लखनऊ : प्रदेश के माध्यमिक और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को राज्य अध्यापक और मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार पाने के लिए अभी और इंतजार करना होगा. प्रदेश सरकार से पुरस्कार समारोह की तिथि में बदलाव करते हुए नए सिरे से आवेदन मांगे हैं. अब शिक्षकों को पांच फरवरी की जगह 28 फरवरी को पुरस्कृत किया जाएगा.
प्रदेश सरकार प्रत्येक वर्ष राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों सहित संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को इन पुरस्कारों से नवाजती है. इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022-23 के राज्य अध्यापक पुरस्कार व मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार के लिए 15 जनवरी से शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे और सारी प्रक्रिया के बाद शिक्षकों को पांच फरवरी को पुरस्कृत किया जाना था. तय कार्यक्रम के तहत 20 जनवरी तक निदेशालय स्तरीय समिति द्वारा पात्र शिक्षकों का चयन कर राज्य चयन समिति को ऑनलाइन प्रस्ताव प्रेषित करना था, लेकिन एक दिन पहले प्रदेश सरकार ने पुरस्कार दिए जाने के सारे कार्यक्रम में बदलाव कर दिया है.
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डाॅ. महेंद्र देव के मुताबिक, "शासन ने राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त और वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों सहित संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को नए सिर से आवेदन करना होगा. जारी निर्देश में कहा गया है कि इन विद्यालयों के प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक और अध्यापक 21 जनवरी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसकी अन्तिम तिथि 31 जनवरी होगी. जनपदीय समिति आवेदनों का परीक्षण एवं स्थलीय सत्यापन कर पात्र अध्यापकों का चयन 7 फरवरी तक करेगी. फिर मंडलीय समिति 14 फरवरी तक पात्र अध्यापकों के नाम निदेशालय स्तरीय समिति को भेज देगी और निदेशालय स्तरीय समिति 21 फरवरी तक परीक्षण कर नामों को राज्य चयन समिति को ऑनलाइन भेजेगी. आखिरी में राज्य चयन समिति 28 फरवरी तक चयनित नामों पर अपनी अन्तिम मुहर लगाएगी. इसके बाद ही चयनित अध्यापकों को पुरस्कृत किया जाएगा."