लखनऊ : एक तरफ भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी दे रही है. वहीं दूसरी तरफ ई ऑटो शोरूम मालिक वाहनों की बिक्री पर 10 हजार से लेकर 50 हजार रुपये अतिरिक्त खरीदारों से वसूली कर रहे हैं. यह वसूली आरटीओ सरचार्ज के नाम पर हो रही है. हाल ही में यूनियन की तरफ से इस गंभीर मामले की शिकायत हुई. जिसके बाद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने आरटीओ को नोटिस भेजा. आरटीओ की तरफ से शोरूम संचालकों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है. दूसरा स्पष्टीकरण आरटीओ प्रशासन की तरफ से तीन दिन के अंदर देने को कहा गया है. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर भी मामले पर नजर रखे हैं.
ट्रांसपोर्टनगर स्थित आरटीओ कार्यालय में काम करने के नाम पर शोरूम मालिक इलेक्ट्रिक ऑटो खरीदारों को लूट रहे हैं. आरटीओ की तरफ से जिस काम के लिए सिर्फ ₹2100 फीस निर्धारित है. उसके बदले में वाहन स्वामियों से शोरूम मालिक साढ़े 10 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक वसूल रहे हैं. इलेक्ट्रिक ऑटो बेचने वाली कंपनियां लूट मचा रही हैं. बीती 28 अगस्त को लखनऊ स्थित पियाजिओ ई-ऑटो थ्रीव्हीलर के डीलर की तरफ से परिवहन विभाग व चार्जर के नाम एक्स-शोरूम कीमत 3 लाख 36 हजार के सापेक्ष लगभग 50 हजार रुपये अधिक धनराशि वसूलने की शिकायत टेम्पो टैक्सी एवं ऑटो रिक्शा संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह से की थी.
शिकायत में कहा गया था कि परिवहन विभाग की फीस, चार्जर व अर्थिंग के नाम पर ये वसूली हो रही है. यह भी बताया गया कि डीलर ने अब तक 600 ई-ऑटो बेचे हैं. 600 ई-ऑटो बेचने पर लगभग तीन करोड़ रुपये की अवैध वसूली की जा चुकी है. डीलर की तरफ से ई-ऑटो चालकों से हजारों रुपये की अवैध वसूली को वापस कराए जाने, अवैध वसूली के संबंध में डीलर गोयल मोटर सेल्स पर मुकदमा दर्ज किए जाने और उसका ट्रेड लाइसेंस भी निरस्त भी किए जाने की मांग की गई है. परिवहन आयुक्त ने एआरटीओ (प्रशासन) को उक्त डीलर की अवैध वसूली की जांच कर ट्रेड लाइसेंस निरस्त करने के आदेश दिए थे. डीलर को जवाब देने के लिए बाकायदा ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, आरटीओ, एआरटीओ की तरफ से नोटिस जारी की गई. तीन दिन में स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए, लेकिन समय बीत जाने के बावजूद डीलर का क्या जवाब आया, यह भी अधिकारी नहीं बता रहे हैं.
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