रायबरेली: झूठी शान की खातिर बेटी और उसके प्रेमी की हत्या करने वाले पिता सहित दो को सेशन कोर्ट ने आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. दोनों लोगों को पहले भी प्रतापगढ़ सेशन कोर्ट ने युवती की हत्या के मामले में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि दोनों को बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी. इस बार रायबरेली सेशन कोर्ट ने ये सजा युवक की हत्या करने के लिये सुनाई है.
मामले की जानकारी देते हुए सरकारी वकील दिनेश बहादुर सिंह ने बताया कि ये मामला सलोन थाने क्षेत्र में 9 सितंबर 2011 का है. जिसमें वादी जमुना प्रसाद यादव निवासी ग्राम गोंडे थाना कोतवाली सदर जिला प्रतापगढ़ ने सलोन कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें बताया कि उसके पुत्र अविनाश चन्द्र यादव और गांव के ही नवाब अली उर्फ नब्बू की बेटी सब्बो के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों घर से भाग गए थे. जिसके बाद नवाब अली दोनों को पकड़कर गांव ले आया.
मामले को लेकर गांव में पंचायत बैठी और पंचायत ने दोनों को साथ रहने का फैसला सुनाया. जिसके बाद युवती उसके बेटे के साथ गांव छोड़कर चली गई. फिर उसे फोन आया कि उसके बेटे का शव सलोन थाना क्षेत्र में पड़ा है. उसने मौके पर जाकर शिनाख्त की. उसने पुलिस को बताया कि उसके बेटे की हत्या नवाब अली ने अपने साले सुग्गन निवासी ग्राम घरोरा जिला प्रतापगढ़ व अन्य लोगों के साथ मिलकर की है. पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर लिया था. मंगलवार को 14 साल बाद सेशन कोर्ट के अपर जिला और सत्र न्यायाधीश एफसीटी प्रथम विद्या भूषण पांडे ने नवाब अली उर्फ नब्बू और सुग्गन को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 60-60 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है.
सरकारी वकील ने ये भी जानकारी देते हुए बताया कि नब्बू ने बेटी की हत्या करके प्रतापगढ़ जिले में शव को फेंक दिया था. इस मामले में भी प्रतापगढ़ सेशन कोर्ट ने 17 अक्टूबर 2020 में दोनों लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिसके बाद हाईकोर्ट से जमानत पाकर दोनों बाहर थे.