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2022 चुनाव से पहले राज्यकर्मियों को मिलेगा कैशलेस इलाज का तोहफा

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Published : Aug 3, 2021, 12:24 PM IST

राज्यकर्मियों की वर्षों से लंबित 'कैशलेस' इलाज की मुराद पूरी होने वाली है. सरकार चुनाव से पहले कर्मचारियों को कैशलेस इलाज का तोहफा देने जा रही है. वित्त विभाग इसका खाका खींच रहा है.

आयुष्मान योजना
आयुष्मान योजना

लखनऊ: यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार की नजर हर वर्ग पर है. लिहाजा, पहले जहां लाखो अंत्योदय कार्डधारकों को मुफ्त इलाज का तोहफा दिया गया, वहीं अब राज्यकर्मियों की वर्षों से लंबित 'कैशलेस' इलाज की मुराद पूरी होने वाली है. इसके लिए 'आयुष्मान योजना' से समस्या का तोड़ निकाला गया है.

यूपी में करीब 22 लाख राज्य कर्मचारी हैं. वहीं परिवारिक सदस्य मिलाकर 88 लाख के करीब हैं. बड़ी तादाद होने के बावजूद अभी तक इन्हें 'कैशलेस इलाज' का लाभ नहीं मिला. ऐसे में इलाज के बिलों की भरपाई के लिए कर्मियों को विभाग, अस्पताल और सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस दरम्यान इलाज के बिलों में कटौती पर अक्सर विवाद छाया रहता है. लिहाजा, कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर 5 साल पहले हुंकार भरी. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2016 में कर्मियों के कैशलेस कार्ड बनवाए. मगर, इलाज के भारी बजट के अंदेशा को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अब सरकार चुनाव से पहले कर्मचारियों को कैशलेस इलाज का तोहफा देने जा रही है. वित्त विभाग इसका खाका खींच रहा है. विभाग ने आयुष्मान योजना के जरिए कर्मियों के इलाज पर आने वाले भारी भरकम खर्च को हल्का करने का तोड़ निकाला है. इसके तहत कर्मचारी और उसके परिवार के सदस्य सरकारी व आयुष्मान योजना से सम्बद्ध अस्पताल में कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज करा सकेंगे.

कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर भरी थी हुंकार.
कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर भरी थी हुंकार.

स्टेट हेल्थ एजेंसी साची की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक आयुष्मान योजना में बीमारियों के पैकेज तय हैं. इसके तहत ही अस्पताल इलाज का पैसा काट सकेंगे. अनाप-शनाप बिलिंग नहीं हो सकेगी. कर्मचारियों को भी इलाज के बिलों के भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. इसके लिए वित्त विभाग ने ब्योरा तलब किया था, जिसे भेज दिया गया है. अब शासन स्तर से निर्णय होना है. विभागीय अफसरों का दावा है कि मानसून सत्र में सरकार इसका एलान कर सकती है.

आयुष्मान योजना में अभी करीब 1574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने किडनी और कार्नियल ट्रांसप्लांट जोड़ने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा ब्लैक फंगस का इलाज भी शामिल करने का सुझाव दिया है.

यहां करा सकेंगे इलाज

  • 1004 सरकारी अस्पताल योजना से जुड़े
  • 1504 निजी अस्पताल योजना में शामिल
  • 1 लाख 26 हजार बेड अस्पतालों में हैं
  • कर्मी इन अस्पतालों में कार्ड के जरिए इलाज करा सकेंगे
  • अस्पताल को इलाज के पैसे का भुगतान साची द्वारा किया जाएगा
  • यह पैसा आयुष्यान योजना के तय पैकेज अनुसार अस्पताल को मिलेगा

लखनऊ: यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सरकार की नजर हर वर्ग पर है. लिहाजा, पहले जहां लाखो अंत्योदय कार्डधारकों को मुफ्त इलाज का तोहफा दिया गया, वहीं अब राज्यकर्मियों की वर्षों से लंबित 'कैशलेस' इलाज की मुराद पूरी होने वाली है. इसके लिए 'आयुष्मान योजना' से समस्या का तोड़ निकाला गया है.

यूपी में करीब 22 लाख राज्य कर्मचारी हैं. वहीं परिवारिक सदस्य मिलाकर 88 लाख के करीब हैं. बड़ी तादाद होने के बावजूद अभी तक इन्हें 'कैशलेस इलाज' का लाभ नहीं मिला. ऐसे में इलाज के बिलों की भरपाई के लिए कर्मियों को विभाग, अस्पताल और सीएमओ दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं. इस दरम्यान इलाज के बिलों में कटौती पर अक्सर विवाद छाया रहता है. लिहाजा, कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर 5 साल पहले हुंकार भरी. इसके बाद तत्कालीन सरकार ने वर्ष 2016 में कर्मियों के कैशलेस कार्ड बनवाए. मगर, इलाज के भारी बजट के अंदेशा को लेकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अब सरकार चुनाव से पहले कर्मचारियों को कैशलेस इलाज का तोहफा देने जा रही है. वित्त विभाग इसका खाका खींच रहा है. विभाग ने आयुष्मान योजना के जरिए कर्मियों के इलाज पर आने वाले भारी भरकम खर्च को हल्का करने का तोड़ निकाला है. इसके तहत कर्मचारी और उसके परिवार के सदस्य सरकारी व आयुष्मान योजना से सम्बद्ध अस्पताल में कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज करा सकेंगे.

कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर भरी थी हुंकार.
कर्मचारी संगठनों ने कैशलेस इलाज को लेकर भरी थी हुंकार.

स्टेट हेल्थ एजेंसी साची की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक आयुष्मान योजना में बीमारियों के पैकेज तय हैं. इसके तहत ही अस्पताल इलाज का पैसा काट सकेंगे. अनाप-शनाप बिलिंग नहीं हो सकेगी. कर्मचारियों को भी इलाज के बिलों के भुगतान के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. इसके लिए वित्त विभाग ने ब्योरा तलब किया था, जिसे भेज दिया गया है. अब शासन स्तर से निर्णय होना है. विभागीय अफसरों का दावा है कि मानसून सत्र में सरकार इसका एलान कर सकती है.

आयुष्मान योजना में अभी करीब 1574 पैकेज हैं. इसमें ट्रांसप्लांट योजना अभी शामिल नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने किडनी और कार्नियल ट्रांसप्लांट जोड़ने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा ब्लैक फंगस का इलाज भी शामिल करने का सुझाव दिया है.

यहां करा सकेंगे इलाज

  • 1004 सरकारी अस्पताल योजना से जुड़े
  • 1504 निजी अस्पताल योजना में शामिल
  • 1 लाख 26 हजार बेड अस्पतालों में हैं
  • कर्मी इन अस्पतालों में कार्ड के जरिए इलाज करा सकेंगे
  • अस्पताल को इलाज के पैसे का भुगतान साची द्वारा किया जाएगा
  • यह पैसा आयुष्यान योजना के तय पैकेज अनुसार अस्पताल को मिलेगा
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