लखनऊ: राजधानी के कई हिस्सों में सोमवार को समाजवादी पार्टी ने किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट की तरफ कूच कर रहे थे, तभी पुलिस ने उनको रोककर राजधानी लखनऊ के आलमबाग स्थित इको गार्डन धरना स्थल ले गए. देर शाम लगभग दस बजे महिला कार्यकर्ताओं को पुलिस की बस में बैठाकर समाजवादी पार्टी कार्यालय छोड़ा गया. वहीं पुरुष कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों को रात साढ़े ग्यारह बजे तक इको गार्डन धरना स्थल पर हिरासत में लेकर रखा गया है. इन सभी को जेल भेजे जाने की तैयारी चल रही है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर राजधानी लखनऊ में जिला अध्यक्ष जय सिंह जयंत, नगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित,पूर्व राज्य मंत्री राम सिंह राणा सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी और सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने किसान आंदोलन के समर्थन में रैली निकाली थी. पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोकते हुए उन्हें इको गार्डन धरना स्थल पर ले जाकर बंद कर दिया. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सरकार विरोधी नारे लगाते रहे. धीरे धीरे शाम होने तक कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि उन्हें छोड़ दिया जाएगा, लेकिन उन्हें पता चला कि उन्हें जेल भेजा जाएगा.
इस बात की सूचना समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं को हुई तो मौके पर मोहनलालगंज के विधायक अमरीश पुष्कर, एमएलसी राजपाल कश्यप समेत कई बड़े समाजवादी नेता धरना स्थल पर पहुंच गए. धरना स्थल के बाहर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. यह नारेबाजी रात बारह बजे तक चलती रही. पुलिस ने अभी तक समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी गण को इको गार्डन में बंद कर रखा है.
समाजवादी पार्टी के विधायक अमरीश पुष्कर ने बताया कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता लगातार किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करते रहेंगे. इसके लिए चाहे उन्हें जेल भी जाना पड़े, लेकिन और पीछे हटने को तैयार नहीं है.
वहीं समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्थन में लखनऊ बार के महामंत्री जितेंद्र सिंह जीतू भी दर्जनों वकील साथियों के साथ इको गार्डन धरना स्थल पहुंचे.
कुछ समाजवादी पार्टी के नेताओं ने पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर पर आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पुरानी रंजिश होने के चलते हम सभी को यहां पर बंद किया है.