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लखनऊ में प्रदेश सरकार की कस्टम हायरिंग योजना अधर में अटकी

प्रदेश सरकार ने खेती को आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए कस्टम हायरिंग योजना की शुरुआत की है. वहीं किसानों के लिए बड़ा सवाल है कि बैंक से कर्ज लेने वाले किसान किस्त कैसे चुकाएंगे.

योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
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Published : Aug 12, 2019, 11:00 PM IST

लखनऊ: जिले की सरकार ने खेती को आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए उपकरण किराया योजना शुरू की है. इसके लिए किसानों को 10 से 12 लाख रुपये कृषि उपकरण पर मुहैया कराए जाएंगे. वहीं किसानों के लिए बड़ा सवाल है कि बैंक से कर्ज लेने वाले किसान किस्त कैसे चुकाएंगे.

जानकारी देते कृषि,अपर निदेशक और कृषक.
सरकार चाहती है:
  • फसल उत्पादन के बाद खेतों में छोड़े जाने वाले अवशेषों को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जाय.
  • किसान कृषि उपकरणों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करें.
  • सरकार छोटे किसानों को कृषि उपकरण प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है.
  • सरकार का मानना है कि छोटे किसान महंगे कृषि उपकरणों को नहीं खरीद सकते हैं.
  • इसलिए हर विकासखंड स्तर पर कम से कम एक किसान को ऐसे कृषि उपकरणों से लैस करने की योजना है.
  • अपनी खेती करने के साथ दूसरे किसानों को किराया पद्धति पर कृषि उपकरण की सुविधा मुहैया करा सके.
  • प्रदेश सरकार ने प्रथम आगत प्रथम स्वागत के तहत कृषि उपकरणों की अनुदान योजना को शुरू कर दी.
  • कर्ज देने वाले बैंक इस योजना में बाधा बनते दिखाई दे रहे हैं.

सरकार छोटे किसानों को कृषि उपकरण प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है. ऐसे में प्रदेश सरकार किसानों को कृषि उपकरण संबंधित अनुदान भी मुहैया कराएगी.
-राम शब्द जैसवारा,अपर निदेशक, कृषि


जब कृषि उपकरण खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज मांगने पहुंचे तो उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 10 से 12 लाख रुपये लागत वाले कृषि उपकरणों के कर्ज की किश्त कैसे चुकाई जाएगी. ऐसे में किसान सरकार अपनी किराया पद्धति योजना के तहत हर महीने कम से कम इतना किराया दिला पाएगी, जिससे वह अपनी बैंक कर्ज किस्त चुका सकें.
-राघवेंद्र, किसान

लखनऊ: जिले की सरकार ने खेती को आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए उपकरण किराया योजना शुरू की है. इसके लिए किसानों को 10 से 12 लाख रुपये कृषि उपकरण पर मुहैया कराए जाएंगे. वहीं किसानों के लिए बड़ा सवाल है कि बैंक से कर्ज लेने वाले किसान किस्त कैसे चुकाएंगे.

जानकारी देते कृषि,अपर निदेशक और कृषक.
सरकार चाहती है:
  • फसल उत्पादन के बाद खेतों में छोड़े जाने वाले अवशेषों को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित किया जाय.
  • किसान कृषि उपकरणों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करें.
  • सरकार छोटे किसानों को कृषि उपकरण प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है.
  • सरकार का मानना है कि छोटे किसान महंगे कृषि उपकरणों को नहीं खरीद सकते हैं.
  • इसलिए हर विकासखंड स्तर पर कम से कम एक किसान को ऐसे कृषि उपकरणों से लैस करने की योजना है.
  • अपनी खेती करने के साथ दूसरे किसानों को किराया पद्धति पर कृषि उपकरण की सुविधा मुहैया करा सके.
  • प्रदेश सरकार ने प्रथम आगत प्रथम स्वागत के तहत कृषि उपकरणों की अनुदान योजना को शुरू कर दी.
  • कर्ज देने वाले बैंक इस योजना में बाधा बनते दिखाई दे रहे हैं.

सरकार छोटे किसानों को कृषि उपकरण प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है. ऐसे में प्रदेश सरकार किसानों को कृषि उपकरण संबंधित अनुदान भी मुहैया कराएगी.
-राम शब्द जैसवारा,अपर निदेशक, कृषि


जब कृषि उपकरण खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज मांगने पहुंचे तो उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 10 से 12 लाख रुपये लागत वाले कृषि उपकरणों के कर्ज की किश्त कैसे चुकाई जाएगी. ऐसे में किसान सरकार अपनी किराया पद्धति योजना के तहत हर महीने कम से कम इतना किराया दिला पाएगी, जिससे वह अपनी बैंक कर्ज किस्त चुका सकें.
-राघवेंद्र, किसान

Intro:लखनऊ। प्रदेश सरकार ने खेती को आधुनिक उपकरणों से लैस करने के लिए उपकरण किराया योजना शुरू की है इसके लिए किसानों को 10 से 12 लाख रुपए के कृषि उपकरण अनुदान पर मुहैया कराए जाएंगे लेकिन बड़ा सवाल है कि बैंक से कर्ज लेने वाले किसान अपनी किस्त कैसे चुकाएंगे।


Body:फसल उत्पादन के बाद खेतों में छोड़े जाने वाले अवशेष को वैज्ञानिक तरीके से निस्तारित करने के लिए सरकार चाहती है कि किसान कृषि उपकरणों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करें इसके लिए सरकार छोटे छोटे किसानों को भी कृषि उपकरण प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है सरकार का मानना है कि क्योंकि छोटे किसान महंगे कृषि उपकरणों को नहीं खरीद सकते हैं इसलिए हर विकासखंड स्तर पर कम से कम एक किसान को ऐसे कृषि उपकरणों से लैस करने की योजना है जो अपनी खेती करने के साथ ही दूसरे किसानों को किराया पद्धति पर कृषि उपकरण की सुविधा मुहैया करा सके ऐसे किसानों को प्रदेश सरकार अनुदान भी मुहैया कराएगी।

बाइट /राम शब्द जैसवारा अपर निदेशक कृषि उत्तर प्रदेश

प्रदेश सरकार ने प्रथम आगत प्रथम स्वागत के तहत कृषि उपकरणों की अनुदान योजना को शुरू कर दी लेकिन अब कर्ज देने वाले बैंक इस योजना में बाधा बनते दिखाई दे रहे हैं किसानों ने बताया कि जब वह कृषि उपकरण खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज मांगने पहुंचे तो उन्होंने सवाल उठा दिया कि आखिर 10 से 12 लाख रुपये लागत वाले कृषि उपकरणों के कर्ज की किश्त कैसे चुकाई जाएगी ऐसे में किसान सरकार से पूछ रहे हैं कि क्या वह किसानों को अपनी किराया पद्धति योजना के तहत हर महीने कम से कम इतना किराया दिला सकेगी जिससे वह अपनी बैंक कर्ज किस्त चुका सकें।

बाइट/ राघवेंद्र किसान


Conclusion: सरकारी योजनाओं में अक्सर ऐसा ही लोचा देखने को मिलता है कि वह व्यावहारिक धरातल पर पहुंचकर दम तोड़ देती हैं छोटे छोटे किसानों को आधुनिक खेती के तरीकों से लैस करने की सरकारी योजना का भी हाल पहले की योजनाओं जैसा ही ना हो इसके लिए जाहिर है कि सरकार को योजना की शर्तों में बदलाव करना होगा और इसे छोटे किसानों के लिए उपयोगी बनाने की जरूरत है ।

पीटीसी /अखिलेश तिवारी
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