लखनऊः सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को बयान जारी कर एक बार फिर योगी सरकार पर पलटवार किया है. जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है. मुख्यमंत्री के दावे कितने खोखले हैं, यह बलात्कार की आए दिन हो रही घटनाओं से प्रमाणित है. भाजपा-आरएसएस लोकतंत्र विरोधी संगठन है. भाजपा सरकार में इसलिए विपक्ष को अपमानित करने की घटनाएं घोर निंदनीय हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के जीवन को खतरा है. उन पर पिछले दिनों कई हमले हुए हैं फिर भी उनकी सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था नहीं की जा रही है. विपक्षी जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है. सपा मुखिया ने मांग की है कि सभी विपक्षी नेताओं की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए, जिससे उन्हें जनता के बीच जाने और उसकी आवाज उठाने में कोई खतरा न हो.
अखिलेश यादव से मंगलवार को डॉ. अरविन्द राजभर (पूर्व राज्यमंत्री) ने मुलाकात कर ओम प्रकाश राजभर की सुरक्षा पर खतरे की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज ही जिला गाजीपुर के थाना करीमुद्दीनपुर के ग्राम गोशलपुर पहदरिया में ओम प्रकाश राजभर को 20-25 दबंगो ने घेर लिया था. वे लाठी-डंडो से लैस थे. राजभर इसी विधानसभा क्षेत्र से जहूराबाद के विधायक हैं. ओम प्रकाश राजभर और अरविन्द राजभर पर नामांकन के दौरान वाराणसी में भी हमला हुआ था.
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अखिलेश यादव ने कहा कि अरविन्द राजभर पर रसड़ा में, लखनऊ के चिनहट में और गाजीपुर के सैदपुर बाजार के पास भी हमला हुआ था. ओम प्रकाश राजभर पर अंबेडकरनगर के आगे गोसाईगंज में भी हमला हुआ था. चंदौली में हमलावरों द्वारा फोन पर धमकी दी गई थी. लखनऊ में अर्जुनगंज में भी ओम प्रकाश राजभर के काफिले को रोकने की कोशिश हुई थी. खेद है कि ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ अपराधिक एवं अवांछनीय तत्वों की कार्यवाहियों की सूचनाओं के बाद भी भाजपा सरकार निष्क्रिय बनी हुई है. उन्होंने कहा कि लगता है ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ यह सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. सुरक्षा में ढील से असामाजिक तत्वों को शह मिल रही है.
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