लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निजी पैथोलॉजी लैब का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है. उधर, मरीजों की रिपोर्टिंग को लेकर भी अक्सर भ्रम बना रहता है. कई बार एक ही मरीज का टेस्ट अलग-अलग लैब में कराने पर रिपोर्ट भी अलग-अलग आती है. ऐसे में मरीज शिकायत भी करता है, तो निराकरण में लम्बा वक्त लगता है. लेकिन, अब स्टेट लैब में निजी लैब के सैम्पल की क्रॉस मैचिंग हो सकेगी.
यूपी के 75 जनपदों में करीब 7800 के करीब निजी पैथोलॉजी लैब हैं. इनमें से करीब 850 लैब लखनऊ में हैं. निजी सेंटरों का लम्बा नेटवर्क होने के बावजूद मॉनिटरिंग की व्यवस्था ठीक नहीं है. ऐसे में लैब में सैम्पल संग्रह, स्टोरेज व टेस्टिंग के अपने-अपने पैमाने हैं. लिहाजा, कई बार एक ही दिन, एक ही टेस्ट को अलग-अगल लैब में कराने पर भी रिपोर्ट अलग-अलग आती है. अब इसमें में से कौन सी रिपोर्ट सही, कौन सी गलत है, मरीज इसको लेकर ऊहापोह में रहता है. जिला स्तर पर इन सैम्पल की क्रॉस चेकिंग करा पाना मुश्किल भरा काम है. मगर, जल्द ही सीएमओ ऐसी समस्या का निस्तारण कर सकेंगे. वह निजी लैब से मरीज का सैंपल तलब कर स्वास्थ्य भवन स्थित स्टेट लैब भेज सकेंगे. जहां निजी लैब से सैम्पल की क्रॉस मैचिंग कर रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी जाएगी. जिससे सीएमओ गलत रिपोर्ट देने पर सम्बंधित लैब पर एक्शन ले सकेंगे.
जेई-डेंगू की भी होगी जांच, डायरेक्ट नहीं लिए जाएंगे सैम्पल
डीजी हेल्थ डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक स्वास्थ्य भवन की स्टेट लैब अपग्रेड की जा रही है. इसका बजट पास हो चुका है. लैब में नई मशीनें लगेंगी. यह रेफरेंस लैब होगी. मरीजों से डायरेक्ट सैम्पल नहीं लिए जाएंगे. जिलों से क्रॉस चेकिंग के लिए सैम्पल आएंगे. साथ ही यहां डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के भी टेस्ट हो सकेंगे.
निजी लैब के कोरोना टेस्ट की जांच कर रहा केजीएमयू
प्रदेश में कोरोना टेस्ट कर रही निजी लैब की मॉनिटरिंग शुरू हो गई है. इसके लिए सरकार ने हर निजी लैब को कुल सैम्पल के 10 फीसद सैम्पल केजीएमयू भेजने के निर्देश दिए हैं. इनके सैंपल की जांच जारी है. करीब 6 लैब की रिपोर्टिंग गड़बड़ पाई गई है.
यूपी के निजी पैथोलॉजी सेंटरों की होगी जांच, स्टेट लैब करेगा 'टेस्टिंग' - lucknow news
यूपी का स्टेट लैब अब प्रदेश के 7 हजार से अधिक निजी पैथोलॉजी लैब्स की जांच करेगा. इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य भवन की स्टेट लैब अपग्रेड किया जा रहा है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में निजी पैथोलॉजी लैब का नेटवर्क बढ़ता जा रहा है. उधर, मरीजों की रिपोर्टिंग को लेकर भी अक्सर भ्रम बना रहता है. कई बार एक ही मरीज का टेस्ट अलग-अलग लैब में कराने पर रिपोर्ट भी अलग-अलग आती है. ऐसे में मरीज शिकायत भी करता है, तो निराकरण में लम्बा वक्त लगता है. लेकिन, अब स्टेट लैब में निजी लैब के सैम्पल की क्रॉस मैचिंग हो सकेगी.
यूपी के 75 जनपदों में करीब 7800 के करीब निजी पैथोलॉजी लैब हैं. इनमें से करीब 850 लैब लखनऊ में हैं. निजी सेंटरों का लम्बा नेटवर्क होने के बावजूद मॉनिटरिंग की व्यवस्था ठीक नहीं है. ऐसे में लैब में सैम्पल संग्रह, स्टोरेज व टेस्टिंग के अपने-अपने पैमाने हैं. लिहाजा, कई बार एक ही दिन, एक ही टेस्ट को अलग-अगल लैब में कराने पर भी रिपोर्ट अलग-अलग आती है. अब इसमें में से कौन सी रिपोर्ट सही, कौन सी गलत है, मरीज इसको लेकर ऊहापोह में रहता है. जिला स्तर पर इन सैम्पल की क्रॉस चेकिंग करा पाना मुश्किल भरा काम है. मगर, जल्द ही सीएमओ ऐसी समस्या का निस्तारण कर सकेंगे. वह निजी लैब से मरीज का सैंपल तलब कर स्वास्थ्य भवन स्थित स्टेट लैब भेज सकेंगे. जहां निजी लैब से सैम्पल की क्रॉस मैचिंग कर रिपोर्ट सीएमओ को भेज दी जाएगी. जिससे सीएमओ गलत रिपोर्ट देने पर सम्बंधित लैब पर एक्शन ले सकेंगे.
जेई-डेंगू की भी होगी जांच, डायरेक्ट नहीं लिए जाएंगे सैम्पल
डीजी हेल्थ डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक स्वास्थ्य भवन की स्टेट लैब अपग्रेड की जा रही है. इसका बजट पास हो चुका है. लैब में नई मशीनें लगेंगी. यह रेफरेंस लैब होगी. मरीजों से डायरेक्ट सैम्पल नहीं लिए जाएंगे. जिलों से क्रॉस चेकिंग के लिए सैम्पल आएंगे. साथ ही यहां डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के भी टेस्ट हो सकेंगे.
निजी लैब के कोरोना टेस्ट की जांच कर रहा केजीएमयू
प्रदेश में कोरोना टेस्ट कर रही निजी लैब की मॉनिटरिंग शुरू हो गई है. इसके लिए सरकार ने हर निजी लैब को कुल सैम्पल के 10 फीसद सैम्पल केजीएमयू भेजने के निर्देश दिए हैं. इनके सैंपल की जांच जारी है. करीब 6 लैब की रिपोर्टिंग गड़बड़ पाई गई है.