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प्राथमिक विद्यालयों में दूर की जाएगी छात्रों के बैठने की समस्या - लखनऊ प्राथमिक स्कूलों में बैठने की समस्या

राजधानी लखनऊ के बक्शी तालाब स्थित भौली गांव के प्राथमिक विद्यालय में छात्रों के लिए उचित कमरों का प्रबंध नहीं है. जिसके चलते बच्चों को पढ़ाई में काफी समस्या हो रही है. देखिए रिपोर्ट-

भौली गांव का प्राथमिक विद्यालय.
भौली गांव का प्राथमिक विद्यालय.
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Published : Dec 28, 2020, 1:14 PM IST

लखनऊ: जहां एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर दिन पर दिन कार्य कर रही है, वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बक्शी तालाब स्थित भौली गांव के प्राथमिक विद्यालय में छात्रों के लिए उचित कमरों का प्रबंध न होने के चलते बच्चों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में बीएसए ने बताया कि स्कूल में छात्रों के बैठने की उचित व्यवस्था जल्द की जाएगी.

जानिए, लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय की स्थिति.
नाजुक स्थिति में है छत

भौली गांव निवासी राम नरेश ने बताया कि प्राथमिक विद्यलयों में 200-250 बच्चे पढ़ते हैं. जबकि छात्रों के बैठने के लिए स्कूल में सिर्फ दो ही कमरे हैं, जो पहले के बने हुए हैं. इन कमरों की हालत जजर्र हो चुकी है, वह कभी भी गिर सकती है. पूरे कमरों में पेड़ों की जड़ें फैली हुई हैं. कमरों की छत भी काफी नाजुक स्थिति में है. जिसके चलते उन कमरों को बंद कर दिया गया है. स्कूल में बैठने की व्यवस्था न होने से छात्रों के पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही है. कुछ लोग तो डर की वजह से भी अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं. क्योंकि बच्चे ज्यादातर उन्ही कमरों में खेलने लगते हैं, जिन कमरों की स्थिति नाजुक है.

स्कूल के कमरे में पेड़ की जड़ें फैलीं.
स्कूल के कमरे में पेड़ की जड़ें फैलीं.
शासन को भेजा गया पत्र

इस पूरे मामले में बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि भौली गांव में प्राथमिक विद्यालय का मामला संज्ञान में है. छात्रों के पढ़ाई में कोई समस्या न आए इसके लिए पहले ही नए कमरों का प्रतिबंध करा दिया गया था. कोरोना के चलते काम में थोड़ी रुकावट आ गई थी, अभी वैसे भी परिषदीय स्कूल बंद हैं. बीएसए ने बताया कि जो जर्जर पड़े हुए कमरे हैं, उसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है. जवाब आते ही उन कमरों का भी निर्माण कराया जाएगा.

लखनऊ: जहां एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर दिन पर दिन कार्य कर रही है, वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बक्शी तालाब स्थित भौली गांव के प्राथमिक विद्यालय में छात्रों के लिए उचित कमरों का प्रबंध न होने के चलते बच्चों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में बीएसए ने बताया कि स्कूल में छात्रों के बैठने की उचित व्यवस्था जल्द की जाएगी.

जानिए, लखनऊ के प्राथमिक विद्यालय की स्थिति.
नाजुक स्थिति में है छत

भौली गांव निवासी राम नरेश ने बताया कि प्राथमिक विद्यलयों में 200-250 बच्चे पढ़ते हैं. जबकि छात्रों के बैठने के लिए स्कूल में सिर्फ दो ही कमरे हैं, जो पहले के बने हुए हैं. इन कमरों की हालत जजर्र हो चुकी है, वह कभी भी गिर सकती है. पूरे कमरों में पेड़ों की जड़ें फैली हुई हैं. कमरों की छत भी काफी नाजुक स्थिति में है. जिसके चलते उन कमरों को बंद कर दिया गया है. स्कूल में बैठने की व्यवस्था न होने से छात्रों के पढ़ाई में काफी दिक्कतें आ रही है. कुछ लोग तो डर की वजह से भी अपने बच्चों को पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं. क्योंकि बच्चे ज्यादातर उन्ही कमरों में खेलने लगते हैं, जिन कमरों की स्थिति नाजुक है.

स्कूल के कमरे में पेड़ की जड़ें फैलीं.
स्कूल के कमरे में पेड़ की जड़ें फैलीं.
शासन को भेजा गया पत्र

इस पूरे मामले में बीएसए दिनेश कुमार ने बताया कि भौली गांव में प्राथमिक विद्यालय का मामला संज्ञान में है. छात्रों के पढ़ाई में कोई समस्या न आए इसके लिए पहले ही नए कमरों का प्रतिबंध करा दिया गया था. कोरोना के चलते काम में थोड़ी रुकावट आ गई थी, अभी वैसे भी परिषदीय स्कूल बंद हैं. बीएसए ने बताया कि जो जर्जर पड़े हुए कमरे हैं, उसके लिए शासन को पत्र भेजा गया है. जवाब आते ही उन कमरों का भी निर्माण कराया जाएगा.

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