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यूपी में अब अनाथ बच्चों को भी मिलेगी ऑनलाइन शिक्षा, आगे आए समाजसेवी दंपति - बाल संरक्षण गृह

उत्तर प्रदेश में अनाथ बच्चों को भी ऑनलाइन शिक्षा दिए जाने की तैयारी है. इसके लिए समाजसेवी दंपति ने प्रदेश के महिला कल्याण विभाग को 28 स्मार्ट टीवी दान किए हैं. इन सभी टीवी सेट को प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित बाल संरक्षण गृहों में स्थापित किया जाएगा.

समाजसेवी दंपति ने प्रदेश के महिला कल्याण विभाग को 28 स्मार्ट टीवी दान किया है.
समाजसेवी दंपति ने प्रदेश के महिला कल्याण विभाग को 28 स्मार्ट टीवी दान किया है.
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Published : Apr 19, 2020, 1:31 PM IST

लखनऊ: यूपी में अनाथ बच्चों को भी ऑनलाइन शिक्षा दिए जाने की तैयारी है. समाजसेवी दंपती ने प्रदेश के महिला कल्याण विभाग को 28 स्मार्ट टीवी दान देकर इसकी शुरुआत की है. प्रमुख सचिव महिला कल्याण विभाग ने बताया कि इन सभी टीवी सेट को प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित बाल संरक्षण गृहों में स्थापित किया जाएगा.

लखनऊ न्यूज
महिला कल्याण विभाग को स्मार्ट टीवी प्रदान करते समाजसेवी दंपति.
उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण विभाग की ओर से बालकों की देखरेख और संरक्षण के लिए कुल 29 संस्थाएं कार्य कर रही हैं. सभी स्मार्ट टीवी को अनाथ बच्चों के लिए बनाए गए देखरेख और कल्याण केंद्रों में स्थापित किया जाएगा. प्रदेश की प्रमुख सचिव महिला कल्याण विभाग वीणा कुमारी मीणा ने लखनऊ के आशियाना स्थित वन स्टॉप सेंटर में इन सभी स्मार्ट टीवी सेट को समाजसेवी दंपति सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता पॉलोमी पाविनी शुक्ला और उनके पति आईएएस प्रशांत शर्मा से प्राप्त किया है.


प्रदेश में कुल 29 संस्थाएं हैं संचालित
प्रमुख सचिव ने बताया कि किशोर बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 के तहत प्रदेश में कुल 29 संस्थाएं संचालित हैं, जिनमें 8 राजकीय हैं और 21 गैर सरकारी है. इन संस्थाओं में संसाधनों के अभाव में अब तक ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. हालांकि तकनीकी प्रगति को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा आज की जरूरत बन चुकी है.


महामारी को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा की जरूरत
कोविड-19 महामारी को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा की जरूरत महसूस की जा रही थी. स्मार्ट टीवी का दान करने वाले दंपति ने विभाग को यह भरोसा भी दिलाया है कि वे सभी संस्थाओं में आवश्यकता के अनुसार ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा और स्मार्ट टीवी पर ऑनलाइन शिक्षा का प्रशिक्षण भी दिलाएंगे, जिससे इन संस्थाओं में रहने वाले बच्चों के सुनहरे भविष्य का सपना साकार किया जा सके. उन्होंने बताया कि जल्द ही इन सभी स्मार्ट टीवी को विभिन्न जिलों में स्थित बाल सुधार और संरक्षण गृहों में स्थापित किया जाएगा.


कौन है पॉलोमी पाविनी शुक्ला
सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता पॉलोमी पावनी शुक्ला लखनऊ की निवासी हैं, जो कि देश में अनाथ बच्चों की स्थिति में सुधार लाने के लिए पिछले कई सालों से प्रयासरत हैं. उन्होंने देश के अनाथ बच्चों की दयनीय स्थिति पर एक पुस्तक 'वीकेस्ट ऑन अर्थ-ऑर्फेंस आफ इंडिया' भी लिखी है. अनाथ बच्चों के अधिकारों को लेकर उनकी एक जनहित याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. उनके पति प्रशांत शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा 2012 बैच के अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश में ही कार्यरत हैं.

ये भी पढ़ें- प्रदेश में कोरोना का वार हजार के पार, 43 नए मरीजों की पुष्टि

लखनऊ: यूपी में अनाथ बच्चों को भी ऑनलाइन शिक्षा दिए जाने की तैयारी है. समाजसेवी दंपती ने प्रदेश के महिला कल्याण विभाग को 28 स्मार्ट टीवी दान देकर इसकी शुरुआत की है. प्रमुख सचिव महिला कल्याण विभाग ने बताया कि इन सभी टीवी सेट को प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित बाल संरक्षण गृहों में स्थापित किया जाएगा.

लखनऊ न्यूज
महिला कल्याण विभाग को स्मार्ट टीवी प्रदान करते समाजसेवी दंपति.
उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण विभाग की ओर से बालकों की देखरेख और संरक्षण के लिए कुल 29 संस्थाएं कार्य कर रही हैं. सभी स्मार्ट टीवी को अनाथ बच्चों के लिए बनाए गए देखरेख और कल्याण केंद्रों में स्थापित किया जाएगा. प्रदेश की प्रमुख सचिव महिला कल्याण विभाग वीणा कुमारी मीणा ने लखनऊ के आशियाना स्थित वन स्टॉप सेंटर में इन सभी स्मार्ट टीवी सेट को समाजसेवी दंपति सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता पॉलोमी पाविनी शुक्ला और उनके पति आईएएस प्रशांत शर्मा से प्राप्त किया है.


प्रदेश में कुल 29 संस्थाएं हैं संचालित
प्रमुख सचिव ने बताया कि किशोर बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम 2015 के तहत प्रदेश में कुल 29 संस्थाएं संचालित हैं, जिनमें 8 राजकीय हैं और 21 गैर सरकारी है. इन संस्थाओं में संसाधनों के अभाव में अब तक ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. हालांकि तकनीकी प्रगति को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा आज की जरूरत बन चुकी है.


महामारी को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा की जरूरत
कोविड-19 महामारी को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा की जरूरत महसूस की जा रही थी. स्मार्ट टीवी का दान करने वाले दंपति ने विभाग को यह भरोसा भी दिलाया है कि वे सभी संस्थाओं में आवश्यकता के अनुसार ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा और स्मार्ट टीवी पर ऑनलाइन शिक्षा का प्रशिक्षण भी दिलाएंगे, जिससे इन संस्थाओं में रहने वाले बच्चों के सुनहरे भविष्य का सपना साकार किया जा सके. उन्होंने बताया कि जल्द ही इन सभी स्मार्ट टीवी को विभिन्न जिलों में स्थित बाल सुधार और संरक्षण गृहों में स्थापित किया जाएगा.


कौन है पॉलोमी पाविनी शुक्ला
सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता पॉलोमी पावनी शुक्ला लखनऊ की निवासी हैं, जो कि देश में अनाथ बच्चों की स्थिति में सुधार लाने के लिए पिछले कई सालों से प्रयासरत हैं. उन्होंने देश के अनाथ बच्चों की दयनीय स्थिति पर एक पुस्तक 'वीकेस्ट ऑन अर्थ-ऑर्फेंस आफ इंडिया' भी लिखी है. अनाथ बच्चों के अधिकारों को लेकर उनकी एक जनहित याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. उनके पति प्रशांत शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा 2012 बैच के अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश में ही कार्यरत हैं.

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