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लखनऊ में स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी बनी 'पीएम स्वनिधि योजना'

पिछले साल पूरे देश में लगे लॉकडाउन के कारण स्ट्रीट वेंडर और छोटे मोटे व्यवसाय कर अपना जीवन यापन करने वाले लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था. ऐसे में 'पीएम स्वनिधि योजना' ऐसे लोगों के लिए वरदान साबित हुई थी. राजधानी लखनऊ में इसका बड़ी संख्या में लोगों ने फायदा भी लिया था. राजधानी लखनऊ में पीएम स्वनिधि योजना का 40,791 लोगों को लाभ मिला.

लखनऊ में स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी बनी 'पीएम स्वनिधि योजना'
लखनऊ में स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी बनी 'पीएम स्वनिधि योजना'
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Published : Apr 20, 2021, 4:36 PM IST

लखनऊ: पूरे देश में विगत वर्ष फैले कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण ठेला लगाने वाले और बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर बुरी तरह से प्रभावित हुए थे. लॉकडाउन के कारण इन लोगों की आजीविका का कोई साधन नहीं बचा था. जिस कारण इन लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था. ऐसे में प्रधानमंत्री की स्वनिधि योजना इन लोगों के लिए वरदान साबित हुई थी. राजधानी लखनऊ में इसका बड़ी संख्या में लोगों ने फायदा भी लिया था.

राजधानी के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर की पहचान करने के लिए सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि उनके जोन में लगने वाली दुकानों का डाटा एकत्रित करें और ऐसे लोगों को चिन्हित करें. जिन लोगों को लॉकडाउन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था. इसकी एक सूची बनाने का निर्देश दिया. जोनल अधिकारियों के अतिरिक्त सभी जोन में तैनात नगर निगम के कर्मचारियों को भी निर्देश दिया गया कि ऐसे लोगों को चिन्हित करें, जो ठेला खोमचा लगाकर अपनी आजीविका चलाते थे.

भोपाल-इंदौर से ज्यादा लखनऊ में लाभान्वित हुए स्ट्रीट वेंडर्स
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना का मुख्य मकसद यह था कि जिन स्ट्रीट वेंडर को लॉकडाउन के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ा और आर्थिक तंगी के कारण जिनका व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हुआ, ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें लोन दिया जाए. इसके तहत राजधानी में 73,114 एप्लीकेशन भरे गए थे, जिसमें से 40,791 एप्लीकेशन को स्वीकृति प्रदान की गई. जहां एक तरफ राजधानी लखनऊ में 73,114 एप्लीकेशन के सापेक्ष 40,791 लोगों को चिन्हित किया गया. वही इंदौर में 49,998 एप्लीकेशन आए, जबकि इसके सापेक्ष 36, 688 लोगों का लोन स्वीकृत किया गया. जबकि भोपाल में 44,398 आवेदन पत्र आए जिसके सापेक्ष 30,158 एप्लीकेशन स्वीकृत किए गए. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी लखनऊ पीएम स्वनिधि योजना को लागू करने में सबसे अव्वल रहा है.

कानपुर रहा उत्तर प्रदेश में अव्वल
पीएम स्वनिधि योजना का लोन देने में उत्तर प्रदेश के कानपुर में 96,473 लोगों ने आवेदन किया था, जबकि इसके सापेक्ष 83,980 लोगों का लोन स्वीकृत किया गया. वहीं प्रयागराज में 35,585 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 19,636 लोगों के लोन स्वीकृत किए गए. जबकि गाजियाबाद में 35,723 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 16,145 लोगों के लोन स्वीकृत हुए. वहीं मेरठ में 32,961 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 16,708 लोगों के आवेदन स्वीकृत किए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 48,090 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 30,360 लोगों के आवेदन स्वीकृत किए गए.

इसे भी पढ़ें-लखनऊ नगर निगम ने डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज को किया सील

क्या कहते हैं लाभार्थी
राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर में फास्ट फूड का ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करने वाली दीपा सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि जिस तरह से लॉकडाउन के कारण हम लोगों का काम पूरी तरह से बंद हो गया था. ऐसे में प्रधानमंत्री की यह योजना हम लोगों के लिए काफी सहायक साबित हुई. इस योजना के माध्यम से हमें 100,000 का लोन मिला था. जिससे सामान खरीद कर हमने अपना काम शुरू किया है. धीरे-धीरे इस पैसे को वापस भी कर रहे हैं.

वहीं सब्जी का ठेला लगाने वाले मोहम्मद आरिफ का कहना है कि लॉकडाउन से हम लोग पूरी तरह से टूट गए थे. ऐसे में प्रधानमंत्री की लोन योजना से लोन लेकर हमने पुनः फल का ठेला लगाना शुरू किया. धीरे-धीरे हम लोन भी दे रहे हैं और अपनी जीविका भी चला रहे हैं.

लखनऊ: पूरे देश में विगत वर्ष फैले कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण ठेला लगाने वाले और बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर बुरी तरह से प्रभावित हुए थे. लॉकडाउन के कारण इन लोगों की आजीविका का कोई साधन नहीं बचा था. जिस कारण इन लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था. ऐसे में प्रधानमंत्री की स्वनिधि योजना इन लोगों के लिए वरदान साबित हुई थी. राजधानी लखनऊ में इसका बड़ी संख्या में लोगों ने फायदा भी लिया था.

राजधानी के नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि स्ट्रीट वेंडर की पहचान करने के लिए सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि उनके जोन में लगने वाली दुकानों का डाटा एकत्रित करें और ऐसे लोगों को चिन्हित करें. जिन लोगों को लॉकडाउन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था. इसकी एक सूची बनाने का निर्देश दिया. जोनल अधिकारियों के अतिरिक्त सभी जोन में तैनात नगर निगम के कर्मचारियों को भी निर्देश दिया गया कि ऐसे लोगों को चिन्हित करें, जो ठेला खोमचा लगाकर अपनी आजीविका चलाते थे.

भोपाल-इंदौर से ज्यादा लखनऊ में लाभान्वित हुए स्ट्रीट वेंडर्स
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना का मुख्य मकसद यह था कि जिन स्ट्रीट वेंडर को लॉकडाउन के दौरान समस्याओं का सामना करना पड़ा और आर्थिक तंगी के कारण जिनका व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हुआ, ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें लोन दिया जाए. इसके तहत राजधानी में 73,114 एप्लीकेशन भरे गए थे, जिसमें से 40,791 एप्लीकेशन को स्वीकृति प्रदान की गई. जहां एक तरफ राजधानी लखनऊ में 73,114 एप्लीकेशन के सापेक्ष 40,791 लोगों को चिन्हित किया गया. वही इंदौर में 49,998 एप्लीकेशन आए, जबकि इसके सापेक्ष 36, 688 लोगों का लोन स्वीकृत किया गया. जबकि भोपाल में 44,398 आवेदन पत्र आए जिसके सापेक्ष 30,158 एप्लीकेशन स्वीकृत किए गए. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी लखनऊ पीएम स्वनिधि योजना को लागू करने में सबसे अव्वल रहा है.

कानपुर रहा उत्तर प्रदेश में अव्वल
पीएम स्वनिधि योजना का लोन देने में उत्तर प्रदेश के कानपुर में 96,473 लोगों ने आवेदन किया था, जबकि इसके सापेक्ष 83,980 लोगों का लोन स्वीकृत किया गया. वहीं प्रयागराज में 35,585 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 19,636 लोगों के लोन स्वीकृत किए गए. जबकि गाजियाबाद में 35,723 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 16,145 लोगों के लोन स्वीकृत हुए. वहीं मेरठ में 32,961 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 16,708 लोगों के आवेदन स्वीकृत किए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 48,090 लोगों ने आवेदन किया, जिसके सापेक्ष 30,360 लोगों के आवेदन स्वीकृत किए गए.

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क्या कहते हैं लाभार्थी
राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर में फास्ट फूड का ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करने वाली दीपा सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि जिस तरह से लॉकडाउन के कारण हम लोगों का काम पूरी तरह से बंद हो गया था. ऐसे में प्रधानमंत्री की यह योजना हम लोगों के लिए काफी सहायक साबित हुई. इस योजना के माध्यम से हमें 100,000 का लोन मिला था. जिससे सामान खरीद कर हमने अपना काम शुरू किया है. धीरे-धीरे इस पैसे को वापस भी कर रहे हैं.

वहीं सब्जी का ठेला लगाने वाले मोहम्मद आरिफ का कहना है कि लॉकडाउन से हम लोग पूरी तरह से टूट गए थे. ऐसे में प्रधानमंत्री की लोन योजना से लोन लेकर हमने पुनः फल का ठेला लगाना शुरू किया. धीरे-धीरे हम लोन भी दे रहे हैं और अपनी जीविका भी चला रहे हैं.

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