लखनऊ: गोमती रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण (Beautification of Gomti Riverfront) के ठेके में भ्रष्टाचार, अनियमितता करने, बिना टर्न ओवर और अनुभव के ठेका देने समेत अन्य अनियमितता करने के मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट पर सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने सिंचाई विभाग लखनऊ डिवीजन (Irrigation Department Lucknow Division) के तत्कालीन अधिशासी अभियंता, प्रभारी अधीक्षण रूप सिंह यादव, एरिगेशन वर्क्स के तत्कालीन जूनियर असिस्टेंट राजकुमार यादव, केके स्पून पाइप के निदेशक हिमांशु गुप्ता, निदेशक कविश गुप्ता, ब्रांड ईगल्स के सीनियर एडवाइजर बद्री श्रेष्ठ और केके स्पून के खिलाफ संज्ञान लिया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 मई की तारीख नियत करते हुए रूप सिंह और राज कुमार यादव को जेल से तलब किया है.
इसके पहले कोर्ट में चार्जशीट दायर कर सीबीआई ने बताया था कि उप्र शासन और भारत सरकार के निर्देश पर सीबीआई ने 30 नवम्बर 2017 को मामला दर्ज किया था और विवेचना की थी. कहा गया कि इसी मामले को लेकर गोमती नगर थाने में भी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि गोमती नगर रिवर फ्रंट के तट को बनाने और सौंदर्यीकरण करने में एरिगेशन विभाग ने अनियमितता की है.
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विवेचना के दौरान पता चला कि आरोपियों ने गोमती में गिरने वाले नालों को रोकने के काम को देने में अनियमितता की और आरोपियों ने उक्त काम को एक प्राइवेट फर्म को देने के लिए टेंडर की तारीख को दो बार बढ़ाया. वहीं, टेंडर प्रक्रिया में कम से कम तीन फर्म की बाध्यता को पूरा करने के लिए दूसरी फर्म के जाली कागजात भी आरोपियों ने उपलब्ध कराए. चार्जशीट में आरोप लगाया गया कि आरोपियों ने बिना फण्ड आवंटन और अनुमोदन के काम का अनुबंध किया. वहीं, एल 2 फर्म की बैंक गारंटी को एल 1 के बैंक अकाउंट से बनवाया गया.
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