लखनऊ : 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से चिकित्सा जगत में और उन्नति होगी. आने वाले समय में इसके जरिए भी मरीजों का इलाज मिलेगा. अब चिकित्सा जगत में आई का इस्तेमाल हो रहा है और पैथोलॉजी में भी जांच और इलाज के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग हो रहा है जो की काफी सफल है.' यह बातें केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने शुक्रवार को कहीं. केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग ने 15 और 16 सितंबर को कन्वेंशन सेंटर में साइटोपैथोलॉजी का 11वां राज्यस्तरीय सम्मेलन आयोजित किया गया.
केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद और एचओडी पैथोलॉजी, प्रोफेसर व एस सिंह ने चुनौती लेने के लिए पैथोलॉजी विभाग के संकाय सदस्यों का मार्ग दर्शन किया. प्रोफेसर मधु कुमार आयोजन सचिव, प्रोफेसर अजय कुमार सिंह और सह-संगठन सचिव डॉ. प्रीति अग्रवाल के साथ-साथ उनके सहयोगियों और रेजिडेंट की टीम ने सपने को साकार करने के लिए लगन से काम किया. उन्होंने कहा कि हमने केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर जैसे सुदूर स्थानों में भी प्रतिनिधियों से 300 से अधिक पंजीकरण प्राप्त किये. इस दौरान प्रोफेसर प्रणव दे (एनआईएमएस, जयपुर) ने 'कम्प्यूटेशनल साइटोपैथोलॉजी व न्यूपाथ अहे' विषय पर डॉ. पीके अग्रवाल ओरेशन व्याख्यान दिया.
प्रोफेसर अतुल गुप्ता (आगरा), प्रोफेसर दीपाली जैन (एम्स, नई दिल्ली), प्रोफेसर नलिनी गुप्ता (पीजीआई एमईआर, चंडीगढ़), प्रोफेसर अमृता पोप (आईएमएस, बीएचयू) प्रोफेसर नुजहत हुसैन (आर एम एस आई एमएस, लखनऊ), प्रोफेसर दीपारानी (एमएनएमसी जागरा), डॉ. वैशाली वाल्के (एम्स भोपाल), डॉ. निधि वर्मा (एमएएमसी नईदिल्ली) डॉ. चयनिका काला (जीएसवीएम, कानपुर), डॉ. निशात अफरोज (एएमयू अलीगढ़), डॉ. रुचतार वर्मा (एमएलएन, प्रयागराज), डॉ. पल्लवी प्रसाद (एसजीपीजीआईएमएस, लखनऊ), संकाय के रूप में शामिल हुई और हाल की प्रगति सहित रुचि के विभिन्न विषयों पर चर्चा की.
डॉक्टरों ने लिया एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण : केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस स्किल डेवेलपमेन्ट द्वारा पचासवां एएलटीएस कोर्स सम्पन्न हुआ. बीते सात वर्षों (2016) से एएलटीएस प्रदान करने वाला तीन दिवसीय प्रशिक्षण एवं एएलटीएस प्रशिक्षक पाठ्यक्रम दो दिवसीय प्रशिक्षण निरन्तर आयोजित किया जाता रहा है और इसी के तहत में शुक्रवार को 50वां कोर्स सम्पन्न हुआ. इस दौरान केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि 'किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश का पहला एवं इकलौता केंद्र है जो प्रदेश में अमेरिकन कॉलेज ऑफ सर्जंस द्वारा सत्यापित एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (एटीएलएस) प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है.'
इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को ट्रॉमा मरीजों के जीवन को बचाने की विधा सिखाई जाती है. इस प्रशिक्षण में श्वासमार्ग का देखभाल, श्वसन में रुकावट, रक्त स्राव रोकने की विधियों, शॉक मैनेजमेन्ट, सिर एवं मेरूदढ़ की चोट की पहचान व उपचार, बच्चों-बुजुर्गों एवं गर्भवती महिलाओं की विशेष देखभाल, रोगी के स्थानान्तरण का प्रोटोकॉल एवं विधि, हास्पिटल नेटवर्किंग इत्यादि का बहुत बारीकी एवं सहज रूप प्रशिक्षण कुशल ट्रेन्ड चिकित्सक द्वारा दिया जाता है एवं परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले चिकित्सकों को प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है जोकि चार वर्षों के लिये मान्य होता है.
कोर्स में मुम्बई, कोलकाता, वाराणसी, आन्ध्र प्रदेश, लुधियाना एवं लखनऊ के विभिन्न चिकित्सालयों के प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. डॉ. संदीप तिवारी (कोर्स डायरेक्टर), डॉ. समीर मिश्रा, डॉ. दिव्य नारायण उपाध्याय, डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव, डॉ. नेहा ठाकुर, डॉ. यदुवेन्द्र, डॉ. वेद प्रकाश, डॉ. सुनीश, डॉ. सौरभ सहगल, डॉ. दीना शाह एवं डॉ. मैत्रे द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया. इस कोर्स की कोआर्डिनेटर शालिनी गुप्ता एवं सहायक के रूप में महिमा, अभिषेक यादव, शालिनी दुबे एवं दीपक दीक्षित का विशेष योगदान रहा.