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BJP विधायकों और नेताओं में क्यों है नाराजगी, मंथन में जुटे रणनीतिकार

भारतीय जनता पार्टी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सदन में धरना दिया तो पार्टी के 170 से ज्यादा विधायक उनके समर्थन में आ गए. इससे लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया. अब पार्टी के रणनीतिकार इस पर मंथन करने में जुटे हैं कि पार्टी के विधायकों और नेताओं में क्यों नाराजगी है.

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Published : Dec 18, 2019, 11:54 PM IST

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बीजेपी विधायकों की नाराजगी को लेकर मंथन में जुटे रणनीतिकार.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को लेकर पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी के अंदर पार्टी विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरफ से तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि सरकार में पार्टी नेताओं और विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है. कोई बात कही जाती है तो उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. दूसरी तरफ उत्पीड़न की शिकायतें भी पिछले काफी समय से पार्टी नेताओं और विधायकों के स्तर पर उठाई जाती रही हैं.

पार्टी विधायकों में सरकार को लेकर है नाराजगी.

जब बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में 170 से अधिक विधायकों ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया, तब बीजेपी को होश आया है. वे अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. पार्टी के लोग चिंतित हैं कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हो गई. इसे लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया.

कहां क्या हुई चूक
अब राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल विधायकों से बात कर रहे हैं. उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही इस बात का भी विश्लेषण किया जा रहा है कि कहां चूक हुई, जो इतनी बड़ी स्थिति पैदा हो गई.

संकट मोचक की भूमिका में सुनील बंसल
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल संकटमोचक की भूमिका में नजर आए. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पार्टी के तमाम असंतुष्ट विधायकों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री कार्यालय में पार्टी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने बातचीत की और उनकी समस्याएं जानने की कोशिश की.

...तो इस वजह से धरने पर बैठे विधायक
वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है. विधायकों को लग रहा है कि उनकी सुनवाई अपनी ही सरकार में नहीं हो रही है. विधायकों का अपमान हो रहा है और इसी बात को लेकर विधानसभा के सदन में विधायक धरने पर बैठे. उन्होंने उन अधिकारियों को सदन में बुलाने की मांग की.

ये भी पढ़ें: प्रदेश के विभिन्न जिलों में 8 सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपालों का धरना प्रदर्शन जारी

'करो या मरो' की स्थिति
उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए अब 'करो या मरो' की स्थिति बन चुकी है. एक तरफ विधायक सदन में धरना दे रहे थे. उसी दिन गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से संबंधित विधायक की हिस्ट्रीशीट जारी कर दी जाती है. ये अपने आप में चौकाने वाली बात है. भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों को अब इस स्थिति से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे.

ये भी पढ़ें: ETV BHARAT से बोले नंदकिशोर गुर्जर, 'सीएम से नहीं मिला, भ्रष्टाचार पर होगी कार्रवाई'

भारतीय जनता पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पार्टी के अंदर असंतोष और नाराजगी पिछले काफी समय से नेताओं और विधायकों के बीच पनप रही थी. अब एक विधायक का उत्पीड़न हुआ. उसके खिलाफ एफआईआर हुई. पार्टी ने भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. इसके बाद सभी विधायक एकजुट होकर सदन में धरने पर बैठ गए और अपनी सरकार को घेरने का काम किया. इस स्थिति ने भारतीय जनता पार्टी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को उजागर कर दिया.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को लेकर पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी के अंदर पार्टी विधायकों, नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरफ से तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि सरकार में पार्टी नेताओं और विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है. कोई बात कही जाती है तो उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. दूसरी तरफ उत्पीड़न की शिकायतें भी पिछले काफी समय से पार्टी नेताओं और विधायकों के स्तर पर उठाई जाती रही हैं.

पार्टी विधायकों में सरकार को लेकर है नाराजगी.

जब बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में 170 से अधिक विधायकों ने विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया, तब बीजेपी को होश आया है. वे अब डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं. पार्टी के लोग चिंतित हैं कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हो गई. इसे लेकर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया.

कहां क्या हुई चूक
अब राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल विधायकों से बात कर रहे हैं. उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही इस बात का भी विश्लेषण किया जा रहा है कि कहां चूक हुई, जो इतनी बड़ी स्थिति पैदा हो गई.

संकट मोचक की भूमिका में सुनील बंसल
बीजेपी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल संकटमोचक की भूमिका में नजर आए. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पार्टी के तमाम असंतुष्ट विधायकों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री कार्यालय में पार्टी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने बातचीत की और उनकी समस्याएं जानने की कोशिश की.

...तो इस वजह से धरने पर बैठे विधायक
वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार बताते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है. विधायकों को लग रहा है कि उनकी सुनवाई अपनी ही सरकार में नहीं हो रही है. विधायकों का अपमान हो रहा है और इसी बात को लेकर विधानसभा के सदन में विधायक धरने पर बैठे. उन्होंने उन अधिकारियों को सदन में बुलाने की मांग की.

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'करो या मरो' की स्थिति
उन्होंने कहा कि विधायकों के लिए अब 'करो या मरो' की स्थिति बन चुकी है. एक तरफ विधायक सदन में धरना दे रहे थे. उसी दिन गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से संबंधित विधायक की हिस्ट्रीशीट जारी कर दी जाती है. ये अपने आप में चौकाने वाली बात है. भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों को अब इस स्थिति से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे.

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भारतीय जनता पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पार्टी के अंदर असंतोष और नाराजगी पिछले काफी समय से नेताओं और विधायकों के बीच पनप रही थी. अब एक विधायक का उत्पीड़न हुआ. उसके खिलाफ एफआईआर हुई. पार्टी ने भी कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. इसके बाद सभी विधायक एकजुट होकर सदन में धरने पर बैठ गए और अपनी सरकार को घेरने का काम किया. इस स्थिति ने भारतीय जनता पार्टी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को उजागर कर दिया.

Intro:एंकर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार को लेकर पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी के अंदर पार्टी विधायक नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरफ से तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार में पार्टी नेताओं और विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही। कोई बात कही जाती है तो उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, तो दूसरी तरफ उत्पीड़न की शिकायतें भी पिछले काफी समय से पार्टी नेताओं और विधायकों के स्तर पर उठाई जाती रही है।
अब जब बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के समर्थन में 170 से अधिक विधायकों ने विधानसभा सदन में विरोध प्रदर्शन किया तब बीजेपी को होश आया और डैमेज कंट्रोल में सब लोग जुट गए पार्टी के लोग चिंतित हैं कि यह कैसे उत्पन्न हो गई कि इतनी बड़ी स्थिति बन गई और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया।



Body:वीओ
भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं की तरफ से बार-बार यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचार को पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और अन्य राष्ट्रीय नेताओं से यह बात कहने की जानकारी मिलती रही है कि योगी सरकार में उन लोगों की कोई पूछ नहीं है और जन समस्याएं और पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याएं दूर करने को लेकर सरकार चिंतित नहीं है जब पानी सर से ऊपर हो गया तब एक विधायक के समर्थन में 170 विधायक विधानसभा के सदन में खड़े होकर नारेबाजी करने लगे और यह विरोध के स्वर दिल्ली तक सुनाई दी है जिसको लेकर आप हर तरफ हड़कंप मचा डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू कर दी गई।
कहां क्या चूक हुई, फीडबैक जुटाने में जुटे रणनीतिकार
अब राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल विधायकों से बात कर रहे हैं और उन्हें समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं तो इसके साथ ही कहां क्या कमी है कहां संवादहीनता हुई जिसको लेकर इतनी बड़ी पार्टी और सरकार के सामने पैदा हो गई।
संकट मोचक की भूमिका में सुनील बंसल,
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल संकटमोचक की भूमिका में नजर आए और वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पार्टी के तमाम असंतुष्ट विधायकों के साथ बैठक की मुख्यमंत्री कार्यालय में पार्टी विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल बातचीत की और उनकी समस्याएं जानने की कोशिश की तो सदन के अंदर किस प्रकार से उत्पन्न हुई और एक विधायक के समर्थन में इतनी बड़ी संख्या में पार्टी के विधायक बगावत पर उतर आए और अपनी ही सरकार पर आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए यह इतनी बड़ी स्थिति बगावत की कैसे उत्पन्न हुई इसको लेकर विधायकों से फीडबैक लिया गया।

बाईट, मनोज श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार
भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही विधायकों को लग रहा है कि उनकी सुनवाई उनकी ही सरकार में नहीं हो रही है विधायकों का अपमान हो रहा है और इसी बात को लेकर विधानसभा के सदन में विधायक धरने पर बैठे की कोई ऐसी बन जाती और उन अधिकारियों को सदन में बुला लिया जाता विधायकों के लिए अब करो या मरो की स्थिति बन चुकी है एक तरफ विधायक सदन में धरना दे रहे थे तो उसी दिन गाजियाबाद प्रशासन की तरफ से संबंधित विधायक की हिस्ट्री सीट बताई जा रही है जो अपने आप में चौकाने वाली बात है भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों को अब इस स्थिति से निपटने के लिए कठोर कदम उठाने होंगे।




Conclusion:भारतीय जनता पार्टी के सूत्र बताते हैं कि पार्टी के अंदर असंतोष और नाराजगी पिछले काफी समय से नेताओं और विधायकों के बीच पनप रही थी अब एक विधायक का उत्पीड़न हुआ उसके खिलाफ f.i.r. हुई और उसके खिलाफ पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर दी तो सभी विधायक एकजुट होकर सदन में धरने पर बैठ गए और अपनी सरकार को घेरने का काम किया स्थिति ने भारतीय जनता पार्टी के अंदर के असंतोष और नाराजगी को उजागर कर दिया अब भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकार इस स्थिति से निपटने के लिए डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
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