लखनऊ : राजधानी के इंदिरानगर थाना क्षेत्र के शिवपुरी काॅलोनी निवासी एक छात्र ने शारीरिक प्रताड़ना से परेशान होकर फांसी (Student commits suicide) लगा ली. आत्महत्या से पहले छात्र ने तीन पन्नों का सुसाइड नोट लिखा था. सुसाइड नोट में छात्र ने ट्रेनर समेत अन्य को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्जकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
मिली जानकारी अनुसार, शिवपुरी कॉलोनी निवासी संत कुमार यादव ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि जयदीप यादव सबसे छोटा है. वह रूमी गेट स्थित जवाहरलाल नेहरू युवा कौशल केंद्र में सीएनजी किट फिटर की ट्रेनिंग ले रहा था. जयदीप सोमवार की रात खाना खाने के बाद कमरे में सोने गया. सुबह जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो बड़े भाई प्रदीप ने अपनी पत्नी से उसे देखने को कहा. काफी देर तक दरवाजा खटखटाने पर जयदीप नहीं उठा तो परिजनों ने खिड़की से देखा तो पंखे में फंदे के सहारे शव लटक रहा था. परिजन दरवाजा तोड़कर उसे लेकर डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
छात्र जयदीप यादव के कमरे से पुलिस को तीन पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत का जिम्मेदार कई लोगों को ठहराया है. सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि उसे ट्रेनिंग सेंटर में लगातार प्रताड़ित किया जाता था. उसके साथ मारपीट कर उसको प्रताड़ित किया जाता था, जिसकी शिकायत पर भी टीचर कुछ नहीं करते थे. जिसके बाद वह आत्महत्या कर रहा है. उसने आगे लिखा कि मुझे न्याय मिलना चाहिए. साथ ही उसने अपनी मौत के लिए ट्रेनर राजेंद्र सिंह ठाकुर और सेंटर हेड समेत कई छात्रों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. मृतक ने ट्रेनर राजेंद्र सिंह ठाकुर पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर उसका ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया है.
वहीं भाई प्रदीप यादव ने पुलिस पर मुकदमा ना लिखने का भी आरोप लगाया है. आरोप है कि मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद पुलिस ने बुधवार देर शाम मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इंस्पेक्टर इंदिरानगर छत्रपाल सिंह ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर ट्रेनर राजेंद्र सिंह ठाकुर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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