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जल निगम भर्ती घपले में आजम खान के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करेगी SIT

सपा सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. उनपर अब एक नई मुसीबत मडराने लगी है. जल निगम में हुए भर्ती घपले में उन्हें एसेआईटी ने दोषी पाया है. जिसको लेकर एसआईटी आजम समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करेगी.

आजम खान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
आजम खान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
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Published : Nov 28, 2020, 6:54 AM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव के लिए अब 1 साल का समय बचा है. ऐसे में सपा शासनकाल में हुए घायलों को लेकर जांच भी अब तेज हो गई है. लगातार सपा के पूर्व मंत्रियों पर भी एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. रामपुर के सांसद आजम खा की मुश्किलें पहले से ही कम नहीं थी लेकिन अब जल निगम में हुए भर्ती घपले में उन्हें एसआईटी ने दोषी पाया है. वहीं एसआईटी इस पूरे मामले में आजम खान समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र भी दाखिल करेगी. आजम खान फिलहाल अपने बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सीतापुर जेल में बंद है.

पुलिस मुख्यालय, लखनऊ
पुलिस मुख्यालय, लखनऊ
आजम खां के खिलाफ SIT आरोपपत्र करेगी दाखिल
सपा के कैबिनेट मंत्री रहे आजम खा की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. वह पहले ही अपने बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सीतापुर जेल में बंद है. ऐसे में अब जल निगम में सहायक अभियंता भर्ती घपले में एसआईटी ने उन्हें दोषी माना है. सूत्रों के हवाले से एसआईटी जल निगम के इस घपले में तकनीकी रूप से आजम खान को गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि वह पहले ही जेल में बंद है. ऐसे में जेल में उनके खिलाफ वारंट भी दाखिल कराया गया है. सांसद आजम खा को जेल से बाहर आने के लिए अन्य मामलों के साथ जल निगम भर्ती घोटाले के मामले में भी जमानत हासिल करनी होगी..क्या है जल निगम भर्ती घोटालासपा शासनकाल में 2016 में जल निगम में 300 पदों पर भर्तियां हुईं थी. इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर अनिमितताओं के आरोप लगे थे. वहीं 2017 में प्रदेश की योगी सरकार आई, तो इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ. एसआईटी ने जल निगम मुख्यालय में छापा मारकर भर्ती से संबंधित मुख्य पत्रावली अपने कब्जे में ले ली. इस मामले में एसआईटी ने भर्ती परीक्षा संचालित करने वाली एजेंसी से लेकर कई अधिकारियों की जांच करायी. शासन से मिली अनुमति के आधार पर एसआईटी ने 2018 में ही पूर्व मंत्री आजम खान, जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी, नगर विकास के पूर्व सचिव एसपी सिंह, पूर्व मंत्री आजम के तत्कालीन ओएसडी सैयद आफाक अहमद व चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, खंडयंत्र, साक्ष्य छिपाने, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी.

लखनऊः उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव के लिए अब 1 साल का समय बचा है. ऐसे में सपा शासनकाल में हुए घायलों को लेकर जांच भी अब तेज हो गई है. लगातार सपा के पूर्व मंत्रियों पर भी एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. रामपुर के सांसद आजम खा की मुश्किलें पहले से ही कम नहीं थी लेकिन अब जल निगम में हुए भर्ती घपले में उन्हें एसआईटी ने दोषी पाया है. वहीं एसआईटी इस पूरे मामले में आजम खान समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र भी दाखिल करेगी. आजम खान फिलहाल अपने बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सीतापुर जेल में बंद है.

पुलिस मुख्यालय, लखनऊ
पुलिस मुख्यालय, लखनऊ
आजम खां के खिलाफ SIT आरोपपत्र करेगी दाखिल
सपा के कैबिनेट मंत्री रहे आजम खा की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. वह पहले ही अपने बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सीतापुर जेल में बंद है. ऐसे में अब जल निगम में सहायक अभियंता भर्ती घपले में एसआईटी ने उन्हें दोषी माना है. सूत्रों के हवाले से एसआईटी जल निगम के इस घपले में तकनीकी रूप से आजम खान को गिरफ्तार कर लिया है, क्योंकि वह पहले ही जेल में बंद है. ऐसे में जेल में उनके खिलाफ वारंट भी दाखिल कराया गया है. सांसद आजम खा को जेल से बाहर आने के लिए अन्य मामलों के साथ जल निगम भर्ती घोटाले के मामले में भी जमानत हासिल करनी होगी..क्या है जल निगम भर्ती घोटालासपा शासनकाल में 2016 में जल निगम में 300 पदों पर भर्तियां हुईं थी. इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर अनिमितताओं के आरोप लगे थे. वहीं 2017 में प्रदेश की योगी सरकार आई, तो इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन हुआ. एसआईटी ने जल निगम मुख्यालय में छापा मारकर भर्ती से संबंधित मुख्य पत्रावली अपने कब्जे में ले ली. इस मामले में एसआईटी ने भर्ती परीक्षा संचालित करने वाली एजेंसी से लेकर कई अधिकारियों की जांच करायी. शासन से मिली अनुमति के आधार पर एसआईटी ने 2018 में ही पूर्व मंत्री आजम खान, जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसुदानी, नगर विकास के पूर्व सचिव एसपी सिंह, पूर्व मंत्री आजम के तत्कालीन ओएसडी सैयद आफाक अहमद व चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, खंडयंत्र, साक्ष्य छिपाने, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी.
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