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लखनऊ: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में परिवहन निगम के बढ़ते कदम

5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. पर्यावरण संरक्षण में परिवहन निगम के योगदान को लेकर ईटीवी भारत ने परिवहन निगम के एमडी डॉ. राजशेखर से बात की. साथ ही बस स्टेशनों से लेकर परिवहन निगम मुख्यालय तक पर्यावरण की दिशा में उठाए गए कदमों का जायजा भी लिया.

पर्यावरण संरक्षण में परिवहन निगम के योगदान.
पर्यावरण संरक्षण में परिवहन निगम के योगदान.
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Published : Jun 4, 2020, 8:01 PM IST

लखनऊ: 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है. पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए परिवहन निगम ने तमाम तरीके अपनाए हैं. डीजल से चलने वाली अफसरों की गाड़ियों को कम किया जा रहा है. इनकी जगह इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां ले रही हैं. बसों में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक की बोतल बैन कर दी गई है. इसके अलावा भी कई उपाय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में परिवहन निगम की तरफ से किए गए हैं.


उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर बाकायदा इन दिनों ग्रीन पार्क तैयार किया जा रहा है. हवा जहरीली न हो इसके लिए पेड़-पौधों पर खासा ध्यान दिया जा रहा है. तमाम पौधे रोपित किए जा रहे हैं. इसके अलावा कंक्रीट में तब्दील हो रहे बस स्टेशनों पर भी ग्रीनरी का खास ख्याल रखा जा रहा है. परिवहन निगम ने गोमतीनगर स्थित अवध बस स्टेशन को प्रदेश के पहले ग्रीन बस स्टेशनन के रूप में तैयार कर लिया है. यहां बाकायदा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है, जिसमें कई प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं.

पर्यावरण संरक्षण में परिवहन निगम के योगदान.

डीजल बसों से कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए अब परिवहन निगम बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों के साथ ही सीएनजी बसें शामिल करने पर जोर दे रहा है. सिटी बस बेड़े में 40 इलेक्ट्रिक बसें शामिल भी की जा चुकी हैं, जबकि 100 बसें शामिल की जानी हैं. वहीं डीजल से चलने वाली कारों की जगह अधिकारियों को भी इलेक्ट्रिक कारें दिए जाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- चित्रकूट के इस गांव में जल संकट ऐसा कि कुंवारे हो रहे बूढ़े

इन सबके अलावा परिवहन निगम ने ऊर्जा संरक्षण की दिशा में भी खास कदम उठाए हैं, जिनमें परिवहन निगम मुख्यालय से लेकर बस स्टेशनों पर बिजली की खपत कम करने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है. सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा से बस स्टेशन शीतल हो रहे हैं. साथ ही मुख्यालय पर भी सौर ऊर्जा का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है. पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए परिवहन निगम ने इस बार प्रदेश भर में हजारों की संख्या में बस स्टेशनों पर वृक्षारोपण कराया है. साथ ही स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.

परिवहन निगम के निदेशक डॉ. राजशेखर ने कहा कि हमारा दायित्व बनता है कि हम पर्यावरण संरक्षित करें. इसके लिए परिवहन निगम ने प्रयास किए हैं, जो बसें डीजल से चल रही हैं उन्हें इलेक्ट्रॉनिक और सीएनजी में परिवर्तित किया जा रहा है, जिससे कॉर्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण हो. बस स्टेशनों पर वृक्षारोपण का खास ख्याल रखा गया है. तमाम जगहों पर वृक्षारोपण कराया है. नए बस स्टेशनों पर सोलर एनर्जी के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया गया है. प्लास्टिक से पर्यावरण प्रदूषित होता है. ऐसे में बसों में मिलने वाली प्लास्टिक की बोतल पर प्रतिबंध लगाया है.

लखनऊ: 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है. पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए परिवहन निगम ने तमाम तरीके अपनाए हैं. डीजल से चलने वाली अफसरों की गाड़ियों को कम किया जा रहा है. इनकी जगह इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां ले रही हैं. बसों में प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्लास्टिक की बोतल बैन कर दी गई है. इसके अलावा भी कई उपाय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में परिवहन निगम की तरफ से किए गए हैं.


उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम मुख्यालय पर बाकायदा इन दिनों ग्रीन पार्क तैयार किया जा रहा है. हवा जहरीली न हो इसके लिए पेड़-पौधों पर खासा ध्यान दिया जा रहा है. तमाम पौधे रोपित किए जा रहे हैं. इसके अलावा कंक्रीट में तब्दील हो रहे बस स्टेशनों पर भी ग्रीनरी का खास ख्याल रखा जा रहा है. परिवहन निगम ने गोमतीनगर स्थित अवध बस स्टेशन को प्रदेश के पहले ग्रीन बस स्टेशनन के रूप में तैयार कर लिया है. यहां बाकायदा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है, जिसमें कई प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं.

पर्यावरण संरक्षण में परिवहन निगम के योगदान.

डीजल बसों से कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने के लिए अब परिवहन निगम बस बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों के साथ ही सीएनजी बसें शामिल करने पर जोर दे रहा है. सिटी बस बेड़े में 40 इलेक्ट्रिक बसें शामिल भी की जा चुकी हैं, जबकि 100 बसें शामिल की जानी हैं. वहीं डीजल से चलने वाली कारों की जगह अधिकारियों को भी इलेक्ट्रिक कारें दिए जाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.

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इन सबके अलावा परिवहन निगम ने ऊर्जा संरक्षण की दिशा में भी खास कदम उठाए हैं, जिनमें परिवहन निगम मुख्यालय से लेकर बस स्टेशनों पर बिजली की खपत कम करने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है. सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा से बस स्टेशन शीतल हो रहे हैं. साथ ही मुख्यालय पर भी सौर ऊर्जा का भरपूर प्रयोग किया जा रहा है. पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए परिवहन निगम ने इस बार प्रदेश भर में हजारों की संख्या में बस स्टेशनों पर वृक्षारोपण कराया है. साथ ही स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.

परिवहन निगम के निदेशक डॉ. राजशेखर ने कहा कि हमारा दायित्व बनता है कि हम पर्यावरण संरक्षित करें. इसके लिए परिवहन निगम ने प्रयास किए हैं, जो बसें डीजल से चल रही हैं उन्हें इलेक्ट्रॉनिक और सीएनजी में परिवर्तित किया जा रहा है, जिससे कॉर्बन उत्सर्जन पर नियंत्रण हो. बस स्टेशनों पर वृक्षारोपण का खास ख्याल रखा गया है. तमाम जगहों पर वृक्षारोपण कराया है. नए बस स्टेशनों पर सोलर एनर्जी के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया गया है. प्लास्टिक से पर्यावरण प्रदूषित होता है. ऐसे में बसों में मिलने वाली प्लास्टिक की बोतल पर प्रतिबंध लगाया है.

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