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आयुष एडमिशन घोटाला, गोआ ट्रिप से लेकर अधिकारियों को देता था महंगे गिफ्ट, STF ने किया गिरफ्तार - आयुर्वेदिक कॉलेज

आयुष कॉलेजों में एडमिशन (admission scam in Ayush colleges) के नाम पर हुए फर्जीवाड़े के मामले में यूपी एसटीएफ ने दो लोगों को वाराणसी से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि दोनों ही भाजपा नेता हैं और आयुष में एडमिशन के खेल में पूरी तरह शामिल थे.

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Published : Dec 3, 2022, 11:55 AM IST

लखनऊ : आयुष कॉलेजों में एडमिशन (admission scam in Ayush colleges) के नाम पर हुए फर्जीवाड़े के मामले में यूपी एसटीएफ ने दो लोगों को वाराणसी से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि दोनों ही भाजपा नेता हैं और आयुष में एडमिशन के खेल में पूरी तरह शामिल थे. दोनों को शुक्रवार को विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

आयुष घोटाले के आरोपियों की रिमांड मिलने के बाद अब पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने गिरफ्तारियां तेज कर दी हैं. एजेंसी ने गाजीपुर के रहने वाले विजय यादव व धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार किया है. दोनों फरार होने के लिए वाराणसी एयरपोर्ट जा रहे थे तभी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया.



सूत्रों के मुताबिक, आयुष एडमिशन घोटाले (admission scam in Ayush colleges) की जांच में एसटीएफ को पता चला कि विजय यादव का कृष्ण एंड सुदामा कंपनी नाम से कॉलेज ग्रुप है. वह उसी आयुष कॉलेज में अभ्यर्थियों का प्रवेश कराने के लिए अधिकारियों से सेटिंग करता था व उनके शौक पूरा करने के लिए गोआ ट्रिप से लेकर महंगे गिफ्ट मुहैया कराता था. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि विजय बिचौलिए की मदद से आयुष निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलते थे, जिसके बाद अपने कॉलेज में एडमिशन के लिए सेटिंग करते थे. सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार किया गया विजय यादव भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेश कोषाध्यक्ष है.


दरअसल, आयुष एडमिशन घोटाला नीट 2021 की परीक्षा से जुड़ा है. आरोप है कि मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी कर कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दे दिया गया था. इस मामले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी. इस दौरान नीट की मेरिट से बाहर रहने वाले छात्रों को भी एडमिशन दे दिया गया था. हैरान कर देने वाली बात यह भी थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को भी अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया था. जांच में सामने आया कि मेरिट में आने वाले छात्रों की जगह पर मेरिट से बाहर रहने वाले तकरीबन 891 छात्रों का नाम, जन्म तिथि और एप्लीकेशन नंबर डालकर उसे एडमिशन दिया गया. एसटीएफ इस फर्जीवाड़े में पूर्व निदेशक एसएन सिंह समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. अब इन सभी आरोपियों की रिमांड मिलने के बाद यूपी एसटीएफ इनसे पूछताछ कर रही है जिसके आधार पर बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है.

यह भी पढ़ें : आचार संहिता उल्लंघन मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह बरी

लखनऊ : आयुष कॉलेजों में एडमिशन (admission scam in Ayush colleges) के नाम पर हुए फर्जीवाड़े के मामले में यूपी एसटीएफ ने दो लोगों को वाराणसी से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि दोनों ही भाजपा नेता हैं और आयुष में एडमिशन के खेल में पूरी तरह शामिल थे. दोनों को शुक्रवार को विशेष जज भ्रष्टाचार निवारण में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

आयुष घोटाले के आरोपियों की रिमांड मिलने के बाद अब पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने गिरफ्तारियां तेज कर दी हैं. एजेंसी ने गाजीपुर के रहने वाले विजय यादव व धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार किया है. दोनों फरार होने के लिए वाराणसी एयरपोर्ट जा रहे थे तभी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया.



सूत्रों के मुताबिक, आयुष एडमिशन घोटाले (admission scam in Ayush colleges) की जांच में एसटीएफ को पता चला कि विजय यादव का कृष्ण एंड सुदामा कंपनी नाम से कॉलेज ग्रुप है. वह उसी आयुष कॉलेज में अभ्यर्थियों का प्रवेश कराने के लिए अधिकारियों से सेटिंग करता था व उनके शौक पूरा करने के लिए गोआ ट्रिप से लेकर महंगे गिफ्ट मुहैया कराता था. एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि विजय बिचौलिए की मदद से आयुष निदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से मिलते थे, जिसके बाद अपने कॉलेज में एडमिशन के लिए सेटिंग करते थे. सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार किया गया विजय यादव भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेश कोषाध्यक्ष है.


दरअसल, आयुष एडमिशन घोटाला नीट 2021 की परीक्षा से जुड़ा है. आरोप है कि मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी कर कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दे दिया गया था. इस मामले में सबसे ज्यादा गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन में सामने आई थी. इस दौरान नीट की मेरिट से बाहर रहने वाले छात्रों को भी एडमिशन दे दिया गया था. हैरान कर देने वाली बात यह भी थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को भी अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया था. जांच में सामने आया कि मेरिट में आने वाले छात्रों की जगह पर मेरिट से बाहर रहने वाले तकरीबन 891 छात्रों का नाम, जन्म तिथि और एप्लीकेशन नंबर डालकर उसे एडमिशन दिया गया. एसटीएफ इस फर्जीवाड़े में पूर्व निदेशक एसएन सिंह समेत 12 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. अब इन सभी आरोपियों की रिमांड मिलने के बाद यूपी एसटीएफ इनसे पूछताछ कर रही है जिसके आधार पर बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है.

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