लखनऊ: उत्तर प्रदेश में चर्चित शाईन सिटी घोटाला मामले की विवेचना के दौरान आरोपियों को लाभ देने के लिए रिश्वत और जमीन की मांगी गई थी. इस मामले के अभियुक्त आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन में तैनात दरोगा सांवल प्रसाद की अग्रिम जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है.
वकील महेश कुमार त्रिपाठी ने लखनऊ जिला अदालत में बताया कि मामले की रिपोर्ट ईओडब्लू के अपर पुलिस अधीक्षक ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया था कि ईओडब्लू में वर्ष 2021 से तैनात दरोगा सांवल प्रसाद को शाइन सिटी के 18 मामलों की विवेचना दी गई थी. इसी दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को एक ऑडियो रिकॉर्डिंग मिली. जिसमें आरोपी दरोगा शाइन सिटी से सम्बंधित आरोपियों और इस मामले के संदिग्धों से विवेचना में अनुचित लाभ देने के लिए रिश्वत में जमीन और पैसे की मांग कर रहा था. इस पर दारोगा से विवेचना वापस लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की संस्तुति की गई. इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि उच्चाधिकारियों ने मामले की जांच वादी को दी. जिसमें पता चला कि वादी आरोपी दरोगा इस मामले में दुर्गेश सोनी के पास गया था. आरोपी ने दुर्गेश के कर्मचारियों को धमकाने के साथ ही दुर्गेश से 4 लाख रुपये या 4 हजार वर्ग फीट ज़मीन की मांग की थी. वादी ने दरोगाकी इस मांग की रिकॉर्डिंग कर ली थी.
हैलो राइड के आजम सिद्दीकी की जमानत खारिजः वहीं, लखनऊ में हेलो राइड में पैसा निवेश करके मोटा मुनाफा के लालच दे कर निवेशकों के लाखों रुपये हड़पने के आरोपी मुहम्मद आजम अली उर्फ आजम सिद्दीकी की जमानत अर्जी को एडीजे अजय श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया. कोर्ट में सरकारी वकील मनीष रावत ने बताया कि वादी सीताराम ने विभूति खंड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने मुनाफे के लिए हैलो राइड में 3 लाख पांच हजार रुपये निवेश किए थे. लेकिन आरोपियों ने वादी को मुनाफा नहीं दिया. इसके साथ ही उसका पैसा भा हड़प लिया.
यह भी पढ़ें- Allahabad High Court : हाईकोर्ट ने रोका हड़ताली बिजली कर्मचारियों के नेताओं का वेतन