लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए अब एक दशक का विजन प्लान तैयार होगा. इसमें बालिकाओं को अब उनकी दक्षता, क्षमता और कौशल के आधार पर निखारा जाएगा, ताकि कोई भी बालिका आर्थिक अभाव में पिछड़ी न रहे, इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय एक दिन की कार्यशाला का आयोजन करेगा, जिसमें अधिकारियों से लेकर हॉस्टल वार्डन तक शामिल होंगे. बता दें प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित हैं. इसमें पढ़ने वाली प्रत्येक बालिका के भविष्य की चिंता अब राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय पर होगी.
दरअसल, बीते वर्ष वर्ल्ड कप महिला टीम में शामिल होने वाली उन्नाव, बांगरमऊ निवासी अर्चना देवी ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से पढ़ाई की है. आर्थिक अभाव के चलते खेलना तो दूर उनके पास पढ़ने के लिए भी पैसे नहीं थे. तब उनकी शिक्षिका पूनम गुप्ता ने उनकी काफी मदद की, जिसके बाद वह आज इस मुकाम तक पहुंची. इसी से प्रेरित होकर अब राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं के भविष्य की चिंता करेगा कि अगले 10 साल में यह बालिकाएं कहां पहुंचेंगी.
21 से 28 जून के बीच लगेंगी कार्यशालाएं : राज्य परियोजना निदेशक एवं महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने 21 से 28 जून के बीच मंडलवार कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं. 21 जून को पहले चरण में लखनऊ मंडल की कार्यशाला आयोजित होगी. इसमें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्वयक बालिका शिक्षा, केजीबीवी के सभी शैक्षिक व शिक्षणेत्तर स्टाफ व वार्डन, फुल व पार्ट टाइम टीचर व लेखाकार शामिल होंगे.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि '21 से 28 जून तक प्रदेश के सभी 746 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के शिक्षकों वार्डन व कर्मचारियों की कार्यशाला आयोजित हो रही है. इसमें सभी कस्तूरबा विद्यालयों को अगले 10 वर्ष के विजन प्लान प्रस्तुत करना होगा.'