लखनऊ: ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड में शूटर का इलाज कराने वाले फरार चल रहे विपुल सिंह को एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. विपुल सिंह पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया था. विपुल ने शूटआउट में घायल शूटर का इलाज करवाया था और उसे धनंजय सिंह का खास गुर्गा माना जाता है. लखनऊ पुलिस को पिछले एक साल से विपुल की तलाश थी.
बता दें कि, छह जनवरी 2021 को लखनऊ में गोमती नगर के कठौता चौराहे पर अजीत सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी. इस शूटआउट में अजीत सिंह को मारने आये एक शूटर को भी गोली लगी थी. घायल शूटर का पूर्व सांसद धनंजय सिंह के कृष्णानगर के मानसनगर निवासी गुर्गे विपुल ने ही इलाज कराया था. एसटीएफ ने जिस विपुल सिंह को गिरफ्तार किया है, वही अजीत सिंह की हत्या करने वाले शूटर को विभूतिखंड स्थित अपार्टमेंट के फ्लैट में ले गया था. यही नहीं शूटर के घायल होने की जानकारी पाकर पूर्व सांसद ने अपने परिचित डॉक्टर को फ्लैट पर बुलवाकर इलाज कराया था. पुलिस सूत्रों ने बताया था कि शूटर की हालत बिगड़ने लगी तो दूसरे दिन उसे कार से सुलतानपुर ले जाया गया था जो सीसीटीवी कैमरे में देखा गया था.
सुलतानपुर में धनंजय के करीबी डॉक्टर तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती शूटर का इलाज करते रहे. हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही शूटर को गायब कर दिया गया था. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि शूटर को फर्जी नाम से भर्ती कराया गया था. उसके तीमारदार के रूप में विपुल सिंह का मोबाइल नंबर था. पुलिस ने नंबर का ब्यौरा खंगाला तो पूर्व सांसद का नाम सामने आया. इस दौरान विपुल के मानसनगर स्थित घर पर दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिला.
बता दें, अजीत सिंह हत्याकांड में फरार चल रहे 25 हजार इनामी धनंजय सिंह का क्रिकेट खेलते वीडियो वायरल होने के बाद डीजीपी मुकुल गोयल ने अजीत सिंह हत्याकांड की जांच एसटीएफ को सौंप दी थी. एसटीएफ को इस मामले की जांच मिलने के बाद विपुल सिंह की इस मामले में पहली गिरफ्तारी है. लखनऊ पुलिस इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चुकी है.
इसे भी पढ़ें- 'अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य 'आरोपी' धनंजय सिंह घूम रहा खुलेआम, CM योगी करें कार्रवाई'