लखनऊ : लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के लिए जहां 6 मई को वोट डाला जाएगा. वहीं पांचवे चरण में लखनऊ लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है, जिसे लेकर सियासत गर्म होती नजर आ रही है.
लखनऊ लोकसभा सीट क्यों है खास
- लखनऊ सीट पर 6 मई को मतदान होना है.
- पांचवे चरण में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ से शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम शत्रुघ्न सिन्हा चुनाव लड़ रहीं हैं.
- पूनम सिन्हा के आने से लखनऊ का मुकाबला रोचक हो गया है.
- वहीं भाजपा से लखनऊ लोकसभा सीट से गृहमंत्री राजनाथ सिंह चुनावी मैदान में हैं.
- लखनऊ लोकसभा सीट पर बीजेपी एक लंबे वक्त से जीत हासिल करती आई है, लेकिन सपा-बसपा और आरएलडी के गठबंधन के बाद से लखनऊ की सीट पर बीजेपी पर भी खतरा मंडरा रहा है.
- वहीं दूसरी ओर संत समाज से आने वाले और मुस्लिम समाज में भी अपनी पकड़ रखने वाले कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लखनऊ की लड़ाई को और दिलचस्प कर दी हैं.
क्यों गर्म होती जा रही है लखनऊ की सियासत
- गठबंधन उम्मीदवार पूनम सिन्हा और कांग्रेस के आचार्य प्रमोद कृष्णम ने शिया सूफी धर्मगुरुओं से मुलाकात कर समर्थन मांगा था.
- वहीं देश के गृहमंत्री और भाजपा के लखनऊ से उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने भी धर्मगुरुओं से मुलाकात की थी.
- इसके बाद से मुस्लिम वोटों को लेकर सभी जोड़तोड़ में लगे थे, लेकिन शनिवार को धर्मगुरुओं ने एक प्रेस वार्ता बुलाकर राजनाथ सिंह के समर्थन का एलान कर दिया है. इससे अब लखनऊ की राजनीति और गरमा गई है.
वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद के साथ सूफी धर्मगुरुओं ने प्रेस वार्ता में कहा-
- लखनऊ की सीट पर लड़ रहे सभी उम्मीदवारों ने हमसे मुलाकात की थी, लेकिन देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह से हमारे डेलिगेशन ने मिलकर अपनी मांगे उनके समक्ष रखी.
- इसके बाद उनकी तरफ से आश्वासन मिलने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे है कि हम लोग राजनाथ सिंह के साथ है.
- यह एलान भाजपा के लिए नहीं है, लेकिन राजनाथ सिंह के लिए है.
- हम अवाम से अपील करते है कि और किसी भी जगह पर जो भी प्रत्याशी उन्हें ठीक लगे, जिसका आरोपी रिकॉर्ड न रहा हो उसको जिताया जाए.
- एक ओर जहां बीजेपी में साध्वी प्रज्ञा जैसे लोग तो वहीं दूसरी ओर राजनाथ सिंह जैसी छवि वाले लोग भी है. इसलिए यह जरूरी हो गया है कि राजनाथ सिंह को जिताया जाए.