लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आवारा पशु किसानों के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार भी गंभीर बनी हुई है. आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए प्रदेश सरकार हर जिले में एक टास्क फोर्स का गठन (task force in every district) कर सड़कों और फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए 5 से 20 जनवरी तक विशेष अभियान चलाएगी.
उत्तर प्रदेश में आवारा पशु किसानों के लिए बड़ी समस्या बने हुए हैं. किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए योगी सरकार भी गंभीर बनी हुई है. योगी सरकार किसानों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए हर जिले में एक टास्क फोर्स बनाने की तैयारी में है. प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि निराश्रित गोवंश उत्तर प्रदेश में किसानों की समस्या है इसको हम बेहतर जानते हैं, लेकिन जो निराश्रित गोवंश है कहीं बाहर से नहीं आया है. 2022 के विधानसभा चुनाव में निराश्रित गोवंश एक बड़ा मुद्दा था, जिसे विपक्षी दलों ने जमकर उछाला था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस मुद्दे को पशुधन विभाग पूरी तरह से खत्म करने की कवायद शुरू कर चुका है. 5 से 20 जनवरी यानी कि 15 दिन का यह अभियान निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी विपक्षियों के मुद्दे को खत्म करने के लिए शुरू की गई है. विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि 5 से 20 जनवरी तक उत्तर प्रदेश पशुधन विभाग के द्वारा वृहद अभियान चलाकर सभी निराश्रित गोवंश को गौ आश्रय स्थल में एकत्रित किया जाएगा, इसके लिए जिलों में फोर्स का गठन किया जाएगा. प्रत्येक जिले में टोल फ्री नंबर को भी जारी किया जाएगा तो वहीं विभाग के द्वारा अब उन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी. जिन लोगों ने पशुओं की जियो टैगिंग तो कराई है, लेकिन पशुओं को निराश्रय सड़कों पर छोड़ दिया है. ऐसे लोगों के खिलाफ अब (पशु क्रूरता अधिनियम) के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा.
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