लखनऊ : छत्रपति शाहू जी महाराज कानपुर के कुलपति डाॅ. विनय पाठक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही एसटीएफ ने गिरफ्तार किए गए अजय मिश्रा व अजय जैन के बयानों की पड़ताल शुरू कर दी है. एजेंसी अजय मिश्रा व जैन के खातों का ब्योरा निकाल कर कमीशन की कड़ी से जोड़ने में जुट गई है. यही नहीं पिछ्ले 10 दिनों में एसटीएफ ने आगरा विश्वविद्यालय, एकेटीयू , लखनऊ विश्वविद्यालय व कानपुर विश्वविद्यालय समेत कई विश्वविद्यालयों में दर्जनों कर्मचारियों से पूछताछ कर सबूत जुटाए हैं.
एसटीएफ के सूत्रों के मुताबिक एकेटीयू व लखनऊ विश्वविद्यालय में की गई पूछताछ के आधार पर कुछ कर्मचारियों को रडार पर लिया गया है. अब उनसे अलग-अलग पूछताछ की जाएगी. आगरा विश्वविद्यालय व भाषा विश्वविद्यालय में विनय पाठक से जुड़े कई तथ्यों का मिलान किया जा रहा है. विनय पाठक के करीबी अजय मिश्रा व पाठक के कमीशन की रकम मैनेज करने वाले अजय जैन के खातों का मिलान किया गया है. इनमें कई ऐसे ट्रांजैक्शन हैं, जो शक के दायेरे में हैं.
एसटीएफ विनय कुमार पाठक के करीबी अजय मिश्रा की कॉल डिटेल की भी जांच कर रही है. अभी तक सामने आया है कि अजय मिश्रा व उसके सहयोगियों की एजेंसी, आगरा विश्वविद्यालय में ही नहीं कानपुर विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, बिहार व मध्य प्रदेश के भी कुछ विश्वविद्यालयों में परीक्षा संबंधी कार्य देख रही थी. फिलहाल कुछ जगहों पर उसकी एजेंसी का भुगतान रोक दिया गया है.
दरअसल, आंबेडकर यूनिवर्सिटी में परीक्षा का काम करने वाली एजेंसी डिजिटेक्स टेक्नोलाजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर डेविड मारियो डेनिस ने लखनऊ के इंदिरानगर थाने में FIR दर्ज कराई थी. उन्होंने प्रो. विनय पाठक के अलावा XLICT कंपनी के मालिक अजय मिश्रा को भी नामजद किया. आरोप था कि डाॅ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में कुलपति रहते हुए प्रो. विनय पाठक ने पीड़ित से 15% कमीशन वसूला था. इस मामले में एसटीएफ अजय मिश्रा व कारोबारी अजय जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
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