लखनऊ: कानपुर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर केस की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है. अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में बनी 3 सदस्य जांच कमेटी जल्द ही शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. सूत्रों के अनुसार, 57 सौ पेज की जांच रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया गया है.
कानपुर बिकरू कांड के मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर प्रदेश सरकार पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे थे. इसके बाद सीएम योगी ने इसकी जांच एसआईटी को सौंपी थी. एसआईटी जांच टीम में अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी, अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रविंदर गौड शामिल किए गए थे. 3 सदस्यों वाली जांच टीम ने बिकरू कांड की जांच हर पहलू पर की है. तीनों अधिकारियों ने कानपुर के घटनास्थल व एनकाउंटर के घटनास्थल सहित अन्य स्थानों का दौरा किया. इस दौरा बिकरू गांव के लोगों से भी टीम ने पूछताछ की. अब एसआईटी ने करीब 57 सौ अधिक पेज की जांच रिपोर्ट तैयार की है.
सूत्रों के अनुसार, पूरे घटनाक्रम को लेकर जांच अधिकारियों ने एसटीएफ एनकाउंटर में मारे गए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके करीबियों का साथ देने वाले पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता सहित कई बिंदुओं पर विस्तार से जांच की है. जांच में कई पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी भी दोषी हो सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी की जांच में यह बात सामने आई है कि हिस्ट्रीशीटर के गैंग को संरक्षण देने में स्थानीय पुलिस का पूरा सहयोग रहा. पुलिस इनपुट के आधार पर ही विकास दुबे अलर्ट हुआ और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिसकर्मियों की हत्या की थी. वहीं यह भी बताया जा रहा है कि एनकाउंटर पर जो सवाल उठ रहे थे. उसे एसआईटी ने अपनी जांच में सही नहीं पाया है. एसआईटी ने मुठभेड़ को सही बताया है. हालांकि जांच रिपोर्ट शासन को सौंपने के बाद इसके औपचारिक खुलासे और आगे की होने वाली कार्रवाई की सही जानकारी होगी.