लखनऊ: इन दिनों पूरे देश में नवरात्र की धूम मची है. सभी भक्त लोग मां की आराधना में जुटे हैं. वहीं सोमवार को नवरात्र का अंतिम दिन है. इसके बाद दशहरा मनाया जाता है. वहीं शास्त्रों में इसी दिन शमी के पौधे और शमी के वृक्ष की पूजा का भी विधान बताया गया है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने पंडित उमाशंकर मिश्र ने खास बातचीत की और जाना कि दशहरे के दिन शस्त्रों की कैसे पूजा की जाए.
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नवरात्र के 9 दिन होते हैं महत्वपूर्ण
पंडित उमाशंकर मिश्र ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि पूरा देश नौ दिनों तक मां के 9 रूपों की आराधना करता है, उसके बाद दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त की थी.
दशहरा पर होता है शस्त्र पूजन
पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इस दिन सभी लोग शस्त्र पूजन भी करते हैं. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि इस दिन शस्त्र का पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं. पंडित उमाशंकर ने जानकारी दी कि भगवान श्रीकृष्ण और हनुमान जी भी अपने साथ शस्त्र रखते हैं.
दशहरे के दिन शमी की पूजा का है विधान
पंडित उमाशंकर मिश्र ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि दशहरे के दिन सभी लोगों को शमी के पौधे की जरूर पूजा करनी चाहिए. शमी शक्ति का परिचायक है. वहीं भगवान श्रीराम ने भी दशहरे के दिन शमी के पौधे की पूजा की थी.
पूजा करने से होते हैं कई फायदे
दशहरे के दिन शमी के पूजन से धन धान्य में वृद्धि होती है. आज के दिन शमी की पत्तियों को अपने पर्स या धन की जगह पर रखने से बरकत आती है.
शुभ मुहूर्त में करें शस्त्रों की पूजा
पंडित उमाशंकर मिश्र ने बताया कि दशहरे वाले दिन पूजा का समय बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सूर्य निकलने से लेकर दोपहर 1 बजकर 35 मिनट तक शुभ मुहर्त है. इस समय में पूजा करने से मनचाही मनोकामना पूरी होती है.