नई दिल्ली: देश की राजधानी में तीन दिनों से नफरत की आग सुलग रही है. ईटीवी भारत ने मजहबी दीवार के बीच दोस्ती और आपसी भाईचारे की एक ऐसी कहानियां देखीं जिसे इस समय हर दिल्ली वाले को सुननी चाहिए.
'एकसुर से नफरत की मुखालफत'
जाफराबाद में ईटीवी भारत ने कई लोगों से बातचीत की. इनमें हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समुदायों के लोग थे और दोनों ने ही खुलकर ऐसे नफरती दंगों की मुखालफत की. ईटीवी भारत ने वहां मौजूद फुरकान और सुनील से बात की, जो दोस्त हैं. फुरकान ने बताया कि शुरू से हिन्दू और मुस्लिम साथ रहते आए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अभी दो दिनों से दुकानें बंद हैं और बच्चों को दूध तक नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में हमारे एक हिन्दू भाई ने खुद दूध की व्यवस्था कर हम तक पहुंचाया.
'प्यार-मोहब्बत को तरजीह'
यहां हमें एक मुस्लिम युवक मिला जो बीते 15 साल से यहां एक हिन्दू परिवार के घर में रहते हैं और उन्हें आज तक किसी भी तरह की कोई तकलीफ नहीं हुई है. यहां हमने कई हिंदुओं और कई मुस्लिम युवाओं से बातचीत की. सभी ने नेताओं और सियासत को कठघरे में खड़ा करते हुए प्यार-मोहब्बत की बात को तरजीह दी.