्यालय का घेराव किया. इसके बाद प्रॉक्टोरियल टीम ने पुलिस बुला ली. इससे छात्र एक बार फिर भड़क गए.

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Published : Dec 22, 2022, 5:35 PM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन.

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में बीते दिनों हुई कई घटनाओं के बाद चीफ प्रॉक्टर ने हॉस्टलों पर पाबंदी समेत कई कड़े कदम उठाए. इससे कई छात्र संगठन नाराज हैं. इसी क्रम में छात्रों ने बुधवार को विवि परिसर में जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के कार्यालय का घेराव किया. इसके बाद प्रॉक्टोरियल टीम ने पुलिस बुला ली और सभी गेटों पर ताला लगवा दिया. इससे छात्र एक बार फिर भड़क गए.


एनएसयूआई, समाजवादी छात्र सभा व ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन (आइसा) (NSUI, Samajwadi Chhatra Sabha and All India Student Union) के छात्र नेताओं ने बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर छात्रावासों व परिसर में स्थित कैंटीन में लगाई गई पाबंदी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं का कहना है कि जबसे प्रोफेसर राकेश द्विवेदी (Professor Rakesh Dwivedi) को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है. तबसे विश्वविद्यालय परिसर का माहौल खराब हो गया है. आए दिन छात्रों के साथ गंभीर घटनाएं हो रही हैं. यहां तक कि रात में हॉस्टल से बाहर गए छात्रों को पुलिस द्वारा पीटा जा रहा है. इसके बाद भी चीफ प्रॉक्टर की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उल्टे छात्रों पर ही कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्र कैंपस से पुलिस और छात्रावासों में आने जाने के समय प्रतिबंध हटाने, सुभाष हॉस्टल के छात्रों को पीटने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई, चीफ प्रॉक्टर राकेश द्विवेदी (Chief Proctor Rakesh Dwivedi) को पद से हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

आइसा संगठन से जुड़े छात्र निखिल (Nikhil, a student associated with AISA organization) का कहना है कि जबसे प्रोफेसर राकेश द्विवेदी को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है तब से विश्वविद्यालय के छात्र काफी डरे और सहमे हुए हैं. कैंपस में हो रही घटनाओं के नाम पर प्रॉक्टर की ओर से आम छात्रों से बेवजह पूछताछ की जा रही है. वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं व प्रॉक्टोरियल टीम व पुलिस से जमकर नोकझोंक हुई. इस दौरान दोनों तरफ से काफी नोकझोंक व तीखी बहस होती रही. प्रॉक्टोरियल टीम प्रदर्शन कर रहे छात्रों के मांगों पर विचार करने को तैयार था, लेकिन छात्र की चीफ प्रॉक्टर के इस्तीफे का ज्ञापन विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी को देने की बात पड़े हुए थे. छात्रों का कहना था कि प्रॉक्टर को हटाने का ज्ञापन प्रॉक्टर को कैसे दें. वहीं प्रॉक्टोरियल टीम इस मांग को छोड़कर बाकी सभी मांगों पर विचार करने को तैयार थी. जब दोनों ओर से कोई बात नहीं बनी तो प्रॉक्टोरियल टीम छात्रों को छोड़कर वहां से हट गई.

यह भी पढ़ें : बीजेपी सपा ट्विटर वॉर, अखिलेश यादव और नरेश उत्तम के खिलाफ परिवाद दायर

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रदर्शन.

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में बीते दिनों हुई कई घटनाओं के बाद चीफ प्रॉक्टर ने हॉस्टलों पर पाबंदी समेत कई कड़े कदम उठाए. इससे कई छात्र संगठन नाराज हैं. इसी क्रम में छात्रों ने बुधवार को विवि परिसर में जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर के कार्यालय का घेराव किया. इसके बाद प्रॉक्टोरियल टीम ने पुलिस बुला ली और सभी गेटों पर ताला लगवा दिया. इससे छात्र एक बार फिर भड़क गए.


एनएसयूआई, समाजवादी छात्र सभा व ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन (आइसा) (NSUI, Samajwadi Chhatra Sabha and All India Student Union) के छात्र नेताओं ने बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में धरना प्रदर्शन कर छात्रावासों व परिसर में स्थित कैंटीन में लगाई गई पाबंदी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं का कहना है कि जबसे प्रोफेसर राकेश द्विवेदी (Professor Rakesh Dwivedi) को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है. तबसे विश्वविद्यालय परिसर का माहौल खराब हो गया है. आए दिन छात्रों के साथ गंभीर घटनाएं हो रही हैं. यहां तक कि रात में हॉस्टल से बाहर गए छात्रों को पुलिस द्वारा पीटा जा रहा है. इसके बाद भी चीफ प्रॉक्टर की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. उल्टे छात्रों पर ही कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. प्रदर्शन कर रहे छात्र कैंपस से पुलिस और छात्रावासों में आने जाने के समय प्रतिबंध हटाने, सुभाष हॉस्टल के छात्रों को पीटने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई, चीफ प्रॉक्टर राकेश द्विवेदी (Chief Proctor Rakesh Dwivedi) को पद से हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे.

आइसा संगठन से जुड़े छात्र निखिल (Nikhil, a student associated with AISA organization) का कहना है कि जबसे प्रोफेसर राकेश द्विवेदी को चीफ प्रॉक्टर बनाया गया है तब से विश्वविद्यालय के छात्र काफी डरे और सहमे हुए हैं. कैंपस में हो रही घटनाओं के नाम पर प्रॉक्टर की ओर से आम छात्रों से बेवजह पूछताछ की जा रही है. वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्र नेताओं व प्रॉक्टोरियल टीम व पुलिस से जमकर नोकझोंक हुई. इस दौरान दोनों तरफ से काफी नोकझोंक व तीखी बहस होती रही. प्रॉक्टोरियल टीम प्रदर्शन कर रहे छात्रों के मांगों पर विचार करने को तैयार था, लेकिन छात्र की चीफ प्रॉक्टर के इस्तीफे का ज्ञापन विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी को देने की बात पड़े हुए थे. छात्रों का कहना था कि प्रॉक्टर को हटाने का ज्ञापन प्रॉक्टर को कैसे दें. वहीं प्रॉक्टोरियल टीम इस मांग को छोड़कर बाकी सभी मांगों पर विचार करने को तैयार थी. जब दोनों ओर से कोई बात नहीं बनी तो प्रॉक्टोरियल टीम छात्रों को छोड़कर वहां से हट गई.

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