लखनऊ: नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों की जांच एसआईटी करेगी. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र लिखकर सभी जिले के कप्तानों को निर्देशित किया है. डीजीपी ने कहा है कि किसी भी हाल में किसी बेकसूर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न होने पाए, इसके लिए एसपी क्राइम या एसपी सिटी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर मुकदमों की जांच की जाएगी.
प्रदेश भर में हुआ था हिंसक प्रदर्शन
19 दिसंबर के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इन प्रदर्शनों में 12 से अधिक लोगों की जान चली गई. हिंसक प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शन के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में मुकदमे दर्ज किए गए हैं. हजारों लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.
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निर्दोष के खिलाफ न होने पाए कार्रवाई
इस कार्रवाई के बाद लगातार सवाल उठ रहे हैं कि कई निर्दोषों के खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने सक्रियता दिखाते हुए अधिकारियों को पत्र लिखकर दर्ज किए गए मुकदमे की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश जारी किए हैं. अपने पत्र में डीजीपी ओपी सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए लिखा है कि किसी भी हालत में किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई न होने पाए.