लखनऊ : राजधानी लखनऊ के मोती महल लाॅन में सात दिवसीय सिल्क एक्सपो का आगाज हो चुका है. इस बार यहां 18 प्रदेशों से कारीगर आए हैं. गुजरात, कश्मीर समेत विभिन्न प्रदेशों से आए कारीगर अपने विशेष कारीगरी वाले कपड़ों की दुकान लगाए हैं. बीते 31 वर्षों से यह सिल्क एक्सपो आयोजित हो रहा है. सिल्क एक्स्पो में कांजीवरम उपाड़ा, गढ़वाल पटोला, बंगलुरू सिल्क, कांथा वर्क, डकारी जामदानी, पैठानी, बनारसी, भागलपुरी की साड़ियों, कश्मीरी पश्मीना साड़ी, सूट सॉल जैकेट स्टोल आदि बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. सिल्क एक्स्पो व सेल में दे भर से आए सिल्क बुनकरों व डिजाइनरों ने अपने-अपने प्रदेश की संस्कृति काव्य और त्यौहारों को परिधानों पर छापा है. सिल्क एक्सपो 15 जनवरी तक सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी.
सिल्क एक्सपो में बहुत सी महिलाएं खरीदारी करने के लिए पहुंचीं. रागिनी ने बताया कि सिल्क एक्सपो में बहुत अच्छी-अच्छी क्वालिटी की साड़ियां उपलब्ध हैं. स्पेशली यहां पर इतने अलग-अलग प्रदेशों के विशेष कारीगरी वाली साड़ियां उपलब्ध हैं. फिलहाल मैं अभी दो साड़ियां पसंद की हैं, क्वालिटी में बहुत अच्छी है और स्पेशली यह सिल्क है तो सिल्क की कारीगरी और पैटर्न बहुत शानदार होता है. यहां वैवाहिक व विंटर कलेक्शन की अच्छे किफायती दरों में आकर्षण छूट पर उपलब्ध है. जिसमें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के बेहतरीन कलेक्शन हैं.
संजना ने ईटीवी को बताया कि वैसे तो मैं कोलकाता से हूं, लेकिन राजधानी लखनऊ में रहकर पढ़ाई की है. मौजूदा समय में भी लखनऊ में ही रहती हूं. कोलकाता की कारीगरी से मैं बहुत अच्छी तरह से वाकिफ हूं क्योंकि हमारे दादा-दादी और नाना नानी वहीं से हैं तो हमारे घर में बहुत सारी चीजें कोलकाता की हैं, खास करके कपड़े. वहां की साड़ियां बहुत स्पेशल होती हैं, यहां पर जो साड़ियां उपलब्ध हैं, वह प्रॉपर कोलकाता वाली हैं. बहरहाल मुझे एक साड़ी पसंद आई है जो दिखने में बहुत अच्छी है. सिल्क महोत्सव में बहुत सारी चीजें उपलब्ध हैं.
उमंग सिल्क एक्स्पो के आयोजक आशीष कुमार गुप्ता ने बताया कि एक्स्पो व सेल में देश भर से आए सिल्क बुनकरों व डिजाइनरों ने अपने-अपने प्रदेश संस्कृति काव्य और त्यौहारों को सिल्क पर छापा है. लखनऊ में आयोजित उमंग सिल्क एक्स्पो का मकसद देशभर के सिल्क उत्पादों का एक ही छत के तले प्रदर्शित करना है. सिल्क एक्स्पो में कांजीवरम उपाड़ा, गढ़वाल पटोला, बंगलुरु सिल्क, कांथा वर्क, डकारी जामदानी, पैठानी, बनारसी, भागलपुरी की साड़ियां, कश्मीरी पश्मीना साड़ी, सूट सॉल जैकेट स्टोल आदि बिक्री के लिए उपलब्ध है.
प्रदर्शनी में गुजरात की पटोला सिल्क, तेलांगना की उपाड़ा, सिल्क तमिलनाडु की कांजीवरम सिल्क, महाराष्ट्र की पैठानी सिल्क पर गई कलाकारी लोगों को अपनी ओर खींच रही है. प्रदर्शनी में पश्चिम बंगाल के काला हस्ती से आए बुनकर ने भगवान श्रीकृष्ण के नौका विहार का दृश्य सिल्क पर पेंट किया किया है. साड़ियों पर बनी डिजाइनों में कश्मीरी केशर की डिजाइन के साथ ही कश्मीरी कहवा भी है. इसके अलावा प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ से कोसा, घिचा, मलबरी रॉ सिल्क, एब्लॉक प्रिंटेड सिल्क साड़ी गुजरात से बंधनी, पटोला कच्छ एम्ब्रोयडरी, मिरर वर्क एवं डिजाइनर कुर्ती, मध्य प्रदेश से चंदेरी, महेश्वरी काटन एंड सिल्क साड़ी सूट, डकारी जामदानी एवं बनारसी सिल्क, तान्चोयी सिल्क, मैसूर सिल्क की साड़ियों के साथ धर्मावरम तस्सर, ढाका, डिजाइनर ब्लाउज, सलवार सूट, पंजाब की फुलकारी वर्क सूट व साड़ी हैदराबाद की हैवी नेकलेस, नोज पिन, रिंग, बैंगल्स, मांग टीका, कमरबंद और मुंबई वेस्टर्न पैटर्न ज्वैलरी व पालकी ज्वैलरी भी है.
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