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सपा मुखिया अखिलेश यादव बोले- भाजपा ने सत्ता बल और धन के दुरुपयोग से जीता चुनाव, जमकर हुई धांधली

यूपी निकाय चुनाव के नतीजों पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का बयान सामने आया है. सपा मुखिया ने चुनाव में जमकर धांधली होने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि 2024 में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी.

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव
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Published : May 14, 2023, 6:22 PM IST

लखनऊ : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नगर निकाय चुनाव में जीते समाजवादी पार्टी के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के खिलाफ लड़कर जीते सभी अन्य प्रत्याशियों को भी जीत की बधाई दी है. इसके अलावा सपा मुखिया ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा है. रविवार को जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नगरों से थोड़ा बाहर आते ही हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है. चुनाव परिणाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में और बेहतर तरीके से आते यदि भाजपा सरकार ने छल-कपट, सत्ताबल और धनबल का दुरुपयोग कर धांधली न की होती.

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए मतदाता सूची से वोट कटवाने से लेकर, फर्जी वोट डलवाए, मतगणना धीमी कराई. शासन-प्रशासन ने भाजपा के एजेंट के तौर पर काम किया. समाजवादी पार्टी के जीते हुए प्रत्याशियों को भी हराने का काम किया गया. यह चुनाव भाजपा ने नहीं, प्रदेश की सरकार ने लड़ा. यह पूरी तरह से सरकार के प्रबंधन का चुनाव था. भाजपा के पक्ष में नतीजों के लिए हर तरह की साजिश की गई. मुख्यमंत्री जी लोगों को गुमराह करने और सत्ता का दुरुपयोग करने में लगे रहे.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि खेद की बात है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का दायित्व निभाने की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग की होते हुए भी उसकी भूमिका संदिग्ध बनी रही. समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव के पहले चरण में हुई धांधलियों की शिकायत करते हुए दूसरे चरण के चुनावों को भयमुक्त वातावरण में कराने की मांग की थी. मतगणना के समय विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग तक किया गया, लेकिन चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा. सच तो यह है कि नगर निकाय चुनावों में भाजपा फरेबी मतगणना से जीती है, मतदान से नहीं. भाजपा की यह तथाकथित चुनावी जीत लोकतंत्र के साथ छल, संविधान की शपथ की अवहेलना और जनमत का अपमान है. लोकतंत्र का इससे बड़ा उपहास हो ही नहीं सकता है. जनता के मतों की लूट और निकायों पर जबरन कब्जा भाजपा को बहुत मंहगा पड़ेगा. प्रदेश के लाखों मतदाता अब सन 2024 का इंतजार कर रहे हैं, तब वे भाजपा को करारा सबक सिखा सकेंगे.

  • नगर निकाय चुनावों में जीते सपा के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के ख़िलाफ़ लड़कर जीते सभी ‘अन्य’ प्रत्याशियों को भी हार्दिक बधाई!

    नगरों से थोड़ा बाहर आते ही, हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है।

    — Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सपा मुखिया ने एक ट्वीट भी किया है. लिखा है कि नगर निकाय चुनावों में जीते सपा के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के खिलाफ लड़कर जीते सभी ‘अन्य’ प्रत्याशियों को भी हार्दिक बधाई, नगरों से थोड़ा बाहर आते ही, हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है.

यह भी पढ़ें : विधानसभा का खराब प्रदर्शन नहीं सुधार पाई कांग्रेस, नगर निकाय चुनाव में बीते साल से बुरे हो गए हालात

लखनऊ : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नगर निकाय चुनाव में जीते समाजवादी पार्टी के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के खिलाफ लड़कर जीते सभी अन्य प्रत्याशियों को भी जीत की बधाई दी है. इसके अलावा सपा मुखिया ने भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा है. रविवार को जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नगरों से थोड़ा बाहर आते ही हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है. चुनाव परिणाम समाजवादी पार्टी के पक्ष में और बेहतर तरीके से आते यदि भाजपा सरकार ने छल-कपट, सत्ताबल और धनबल का दुरुपयोग कर धांधली न की होती.

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा ने चुनावों को प्रभावित करने के लिए मतदाता सूची से वोट कटवाने से लेकर, फर्जी वोट डलवाए, मतगणना धीमी कराई. शासन-प्रशासन ने भाजपा के एजेंट के तौर पर काम किया. समाजवादी पार्टी के जीते हुए प्रत्याशियों को भी हराने का काम किया गया. यह चुनाव भाजपा ने नहीं, प्रदेश की सरकार ने लड़ा. यह पूरी तरह से सरकार के प्रबंधन का चुनाव था. भाजपा के पक्ष में नतीजों के लिए हर तरह की साजिश की गई. मुख्यमंत्री जी लोगों को गुमराह करने और सत्ता का दुरुपयोग करने में लगे रहे.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि खेद की बात है कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव का दायित्व निभाने की जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग की होते हुए भी उसकी भूमिका संदिग्ध बनी रही. समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव के पहले चरण में हुई धांधलियों की शिकायत करते हुए दूसरे चरण के चुनावों को भयमुक्त वातावरण में कराने की मांग की थी. मतगणना के समय विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए बल प्रयोग तक किया गया, लेकिन चुनाव आयोग मूकदर्शक बना रहा. सच तो यह है कि नगर निकाय चुनावों में भाजपा फरेबी मतगणना से जीती है, मतदान से नहीं. भाजपा की यह तथाकथित चुनावी जीत लोकतंत्र के साथ छल, संविधान की शपथ की अवहेलना और जनमत का अपमान है. लोकतंत्र का इससे बड़ा उपहास हो ही नहीं सकता है. जनता के मतों की लूट और निकायों पर जबरन कब्जा भाजपा को बहुत मंहगा पड़ेगा. प्रदेश के लाखों मतदाता अब सन 2024 का इंतजार कर रहे हैं, तब वे भाजपा को करारा सबक सिखा सकेंगे.

  • नगर निकाय चुनावों में जीते सपा के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के ख़िलाफ़ लड़कर जीते सभी ‘अन्य’ प्रत्याशियों को भी हार्दिक बधाई!

    नगरों से थोड़ा बाहर आते ही, हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है।

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सपा मुखिया ने एक ट्वीट भी किया है. लिखा है कि नगर निकाय चुनावों में जीते सपा के सभी प्रत्याशियों व भाजपा के खिलाफ लड़कर जीते सभी ‘अन्य’ प्रत्याशियों को भी हार्दिक बधाई, नगरों से थोड़ा बाहर आते ही, हर हथकंडे अपनाकर भी भाजपा बुरी तरह हारी है.

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