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लखनऊ: प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मुकदमों की जांच करेगी एसआईटी - उत्तर प्रदेश समाचार

सीएए और एनआरसी को लेकर राजधानी लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए. इन प्रदर्शनों के बाद हजारों लोगों की गिरफ्तारी हुई है. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि किसी बेकसूर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न होने पाए, इसके लिए एसआईटी का गठन कर मुकदमों की जांच की जाएगी.

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डीजीपी ओपी सिंह (फाइल फोटो).
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Published : Dec 26, 2019, 11:35 PM IST

लखनऊ: नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों की जांच एसआईटी करेगी. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र लिखकर सभी जिले के कप्तानों को निर्देशित किया है. डीजीपी ने कहा है कि किसी भी हाल में किसी बेकसूर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न होने पाए, इसके लिए एसपी क्राइम या एसपी सिटी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर मुकदमों की जांच की जाएगी.

प्रदेश भर में हुआ था हिंसक प्रदर्शन
19 दिसंबर के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इन प्रदर्शनों में 12 से अधिक लोगों की जान चली गई. हिंसक प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शन के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में मुकदमे दर्ज किए गए हैं. हजारों लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.

ये भी पढ़ें- नागरिकता विरोध पर चौकन्नी हुई उप्र सरकार, जुमे को देखते हुए बंद की गईं कई जिलों की इंटरनेट सेवाएं

निर्दोष के खिलाफ न होने पाए कार्रवाई
इस कार्रवाई के बाद लगातार सवाल उठ रहे हैं कि कई निर्दोषों के खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने सक्रियता दिखाते हुए अधिकारियों को पत्र लिखकर दर्ज किए गए मुकदमे की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश जारी किए हैं. अपने पत्र में डीजीपी ओपी सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए लिखा है कि किसी भी हालत में किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई न होने पाए.

लखनऊ: नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों की जांच एसआईटी करेगी. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र लिखकर सभी जिले के कप्तानों को निर्देशित किया है. डीजीपी ने कहा है कि किसी भी हाल में किसी बेकसूर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई न होने पाए, इसके लिए एसपी क्राइम या एसपी सिटी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर मुकदमों की जांच की जाएगी.

प्रदेश भर में हुआ था हिंसक प्रदर्शन
19 दिसंबर के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई अन्य जिलों में नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इन प्रदर्शनों में 12 से अधिक लोगों की जान चली गई. हिंसक प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. प्रदर्शन के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में मुकदमे दर्ज किए गए हैं. हजारों लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है.

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निर्दोष के खिलाफ न होने पाए कार्रवाई
इस कार्रवाई के बाद लगातार सवाल उठ रहे हैं कि कई निर्दोषों के खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने सक्रियता दिखाते हुए अधिकारियों को पत्र लिखकर दर्ज किए गए मुकदमे की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश जारी किए हैं. अपने पत्र में डीजीपी ओपी सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए लिखा है कि किसी भी हालत में किसी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई न होने पाए.

Intro:एंकर लखनऊ। नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शन की जांच एसआईटी करेगी। उत्तर प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने पत्र लिखकर सभी जिले के कप्तानों को निर्देशित किया है। डीजीपी ने कहा है कि किसी भी हाल में किसी बेकसूर के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही न होने पाए, इसके लिए एसपी क्राइम या एसपी सिटी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर मुकदमों की जांच की जाएगी। इस पत्र के माध्यम से डीजीपी ओपी सिंह ने संबंधित जिले के डीआईजी, आईजी, एडीजी को भी हिंसक प्रदर्शन को लेकर दर्ज किए गए मुकदमे की जांच में निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।


Body:वियो 19 दिसंबर के बाद प्रदेश की राजधानी लखनऊ सहित कई अन्य जनपदों में नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। जिसमें 1 दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई। कई दर्जन वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। हिंसक प्रदर्शन के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सैकड़ों की संख्या में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। हजारों लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। पुलिस की इस कार्यवाही के बाद लगातार सवाल उठ रहे है कि कई निर्दोषों के खिलाफ खिलाफ भी पुलिस कार्यवाही हुई है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने सक्रियता दिखाते हुए अधिकारियों को पत्र लिखकर हिंसक प्रदर्शन को लेकर दर्ज किए गए मुकदमे की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश जारी किए हैं। अपने पत्र में डीजीपी ओपी सिंह ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए लिखा है कि किसी भी हालत में किसी निर्दोष के खिलाफ कार्यवाही न होने पाए।


Conclusion:(संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26)
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