लखनऊ: उत्तर प्रदेश युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग द्वारा युवाओं एवं महिला मंगल दलों को अब राष्ट्रीय एवं सामाजिक कार्यों से जोड़ने की शुरुआत कर दी गई है. इसके लिए विभाग की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में इन्हें खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ की धनराशि का प्रावधान भी किया जा रहा है.
अब सरकार आर्थिक व अन्य मदद से इन दलों को खेल गतिविधियों से जोड़ने, शारीरिक दक्षता में वृद्धि करने तथा सामाजिक कार्यों के प्रति उनमें रूझान पैदा करेगी. इसके लिए इन युवक एवं महिला मंगल दलों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा. सरकार ने इन्हें प्रोत्साहन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रूपया की धनराशि का प्रावधान भी किया है. यह जानकारी विभाग की महानिदेशक डिपंल वर्मा ने सोमवार को दी है.
महानिदेशक डिंपल वर्मा ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस के अवसर पर जनपद और मंडल स्तर पर राष्ट्रीय युवा उत्सव का आयोजन कराया जाता है. इन आयोजनों में खेलकूद से जुड़ी हुई 18 विधाओं के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण युवाओं को खेल सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश भर में 81 ग्रामीण स्टेडियमों की स्थापना की गई है. इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर खेलो इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत कई सुविधाएं ग्राम और ब्लॉक स्तर पर पहुंचाई गई हैं. युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एथलेटिक्स, वॉलीबॉल, कबड्डी, भारोत्तोलन, कुश्ती की खेल विधाओं को कराया जा रहा है. यह भी विधाएं ग्रामीण स्तर पर चलाई जा रही हैं.
महानिदेशक डिंपल वर्मा ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर कुछ भाइयों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रदेश तथा राज्य स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन होता है इसके साथ ही सभी जनपदों में युवक एवं महिला मंगल दल में एक सर्वश्रेष्ठ दल तथा राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ तीन युवक एवं तीन महिला मंगल दलों को विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित किया जाता है. प्रथम पुरस्कार पाने वाले को 1 लाख, दूसरा पुरस्कार पाने वाले हो 50 हजार व किस स्थान पर रहने वाले को 25 हजार रूपया पुरस्कार के रूप में दिया जाता है. इसके साथ ही स्मृति चिन्ह, शाॅल, एवं प्रशस्ति पत्र की भी व्यवस्था की गई है.
सरकारी मदद से ग्रामीण स्तर पर खेलकूद को मिलेगा बढ़ावा, समाज से जुड़ेगे युवा
ग्रामीण स्तर पर खेलकूद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग ने युवाओं व महिलाओं को जोड़ने की मुहिम की शुरूआत की है. इस मुहिम के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में सरकार ने 25 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग द्वारा युवाओं एवं महिला मंगल दलों को अब राष्ट्रीय एवं सामाजिक कार्यों से जोड़ने की शुरुआत कर दी गई है. इसके लिए विभाग की तरफ से प्रोत्साहन के रूप में इन्हें खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ की धनराशि का प्रावधान भी किया जा रहा है.
अब सरकार आर्थिक व अन्य मदद से इन दलों को खेल गतिविधियों से जोड़ने, शारीरिक दक्षता में वृद्धि करने तथा सामाजिक कार्यों के प्रति उनमें रूझान पैदा करेगी. इसके लिए इन युवक एवं महिला मंगल दलों को प्रोत्साहित भी किया जाएगा. सरकार ने इन्हें प्रोत्साहन सामग्री उपलब्ध कराने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रूपया की धनराशि का प्रावधान भी किया है. यह जानकारी विभाग की महानिदेशक डिपंल वर्मा ने सोमवार को दी है.
महानिदेशक डिंपल वर्मा ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस के अवसर पर जनपद और मंडल स्तर पर राष्ट्रीय युवा उत्सव का आयोजन कराया जाता है. इन आयोजनों में खेलकूद से जुड़ी हुई 18 विधाओं के प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ग्रामीण युवाओं को खेल सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश भर में 81 ग्रामीण स्टेडियमों की स्थापना की गई है. इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर खेलो इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत कई सुविधाएं ग्राम और ब्लॉक स्तर पर पहुंचाई गई हैं. युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एथलेटिक्स, वॉलीबॉल, कबड्डी, भारोत्तोलन, कुश्ती की खेल विधाओं को कराया जा रहा है. यह भी विधाएं ग्रामीण स्तर पर चलाई जा रही हैं.
महानिदेशक डिंपल वर्मा ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर कुछ भाइयों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रदेश तथा राज्य स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन होता है इसके साथ ही सभी जनपदों में युवक एवं महिला मंगल दल में एक सर्वश्रेष्ठ दल तथा राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ तीन युवक एवं तीन महिला मंगल दलों को विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित किया जाता है. प्रथम पुरस्कार पाने वाले को 1 लाख, दूसरा पुरस्कार पाने वाले हो 50 हजार व किस स्थान पर रहने वाले को 25 हजार रूपया पुरस्कार के रूप में दिया जाता है. इसके साथ ही स्मृति चिन्ह, शाॅल, एवं प्रशस्ति पत्र की भी व्यवस्था की गई है.