लखनऊ: विधान परिषद में पराली प्रबंधन के लिए 25 करोड़ रुपए के बजट को लेकर सपा ने प्रदेश सरकार पर सवाल उठाए हैं. सपा के विधान परिषद सदस्य शशांक यादव का कहना है कि यह धन केवल दिल्ली-एनसीआर के जिलों में खर्च किए जाने के लिए मांगा गया है, जबकि पराली चलाए जाने के मामलों में प्रभावित किसान एनसीआर के जिलों से बाहर ज्यादा हैं.
इसके बावजूद सरकार ने केवल एनसीआर के जिलों को ही योजना में शामिल किया है. अन्य जिलों के किसानों को सरकार कोई मदद करने वाली नहीं है. यह किसानों के साथ भेदभाव है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद पराली जलाने के मामलों में एनसीआर के जिलों से ज्यादा अन्य जिलों के किसान मुकदमा और जेल की कार्रवाई झेल रहे हैं.
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ऐसे में अन्य जिलों के किसानों के लिए सरकार को मदद का प्रावधान करना चाहिए, लेकिन सरकार को किसानों की कतई परवाह नहीं है. खीरी जिले में ही साढ़े चार सौ किसानों पर अब तक कार्रवाई हो चुकी है. शशांक यादव ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि क्या पराली जलाने से केवल एनसीआर के जिलों में ही प्रदूषण होगा और अगर ऐसा है तो दूसरे जिलों में किसानों को जेल क्यों भेजा जा रहा है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान परिषद में अनुपूरक बजट का प्रस्ताव पेश किया है, उसमें पराली प्रबंधन के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रस्ताव पराली प्रबंधन से जुड़ी मशीनों की खरीद के लिए किया गया है. यह मशीनें भी दिल्ली एनसीआर के लिए खरीदी जाएंगी.