लखनऊः राज्यसभा नामांकन को लेकर बहुजन समाज पार्टी में भूचाल मचा हुआ है. दरअसल बागी विधायकों के समाजवादी पार्टी में जाने के बाद मायावती ने बौखलाहट में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट कराने तक की बात कह दी. वहीं मायावती के इस बयान पर सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा के लिए मायावती टीम बी के तौर पर काम कर रही हैं.
गेस्ट हाउस कांड का केस वापस लेना हमारी भूल: मायावती
छह विधायकों के बगावत करने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने बयान जारी कर गेस्ट हाउस कांड को लेकर समझौता करने पर दुख जाहिर किया था. मायावती ने कहा था कि समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के तुरंत बाद अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी से गेस्ट हाउस कांड को लेकर किए गए केस को वापस लेने की बात कह रहे थे. हमने उस केस को वापस ले लिया, जो हमारी बड़ी गलती थी. चुनाव के नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी के किसी भी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया, जिसके बाद बसपा को सपा से अलग होना पड़ा.
ईमानदारी से निभाया गठबंधन का धर्म: अभिषेक मिश्रा
पलटवार करते हुए सपा सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने हर रिश्ते का निर्वहन करना जानती है. गठबंधन के धर्म का हमने ईमानदारी, सज्जनता व निष्ठा के साथ पालन किया था. गठबंधन के बाद हमारे नेताओं, कार्यकर्ताओं व शीर्ष नेतृत्व ने गठबंधन के लिए मेहनत की. अभिषेक मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी के लोगों ने गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे, जिसका नतीजा रहा कि जो पार्टी 0 सीट पर थी, उसे 10 सीटें मिली थीं.
मायावती के बयान ने लगाई कयासों पर मुहर
अभिषेक मिश्रा ने कहा जिस तरह से मायावती ने बयान जारी करते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो अपना वोट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भी दे सकती हैं. इससे उन कयासों पर मुहर लग गई जो पिछले लंबे समय से लगाए जा रहे थे. मायावती के बयान के बाद यह साबित हो गया है कि मायावती भाजपा के लिए 'टीम-बी' के तौर पर काम कर रही हैं.
जरूरत पड़ने पर बीजेपी के साथ जा सकती है बसपाः मिश्रा
बसपा को घेरते हुए प्रोफेसर अभिषेक मिश्रा ने कहा कि आज जिस तरह से मायावती ने बयान दिया है. ऐसे में पार्टी से जुड़े हुए व पार्टी के बनाने वालों को तकलीफ हो रही होगी. आज लोगों को यह समझ में आ गया है कि बहुजन समाज पार्टी भाजपा के पक्ष में खेल रही है. अब लोगों को ये लगने लगा है कि बसपा जरूरत पड़ने पर भाजपा के साथ जा सकती है. बसपा के समर्थकों के पास विकल्प के तौर पर अब समाजवादी पार्टी ही बची है, जहां नेता अखिलेश यादव सभी को साथ लेकर आगे बढ़ने पर विश्वास रखते हैं, इसलिए अब आगामी लड़ाई भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच में होगी.