लखनऊः हम बात कर रहे हैं राजधानी लखनऊ से 45 किलोमीटर दूर बसे मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत लालपुर गांव की जो जल संरक्षण की मिसाल पेश कर रहा है. गांव में सरकारी इमारतों से लेकर लोगों के घरों तक कई जगह जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाया गया है. जल संरक्षण के विषय में ग्रामीण काफी सजग नजर आएं. गांव में जगह-जगह रूफ वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है. ड्रेनेज वॉटर को भी एक तालाब में इकट्ठा किया जाता है. यह कोई आम तालाब नहीं है, इसमें कई अलग-अलग चेंबर बनाए गए हैं, जिससे पानी छनकर सिंचाई व जानवरों के पीने योग्य हो जाता है.
'वरना हो जाएगा तेरा जीवन बहुत मुहाल'
इस कथन से हमें पानी की कीमत का अंदाजा हो जाना चाहिए. आज भी देश के कई ऐसे हिस्से हैं जहां पानी की बहुत किल्लत है. लगातार जल स्तर घटता जा रहा है. एक तरफ सरकार अपने प्रयास कर रही है, लेकिन जब तक इस प्रयास में जन भागीदारी नहीं होगी तब तक यह प्रयास अधूरा ही रहेगा.
देश के कई हिस्सों में पानी की कमी है केंद्र व राज्य सरकार जल संरक्षण के लिए एक मुहिम चला रही है. राजधानी का लालपुर गांव जल संरक्षण के लिए एक मिसाल के तौर पर सामने आया है. इस गांव का जलस्तर सरकारी आंकड़ों में भी काफी अच्छा बताया गया है. गांव में टीम बनाई गई है, जो जल की महत्वता को ग्रामीणों को समझाती है और लोगों से अपील करती है कि बेवजह पानी को बर्बाद ना किया जाए.
जल संरक्षण के लिए लगातार सरकार की तरफ से प्रयास किया जा रहा है तालाबों का जीर्णोद्धार कर रहे हैं साथ ही साथ सोक-पिट और रूफ वाटर हार्वेस्टिंग के द्वारा भी जल संरक्षण किया जा रहा है आने वाले समय में नई तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा
-भोलानाथ कन्नौजिया, खंड विकास अधिकारी, मोहनलालगंज