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लखनऊ: सूरज के ताप से रोशन होगा चारबाग रेलवे स्टेशन, लाखों का बचेगा बिल - लखनऊ ताजा समाचार

राजधानी लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में सूरज के ताप से जगमगाता हुआ नजर आएगा. स्टेशन पर सोलर पैनल लगवाने का प्लान तैयार किया जा चुका है. इससे रेलवे का लाखों रुपये का बिल भी बचेगा.

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लखनऊ चारबाग पर लगेगा सोलर प्लांट.
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Published : Jan 9, 2020, 8:03 PM IST

लखनऊ: राजधानी का चारबाग रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में सूरज के ताप से जगमगाता हुआ नजर आएगा. रेलवे स्टेशन को बिजली की कोई भी जरूरत नहीं पड़ेगी. रेलवे ने चारबाग रेलवे स्टेशन को रोशन करने के लिए सोलर पैनल लगवाने का प्लान तैयार किया है.

इस रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लगने से हर माह काफी बिजली बचेगी. साथ ही लाखों रुपये का बिल भी बचेगा, जिसका इस्तेमाल अन्य किसी कार्य में किया जाएगा.

लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगेगा सोलर प्लांट.
चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगेगा सोलर प्लांट
रेलवे के अभी तक 6 से ज्यादा रेलवे स्टेशन सोलर पैनल से रोशन हो रहे हैं. अब इसी कतार में लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन भी जुड़ने जा रहा है. इस रेलवे स्टेशन को भी सोलर प्लांट से लैस किए जाने की तैयारी हो गई है. काफी संख्या में सोलर पैनल चारबाग रेलवे स्टेशन तक पहुंच भी चुके हैं. अब रेलवे स्टेशन का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है.
छतों का मरम्मत कार्य जैसे ही पूरा हो जाएगा, वैसे ही सोलर पैनल लगा दिए जाएंगे. इसके बाद बिजली की जरूरत रेलवे स्टेशन को नहीं रह जाएगी. अपनी सौर ऊर्जा से ही रेलवे स्टेशन जगमगा उठेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का जो रेलवे स्टेशन है, अभी वही पूरी तरह से सोलर पैनल से संचालित है.
उत्तर रेलवे डीआरएम ने दी जानकारी
उत्तर रेलवे के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि सोलर पावर हमारी भविष्य की मुहिम है. उसका एक बहुत बड़ा अंग है सोलर पावर. हमारा लक्ष्य है कि जितने ए क्लास के स्टेशन हैं, वे सोलर पावर से चलें, जिससे कि हमारी फ्यूल पर डिपेंडेंसी खत्म हो जाए.

डीआरएम ने बताया कि अभी तक प्रतापगढ़ में 100 किलोवाट, आरपीएफ एकेडमी में 341 किलोवाट, अमेठी स्टेशन पर 45 किलोवाट, रायबरेली में 100 किलोवाट, प्रयाग में 85 किलोवाट, फैजाबाद में 165 किलोवाट, डीआरएम ऑफिस में 120 किलोवाट और बनारस में 1.6 मेगावाट का सोलर पावर लगाया गया है.
इसके अलावा काशी और रायबरेली में 1.5 मेगावाट और 50 किलोवाट के सोलर पावर लगाए गए हैं. इससे हम लोगों का करीबन 40 परसेंट एनर्जी पर जो खर्च होता है, वह कम हुआ है. बनारस में हमारा स्टेशन एनर्जी डिपेंडेंट नहीं है. यह सोलर पावर से ही चल रहा है.

लखनऊ: राजधानी का चारबाग रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में सूरज के ताप से जगमगाता हुआ नजर आएगा. रेलवे स्टेशन को बिजली की कोई भी जरूरत नहीं पड़ेगी. रेलवे ने चारबाग रेलवे स्टेशन को रोशन करने के लिए सोलर पैनल लगवाने का प्लान तैयार किया है.

इस रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लगने से हर माह काफी बिजली बचेगी. साथ ही लाखों रुपये का बिल भी बचेगा, जिसका इस्तेमाल अन्य किसी कार्य में किया जाएगा.

लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगेगा सोलर प्लांट.
चारबाग रेलवे स्टेशन पर लगेगा सोलर प्लांट
रेलवे के अभी तक 6 से ज्यादा रेलवे स्टेशन सोलर पैनल से रोशन हो रहे हैं. अब इसी कतार में लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन भी जुड़ने जा रहा है. इस रेलवे स्टेशन को भी सोलर प्लांट से लैस किए जाने की तैयारी हो गई है. काफी संख्या में सोलर पैनल चारबाग रेलवे स्टेशन तक पहुंच भी चुके हैं. अब रेलवे स्टेशन का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है.
छतों का मरम्मत कार्य जैसे ही पूरा हो जाएगा, वैसे ही सोलर पैनल लगा दिए जाएंगे. इसके बाद बिजली की जरूरत रेलवे स्टेशन को नहीं रह जाएगी. अपनी सौर ऊर्जा से ही रेलवे स्टेशन जगमगा उठेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का जो रेलवे स्टेशन है, अभी वही पूरी तरह से सोलर पैनल से संचालित है.
उत्तर रेलवे डीआरएम ने दी जानकारी
उत्तर रेलवे के डीआरएम संजय त्रिपाठी ने बताया कि सोलर पावर हमारी भविष्य की मुहिम है. उसका एक बहुत बड़ा अंग है सोलर पावर. हमारा लक्ष्य है कि जितने ए क्लास के स्टेशन हैं, वे सोलर पावर से चलें, जिससे कि हमारी फ्यूल पर डिपेंडेंसी खत्म हो जाए.

डीआरएम ने बताया कि अभी तक प्रतापगढ़ में 100 किलोवाट, आरपीएफ एकेडमी में 341 किलोवाट, अमेठी स्टेशन पर 45 किलोवाट, रायबरेली में 100 किलोवाट, प्रयाग में 85 किलोवाट, फैजाबाद में 165 किलोवाट, डीआरएम ऑफिस में 120 किलोवाट और बनारस में 1.6 मेगावाट का सोलर पावर लगाया गया है.
इसके अलावा काशी और रायबरेली में 1.5 मेगावाट और 50 किलोवाट के सोलर पावर लगाए गए हैं. इससे हम लोगों का करीबन 40 परसेंट एनर्जी पर जो खर्च होता है, वह कम हुआ है. बनारस में हमारा स्टेशन एनर्जी डिपेंडेंट नहीं है. यह सोलर पावर से ही चल रहा है.

Intro:सूरज के ताप से रोशन होगा चारबाग रेलवे स्टेशन, हर माह होगी लाखों रुपए की बचत

लखनऊ। नवाबों के शहर लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन आने वाले दिनों में सूरज के ताप से जगमगाता हुआ नजर आएगा। रेलवे स्टेशन को बिजली की कोई भी जरूरत नहीं पड़ेगी। दरअसल, चारबाग रेलवे स्टेशन को पूरी तरह से एनर्जी से मुक्त करने के लिए और सोलर एनर्जी से रोशन करने को सोलर पैनल लगाने का रेलवे का प्लान तैयार हो गया है। इस रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लगने से हर माह रेलवे को बिजली के मद में में जाने वाला लाखों रुपए का बिल बचेगा, जिसका इस्तेमाल अन्य किसी कार्य में किया जाएगा। वैसे तो काफी पहले ही चारबाग रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लग चुका होता, लेकिन बिजली विभाग के साथ नेट मीटर का पेंच फसा होने के चलते इसमें काफी देरी हुई है, लेकिन अब यह मामला सुलझ गया है जिसके बाद जल्द ही चारबाग रेलवे स्टेशन पर सोलर पैनल लग जाएंगे।




Body:रेलवे के अभी तक आधा दर्जन से ज्यादा रेलवे स्टेशन सोलर पैनल से रोशन हो रहे हैं। अब इसी कतार में लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन भी जुड़ने जा रहा है। इस रेलवे स्टेशन को भी सोलर प्लांट से लैस किए जाने की तैयारी हो गई है। काफी संख्या में सोलर पैनल चारबाग रेलवे स्टेशन तक पहुंच भी चुके हैं। अब रेलवे स्टेशन का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है। छतों का मरम्मत कार्य जैसे ही पूरा हो जाएगा सोलर पैनल लगा दिया जाएंगे। इसके बाद बिजली की जरूरत रेलवे स्टेशन को नहीं रह जाएगी। अपनी सौर ऊर्जा से ही रेलवे स्टेशन जगमगा उठेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस का जो रेलवे स्टेशन है अभी वह ऐसा रेलवे स्टेशन है जिसमें बिजली की जरा भी जरूरत नहीं होती है। वह पूरी तरह से सोलर पैनल से ही संचालित है। इसी तरह अब चारबाग रेलवे स्टेशन को भी पूरी तरह से बिजली मुक्त कर दिया जाएगा और यह सोलर पैनल से ही रोशनी फैलाएगा।


Conclusion:बाइट: संजय त्रिपाठी: डीआरएम, उत्तर रेलवे

सोलर पावर हमारी भविष्य की मुहिम है। उसका एक बहुत बड़ा अंग है सोलर पावर। हमारा लक्ष्य है कि जितने ए क्लास के स्टेशन हैं वे सोलर पावर से चलें जिससे कि हमारी फ्यूल पर डिपेंडेंसी खत्म हो जाए। अभी तक प्रतापगढ़ में 100 किलोवाट का, आरपीएफ एकेडमी में 341 किलोवाट का, अमेठी स्टेशन पर 45 किलोवाट का, रायबरेली पर 100 किलोवाट, प्रयाग में 85 किलोवाट, फैजाबाद में 165 किलोवाट, डीआरएम ऑफिस में 120 किलोवाट, बनारस में 1.6 मेगावाट का सोलर पावर लगाया गया है। इसके अलावा काशी और रायबरेली में 1.5 मेगावाट और 50 किलोवाट के सोलर पावर लगाए हैं। इससे हम लोगों का करीबन 40 परसेंट एनर्जी पर जो खर्च होता है वह कम हुआ है। बनारस में हमारा स्टेशन एनर्जी डिपेंडेंट नहीं है। यह सोलर पावर से ही चल रहा है। अन्य स्टेशनों पर भी लगाए जाने की योजना है। चारबाग रेलवे स्टेशन का इलेक्ट्रिसिटी का बिल करीब ढाई लाख रुपए प्रति महीने आता है। इस बिल में पूरी तरह से कटौती होगी जब सोलर पावर लग जाएगा। सोलर पावर के लिए सबसे बड़ा इशू यह था कि हम इसे ग्रिड में फीड करते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। जिन छतों पर लगाया जाना है उन छतों की भी मरम्मत चल रही है। इससे सोलर पावर लगाने का कार्य प्रगति में है।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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