लखनऊः स्पेशल टास्क फोर्स की जांच में प्रदेश में लगाए गए बिजली विभाग के स्मार्ट मीटर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली है. जन्माष्टमी के अवसर पर बिजली विभाग के स्मार्ट मीटर में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के चलते अचानक से हजारों की संख्या में लोगों की बत्ती गुल हो गई थी.
चार महीने बाद एसटीएफ ने सौंपी जांच रिपोर्ट
इस प्रकरण को सरकार ने गंभीरता से लिया और 13 अगस्त को पूरे मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स को सौंप दी गई थी. हालांकि जांच 3 दिन में पूरा करने के लिए कहा गया था. लेकिन एसटीएफ को जांच पूरा करने में 4 महीने लग गए. एसटीएफ की जांच में को चौंकाने वाले तथ्य मिले. स्मार्ट मीटर डिस्कनेक्शन मामले में नियम कानूनों की प्रबंधन ने अनदेखी की है. मीटर निर्माता से लेकर उसे लगाने वाली कंपनी के साथ प्रबंधन की भूमिका सवालों के घेरे में है.
स्मार्ट मीटर लगाने में हुई नियमों की अनदेखी
स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी को लेकर सरकार ने इस पूरे मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी. चार महीने बाद एसटीएफ ने जांच में मीटर लगाने के मामले में नियमों की अनदेखी की बात सामने आई है. जांच में पाया गया कि स्मार्ट मीटर लगाने से पहले अवस्थापना सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा गया. वहीं कंपनी को स्मार्ट मीटर लगाने की अनुमति देने में जल्दी बाजी दिखाई गई. इस पूरे मामले में तकनीकी पहलू की जांच अलग से कराए जाने की एसटीएफ ने सिफारिश की है. इस मामले में एसटीएफ ने गृह विभाग को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है.
जीनस कंपनी ने प्रदेश में लगाए हैं स्मार्ट मीटर
पूरे प्रदेश में जीनस कंपनी ने 1200000 से अधिक की स्मार्ट मीटर लगाए हैं. जन्माष्टमी के मौके पर स्मार्ट मीटर की बड़े पैमाने पर बत्ती गुल होने पर ईईएसएल की यूपी स्टेट हेड को निलंबित भी किया जा चुका है. स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी मामले में एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर जल्द दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.