लखनऊ: केंद्र सरकार ने कोरोना के रोकथाम के लिए चल रहे देशव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम पर अभी तक 4,744 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो कि मौजूदा वित्त वर्ष में टीकाकरण के लिए आवंटित कुल बजट के 14 फीसदी से भी कम है. भारत में जारी दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को कई मोर्चों पर असफलताओं का सामना करना पड़ रहा है. कुछ राज्यों नें टीके की कमी है, वहीं कई जगहों पर टीकाकरण की रफ्तार काफी कम है. पहले से ही स्वीकृत 35,000 करोड़ रुपये के बजट का धीमी गति से उपयोग ऐसे समय में हो रहा है, जब टीकाकरण अभियान की गति बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है. टीकाकरण की धीमी प्रगति को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है.
सपा ने बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत 35000 करोड़ में से 4000 करोड़ रुपए खर्च होने के सवाल पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से केंद्र सरकार ने टीकाकरण के लिए इतनी धनराशि स्वीकृत की और इसका बहुत कम पैसा खर्च हुआ. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार टीकाकरण करने के मामले में कितना गंभीर है. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि अस्पतालों में न तो मरीजों को बेड मिल पा रहा है न वेंटिलेटर मिल रहा है. जिसके कारण लगातार मरीजों की जान जा रही है. चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है. इससे ज्यादा चिंता की बात इस देश के लिए हो ही नहीं सकती.
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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक कोरोना टीकाकरण के लिए 4,744 करोड़ रुपया खर्च हुआ. केंद्र सरकार ने टीकाकरण के लिए 35000 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की और इसका बहुत कम पैसा खर्च हुआ. ऐसे में लगातार मरीजों की मौत हो रही है, आखिर यह सरकार मरीजों को वैक्सीन कब लगवा पाएगी.